बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि जो लोग आरक्षण विरोधी है वह खुद बसपा को छोड़ कर चले जाए या पार्टी से निकाल दिया जाए। यही बसपा और और बसपा पार्टी के मूवमेंट के हित में होगा।
कुमारी मायावती हाल ही में फिर एक बार बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष चुनी गयी हैं। अध्यक्ष पद की कुर्सी संभालने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने सुप्रीम कोर्ट के SC/ST आरक्षण में वर्गीकरण व क्रीमी लेयर वाले फैसले पर अपना बयान जारी किया है। जिसमें उन्होंने बसपा के कार्यकर्ताओं को लेकर भी एक जरूरी सूचना दी है। उन्होंने सोशल मीडिया X पर एक के बाद एक 4 पोस्ट किए और सीधे तौर पर कहा कि, “जो लोग आरक्षण विरोधी है उनकी बसपा में कोई जगह नहीं है। साथ ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी का जिक्र करते हुए कांग्रेस को आड़े हाथ लिया और कहा कि इंडी गठबंधन की “फूट डालो, राज करो” की नीति नहीं चलेगी।
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BSP सताए गए लोगों की पार्टी:
बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने पहले ट्वीट में कहा, “SC/ST आरक्षण में वर्गीकरण व क्रीमी लेयर का मुद्दा इन वर्गों (दलित समाज) को बांटने वाला फैसला। बीएसपी जाति के आधार पर सदियों से तोड़े व सताए गए लोगों को जोड़कर ’बहुजन समाज’ बनाने का मानवतावादी मूवमेन्ट है। जिससे कोई समझौता संभव नहीं है। पार्टी इस मुद्दे को लेकर अति-गंभीर है।“ उन्होंने एक और ट्वीट करते हुए कहा, “इसको लेकर कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश व तमिलनाडु की सरकारों द्वारा मा. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले से ही जो वहाँ एससी व एसटी को बांटने की राजनीति की जा रही है वह ठीक नहीं है। ख़ासकर इस मामले में कांग्रेसी सरकारों का रवैया अति-निन्दनीय है।“
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जो वर्गीकरण व क्रीमी लेयर के पक्षधर वो पार्टी छोड़ दें :
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने आगे लिखा, “बीएसपी में रहते हुए जो लोग एससी/एसटी के वर्गीकरण व क्रीमी लेयर के कांग्रेस की तरह पक्षधर होकर बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की मिशनरी सोच नहीं रखते हैं। उनका बीएसपी में कोई स्थान नहीं है। अर्थात् एक के स्वार्थ में बाकी पूरे बहुजन समाज के हित की उपेक्षा करना ठीक नहीं है।
अतः ऐसी मानसिकता के लोग यदि पार्टी को छोड़कर खुद ही चले जाते हैं या उन्हें अलग कर दिया जाता है तो यह बीएसपी पार्टी व मूवमेन्ट के हित में उचित होगा। वैसे भी इसकी आड़ में अब कांग्रेस के इण्डिया गठबन्धन की फूट डालो, राज करो की रणनीति नहीं चलेगी। लोग सजग रहें।“
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