दिल्ली के किराड़ी में बीएसपी नेता आकाश आनंद ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला करते हुए उनकी नीतियों को दलित समाज के लिए धोखा बताया। उन्होंने शिक्षा नीति की खामियों, दलित बच्चों के साथ भेदभाव, और वादाखिलाफी के मुद्दों को उठाया। आकाश ने केजरीवाल की “फेंकने” की राजनीति पर कटाक्ष करते हुए बीएसपी को दलित समाज के लिए एकमात्र सच्चा विकल्प बताया।
दिल्ली की राजनीतिक जमीन पर एक बार फिर बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की नीतियों और वादों पर जमकर निशाना साधा। किराड़ी विधानसभा क्षेत्र में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए आकाश आनंद ने केजरीवाल सरकार की कार्यप्रणाली को न केवल विफल बताया, बल्कि इसे दिल्ली की जनता, खासतौर पर दलित समाज के लिए धोखा करार दिया।
अरविंद केजरीवाल का ‘दिल्ली संकट’: दलितों के खिलाफ आम आदमी पार्टी की राजनीति का पर्दाफाश
दिल्ली की जनता के साथ धोखा:
उन्होंने कहा, “केजरीवाल जितना फेंकते हैं, उन्हें तो ओलंपिक में होना चाहिए। शायद वहां भारत को मेडल ही दिला देते।” यह बयान जनता के बीच एक मजाकिया अंदाज में दिया गया लेकिन इसके पीछे छुपे गंभीर आरोपों ने आम आदमी पार्टी की साख पर सवाल खड़े कर दिए। आकाश आनंद ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने पिछले 11 सालों में दिल्ली की जनता को केवल वादों और प्रचार के सहारे छला है।
शिक्षा नीति की हकीकत: दलित बच्चों के भविष्य से खिलवाड़
आकाश आनंद ने विशेष रूप से शिक्षा नीति पर हमला बोलते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार का शिक्षा का “दिल्ली मॉडल” सिर्फ कागजों और विज्ञापनों में चमकता है, जबकि जमीनी सच्चाई बिल्कुल अलग है। उन्होंने कहा, “अगर कोई बच्चा नौवीं कक्षा में फेल हो जाए, तो उसे सुधारने के बजाय ओपन स्कूल भेज दिया जाता है। यह केजरीवाल सरकार की कायरता को दर्शाता है।” दलित समाज के बच्चे, जो पहले ही आर्थिक और सामाजिक भेदभाव झेल रहे हैं, इस तरह की नीतियों के कारण मुख्यधारा से बाहर हो जाते हैं।
आकाश आनंद ने कहा कि शिक्षा के नाम पर दलित समाज को सबसे ज्यादा धोखा दिया गया है। केजरीवाल ने वादा किया था कि दिल्ली के स्कूलों को विश्वस्तरीय बनाया जाएगा, लेकिन असल में उन्होंने बच्चों को केवल आंकड़ों का हिस्सा बना दिया।
केजरीवाल की फेंकने की राजनीति: दलित समाज पर असर
आकाश आनंद ने अपने भाषण में जोर देकर कहा कि केजरीवाल की “फेंकने” की राजनीति ने केवल दलित समाज को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा, “अगर केजरीवाल एथलीट होते तो लंबी फेंक में भारत को गोल्ड मेडल जरूर दिलाते, लेकिन नेता के रूप में उन्होंने सिर्फ जनता को गुमराह किया।” उन्होंने केजरीवाल पर आरोप लगाया कि उन्होंने दलित समुदाय के कल्याण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए और केवल चुनावी फायदे के लिए वादे किए।
दलित समाज की आवाज: आकाश आनंद का संकल्प
आकाश आनंद ने जनता को भरोसा दिलाया कि बीएसपी दलित समाज के हक के लिए हमेशा खड़ी रहेगी। उन्होंने कहा कि मायावती जी के नेतृत्व में बीएसपी ने हमेशा दलितों और पिछड़ों के अधिकारों की लड़ाई लड़ी है और आने वाले समय में भी लड़ती रहेगी। उन्होंने जनता से अपील की कि वे ऐसे “फेंकने वाले” नेताओं को सत्ता से बाहर करें और बीएसपी को मौका दें, जो उनके हक और अधिकारों के लिए ईमानदारी से काम करे।
निष्कर्ष
आकाश आनंद का यह बयान न केवल अरविंद केजरीवाल की नीतियों पर सवाल खड़े करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि दलित समाज के लिए बीएसपी एकमात्र विकल्प है। दिल्ली में दलितों और वंचितों के लिए उम्मीद की किरण बनने का दावा करते हुए उन्होंने केजरीवाल सरकार को “वादों और फरेब की सरकार” करार दिया। आकाश आनंद के इस जोरदार भाषण ने चुनावी माहौल में नई बहस छेड़ दी है।
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