बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस और भाजपा पर तीखा हमला बोला, कांग्रेस और भाजपा, दोनों ही पार्टियां आरक्षण को खत्म करने की कोशिश कर रही हैं। राहुल गांधी विदेश में जाकर आरक्षण को खत्म करने की बात करते हैं, लेकिन जब भारत में होते हैं तो वे आरक्षण का समर्थन करते हैं, जैसे गिरगिट अपना रंग बदलता है।
Haryana Election : हरियाणा के जींद में इनेलो द्वारा आयोजित एक बड़ी रैली, जो पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल की 111वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित की गई थी, राजनीतिक गलियारों में एक महत्वपूर्ण घटना बन गई। इस रैली में बसपा सुप्रीमो मायावती और इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला की उपस्थिति ने इसे और भी खास बना दिया।
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कांग्रेस और भाजपा पर तीखा हमला बोला
मंच से मायावती जी ने कांग्रेस और भाजपा पर तीखा हमला बोला, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी को निशाने पर लिया। मायावती ने राहुल गांधी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे विदेश में जाकर आरक्षण को खत्म करने की बात करते हैं, लेकिन जब भारत में होते हैं और चुनाव का माहौल होता है, तो वे आरक्षण का समर्थन करते हैं, जैसे गिरगिट अपना रंग बदलता है। उन्होंने इसे कांग्रेस की दोहरी राजनीति करार दिया और कहा कि दलितों और पिछड़े वर्गों के हक को बचाने के लिए जनता को अब जागरूक होना होगा। मायावती जी ने साफ कहा कि कांग्रेस और भाजपा, दोनों ही पार्टियां आरक्षण को खत्म करने की कोशिश कर रही हैं और अगर आरक्षण को बचाना है, तो इन दोनों दलों को वोट नहीं देना चाहिए।
नेता अभय चौटाला को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा
मायावती जी ने हरियाणा की जनता से वादा किया कि अगर बसपा-इनेलो गठबंधन की सरकार बनती है, तो इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। इसके साथ ही, हरियाणा की राजनीति में पहली बार दो उपमुख्यमंत्री होंगे—एक बसपा से और दूसरा अन्य पिछड़े वर्ग से। हालांकि, इन उपमुख्यमंत्रियों के नामों का खुलासा चुनाव परिणाम के बाद किया जाएगा। मायावती जी का यह ऐलान न सिर्फ एक राजनीतिक बयान था, बल्कि हरियाणा के राजनीतिक समीकरणों में बड़ा बदलाव लाने की क्षमता रखता है। उन्होंने यह भी कहा कि यह गठबंधन महज सत्ता में आने के लिए नहीं है, बल्कि यह हरियाणा के दलितों और पिछड़े वर्गों को सत्ता में सही प्रतिनिधित्व दिलाने के लिए है।
रैली में इतनी भीड़ थी कि हाईवे पर लंबा जाम लग गया
रैली में उमड़ी भारी भीड़ ने यह संकेत दिया कि हरियाणा की जनता इस गठबंधन की ओर उम्मीदों भरी नजरों से देख रही है। रैली में इतनी भीड़ थी कि जींद-पटियाला हाईवे पर लंबा जाम लग गया, जिससे साफ हो गया कि इनेलो और बसपा का गठबंधन राज्य की राजनीति में बड़ा असर डाल सकता है। इनेलो और बसपा ने 90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा में 53 सीटों पर इनेलो और 37 सीटों पर बसपा के उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है।
उपमुख्यमंत्री पद पर दलित और पिछड़े वर्गों को स्थान देने का ऐलान
मायावती जी ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि यह गठबंधन न सिर्फ एक राजनीतिक समझौता है, बल्कि यह सामाजिक न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि हरियाणा की राजनीति में दलितों और पिछड़े वर्गों को अब तक सिर्फ वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया गया है, लेकिन अब समय आ गया है कि उन्हें वास्तविक हिस्सेदारी मिले। मायावती जी के इस ऐलान ने हरियाणा की राजनीति में हलचल मचा दी है, क्योंकि यह पहली बार है जब किसी प्रमुख गठबंधन ने उपमुख्यमंत्री पद पर दलित और पिछड़े वर्गों को स्थान देने का ऐलान किया है। उनके इस भाषण ने कांग्रेस और भाजपा को भी सोचने पर मजबूर कर दिया कि वे दलित और पिछड़े वोट बैंक को कैसे साधेंगे।
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सरकार बनने पर पूरे राज्य में मुफ्त बिजली दी जाएगी
इस रैली में बसपा और इनेलो के नेताओं ने एकजुटता का संदेश देते हुए यह भी कहा कि उनका गठबंधन हरियाणा में बदलाव की लहर लाएगा। अभय चौटाला जी ने भी अपनी ओर से जनता को आश्वासन दिया कि अगर उनकी सरकार बनी, तो हरियाणा के किसानों, गरीबों और आम लोगों के लिए काम किया जाएगा। उन्होंने बिजली के मुद्दे पर मौजूदा सरकार को घेरते हुए कहा कि उनकी सरकार बनने पर पूरे राज्य में मुफ्त बिजली दी जाएगी और बिजली के मीटर उखाड़कर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के घर भिजवा दिए जाएंगे।
हरियाणा की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है
यह रैली हरियाणा की राजनीति में नए समीकरणों की ओर इशारा करती है, जहां बसपा और इनेलो का गठबंधन राज्य के दलितों और पिछड़े वर्गों को सत्ता में उनकी हिस्सेदारी दिलाने के लिए दृढ़ संकल्पित नजर आता है। यह गठबंधन न केवल चुनावी रणनीति है, बल्कि सामाजिक परिवर्तन की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिससे हरियाणा की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। जनता अब उम्मीद कर रही है कि यह गठबंधन उन्हें बेहतर भविष्य की ओर ले जाएगा, और हरियाणा में विकास और समृद्धि की नई राहें खोलेगा।
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