मायावती का बयान: बुलडोजर एक्शन पर पूरे देश के लिए एक समान गाइडलाइन्स की जरूरत

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मायावती ने सुप्रीम कोर्ट के बुलडोजर एक्शन पर आए फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस निर्णय का समर्थन किया और कहा कि यह कदम उस चिंताजनक प्रवृत्ति को रोकने में मददगार होगा, जिसमें बुलडोजर का प्रयोग विध्वंस और कानून का प्रतीक बनने लगा है।

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के बुलडोजर एक्शन पर आए फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। यह मामला तब चर्चा में आया जब उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में बुलडोजर का व्यापक रूप से उपयोग किया गया। बुलडोजर का इस्तेमाल अवैध निर्माण और अतिक्रमण को हटाने के लिए किया जाता है, लेकिन इसके व्यापक और अक्सर नकारात्मक प्रभावों के कारण कई लोगों ने इस पर सवाल उठाए। इसके चलते, सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई जिसमें बुलडोजर एक्शन पर रोक लगाने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए एक अक्टूबर तक बुलडोजर एक्शन पर रोक लगाने का आदेश दिया और कहा कि इस तरह के एक्शन से पहले कोर्ट की मंजूरी लेना अनिवार्य होगा। हालांकि, अतिक्रमण हटाने के अभियान और कुछ अन्य मामलों में रियायत दी गई है।

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मायावती ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा:

इस फैसले के बाद मायावती ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे एक बेहतर और स्वागत योग्य निर्णय करार दिया। उन्होंने इस निर्णय का समर्थन किया और कहा कि यह कदम उस चिंताजनक प्रवृत्ति को रोकने में मददगार होगा, जिसमें बुलडोजर का प्रयोग विध्वंस और कानून का प्रतीक बनने लगा है। मायावती ने कहा कि इस प्रकार की कार्रवाइयों को केवल एक कानूनी ढांचे के भीतर किया जाना चाहिए और पूरे देश के लिए एक समान गाइडलाइन्स की आवश्यकता है। उनका कहना था कि जब आम जनता बुलडोजर एक्शन से सहमत नहीं होती है, तो केंद्र सरकार को गाइडलाइन्स तैयार करनी चाहिए ताकि इस प्रक्रिया में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित किया जा सके।

मायावती ने केंद्र सरकार की आलोचना की

मायावती ने इस मामले को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि अगर पहले ही स्पष्ट गाइडलाइन्स बनाई जातीं, तो सुप्रीम कोर्ट को दखल देने की जरूरत नहीं पड़ती। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को संविधान और कानूनी राज के पालन की जिम्मेदारी निभानी चाहिए। उनके अनुसार, यदि इस मुद्दे पर सही समय पर उचित कदम उठाए गए होते, तो बहुत से विवाद और समस्याओं से बचा जा सकता था। उनके बयान ने न केवल सुप्रीम कोर्ट के फैसले का समर्थन किया, बल्कि एक व्यापक दृष्टिकोण की भी आवश्यकता पर जोर दिया, जिससे कि भविष्य में इस प्रकार की समस्याओं को अधिक प्रभावी तरीके से संबोधित किया जा सके। इस पूरे घटनाक्रम ने यह दिखाया कि आधुनिक तकनीक और विध्वंस कार्यों को जिम्मेदारी और संवेदनशीलता के साथ लागू करना कितना महत्वपूर्ण है।

चंद्रशेखर आजाद ने भी फैसले का स्वागत किया

चंद्रशेखर आजाद, जो आजाद समाज पार्टी के प्रमुख हैं, ने भी बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह एक सकारात्मक कदम है, क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी प्रकार के विध्वंस कार्य से पहले न्यायिक मंजूरी लेना अनिवार्य होगा। आजाद ने इसे एक महत्वपूर्ण कदम बताया जो अतिक्रमण और अवैध निर्माण की समस्याओं को कानूनी और पारदर्शी तरीके से हल करने में मदद करेगा।

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चंद्रशेखर आजाद ने इस फैसले को केंद्र और राज्य सरकारों के लिए एक चेतावनी के रूप में देखा और कहा कि अब सरकारों को इस दिशा में स्पष्ट और उचित गाइडलाइन्स तैयार करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यह निर्णय उन लोगों के लिए राहत की बात है जो अवैध विध्वंस की प्रक्रियाओं से प्रभावित हो रहे थे। आजाद ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया और इसे सभी प्रभावित पक्षों के लिए न्याय की राह खोलने वाला बताया।

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