OBC महासभा ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। महासभा ने सरकार से संविधान संशोधन कर ओबीसी को 27% आरक्षण देने की मांग की है। साथ ही इस मुद्दे पर 2 जनवरी को मुख्यमंत्री आवास घेरने और जन महाआंदोलन करने की चेतावनी दी है।
ओबीसी महासभा के सदस्य पांच से छह सूत्रीय मांगों को लेकर सड़कों पर उतरेंगे. महासभा की मांग है कि ओबीसी की जातिगत जनगणना कराई जाए. नीट परीक्षा में 27 फीसदी आरक्षण दिया जाए.ओबीसी को संख्या के अनुपात में आरक्षण, शिक्षक भर्ती, MP PSC, CHO भर्ती परीक्षाओं में 27 फ़ीसदी आरक्षण लागू किया जाए. चयनित शिक्षकों को भी 27फीसदी आरक्षण दिया जाए.
बहुजनों की शक्ति का अहसास कराने 2 जनवरी को भोपाल आ रहा हूं @ChouhanShivraj। बैठा लो पुलिस का पहरा, दिखा लो सत्ता की ताकत। कोर्ट की आड़ लेकर पंचायत चुनाव में छीना OBC आरक्षण हम सरकार की सीने पर चढ़कर छीन लेंगे। लिख कर रख लो। जय भीम।
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) December 24, 2021
गौरतलब हैं कि भीम आर्मी चीफ ने भी ट्वीट कर 2 जनवरी को होने वाले महाआंदोलन जानकारी दी हैं उन्होंने कहा कि,बहुजनों की शक्ति का अहसास कराने 2 जनवरी को भोपाल आ रहा हूं @ChouhanShivraj बैठा लो पुलिस का पहरा, दिखा लो सत्ता की ताकत। कोर्ट की आड़ लेकर पंचायत चुनाव में छीना OBC आरक्षण हम सरकार की सीने पर चढ़कर छीन लेंगे। लिख कर रख लो। जय भीम।
इस सबंध में ओबीसी महासभा ने कहा कि 17 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव में OBC रिजर्वेशन खत्म कर दिया। जिसके लेकर 24 दिसंबर को जिला स्तर पर त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में OBC आरक्षण खत्म करने के विरोध में ज्ञापन प्रदर्शन किया गया था । ओबीसी महासभा की मांग है कि संविधान संशोधन कर 27% OBC आरक्षण को लागू किया जाए। संसद या नौवीं अनुसूची में इसे शामिल करें। ईडब्ल्यूएस कोटे की तरह संविधान संशोधन कर राज्यों में 27% OBC रिजर्वेशन लागू किया जाए। भाजपा सरकार पंचायत चुनाव में पिछड़ा वर्ग को 51% आरक्षण दें। अजा को 8% आरक्षण के विरुद्ध 16% आरक्षण दिया जाए। अजजा को 14% आरक्षण के विरुद्ध 20% आरक्षण दिया जाए। 2021 की जनगणना में ओबीसी समाज की जातीय जनगणना की जाए।
महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. आनंद राय ने कहा कि OBC आरक्षण पर हमें रोज रोज की किचकिच, मुकदमेबाजी, कोर्ट-कचहरी नहीं चाहिए। हमें संविधान संशोधन चाहिए। सरकार बोल रही है कि OBC आरक्षण के साथ ही चुनाव होंगे, लेकिन बता नहीं रही कैसे? सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अप्रभावी बनाने के लिए यह मुद्दा नौवीं अनुसूची में डाले बिना आरक्षण संभव नहीं है।
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