कासगंज में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे दलित युवक के परिजनों ने मीडिया को बताया कि पुलिस कस्टडी में उनके बेटे को रातभर पीटा गया, और बाद में बाथरूम में फंदे पर लटका दिया गया, ताकि उसे आत्महत्या करार दिया जा सके…
Kasganj news : पुलिस हिरासत में मौतों और प्रताड़ना की घटनाओं में कीर्तिमान रचते यूपी में फिर से एक दलित युवक को प्रताड़ित किये जाने का मामला सामने आया है। कासगंज में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे दलित युवक के परिजनों ने मीडिया को बताया कि पुलिस कस्टडी में उनके बेटे को रातभर पीटा गया, और बाद में बाथरूम में फंदे पर लटका दिया गया, ताकि उसे आत्महत्या करार दिया जा सके। मरा हुआ समझकर ही पुलिस ने बाद में दरवाजा तोड़ने का नाटक भी किया, मगर चूंकि उसकी सांसें चल रही थीं इसलिए डाॅक्टर के पास ले जाना पड़ा और अब वह आईसीयू में भर्ती है।
क्विंट में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक दलित युवक गौरव के पिता ने आरोप लगाया है कि कासगंज पुलिस ने पुलिस कस्टडी में उनके बेटे को बुरी तरह से पीटा और जब उसकी हालत खराब होने लगी तो पुलिस ने खुदकुशी दिखाने की कोशिश की।
जानकारी के मुताबिक कासगंज के रसलुआ सुलेहपुर गांव के रहने वाले 20 वर्षीय दलित युवक गौरव को कथित तौर पर 6 दिन तक अमांपुर थाना पुलिस ने कस्टडी में रखा और छठे दिन ही कथित तौर पर उसके द्वारा आत्महत्या की कोशिश का मामला सामने आया। शुक्रवार 9 फरवरी की सुबह थाने के महिला शौचालय में गौरव मफलर से फंदा लगाकर जंगले में लटक हुआ पाया गया।फलहाल गौरव वेंटिलेटर पर जिंदगी की सांसें गिन रहा है और उसका मेडिकल कॉलेज अलीगढ़ में इलाज चल रहा है। हालत बहुत नाजुक होने के कारण उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है।
क्यों रखा गया था गौरव को हिरासत में
सामने आ रही जानकारी के मुताबिक एक नाबालिग लड़की के गायब होने का मामला सामने आने के बाद कासगंज जिले के अमापुर पुलिस थाने में 2 फरवरी 2024 को अज्ञात शख्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवायी गयी थी। इसी मामले में 3 फरवरी यानी अगले दिन अमांपुर थाना पुलिस 20 वर्षीय दलित युवक गौरव को पूछताछ के लिए लायी और उसके बाद से वह पुलिस हिरासत में था।
क्विंट से हुई बातचीत में गौरव के पिता रघुराज सिंह ने बताया कि 3 फरवरी को जब वह अपने बेटे से मिलने थाने पहुंचे तो पुलिस वालों ने बताया कि पूछताछ के लिए उनके बेटे को लाए हैं और कुछ देर में छोड़ देंगे, मगर उसे छोड़ा नहीं गया बल्कि गौरव को 6 दिन तक पुलिस थाने की कस्टडी में रखा गया। 9 फरवरी 2024 को जब परिजन गौरव से मिलने थाने पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि गौरव ने फांसी लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की है और उसे अस्पताल ले जाया गया है। वहीं गौरव के पिता रघुराज सिंह का आरोप है कि उनके बेटे की हिरासत में पिटाई हुई और हालत बिगड़ने के बाद पुलिस ने इसे खुदकुशी दिखाने की कोशिश की।
बकौल रघुराज सिंह, मेरे बेटे गौरव की पुलिस द्वारा रातभर पिटाई की गई और जब पुलिसवालों को लगा उसकी मौत हो चुकी है तो उसे बाथरूम में टांग दिया। इसके बाद पुलिस ने बाथरूम का दरवाजा तोड़ने का नाटक किया। गौरव के पिता का दावा है कि कुछ और लड़के जो अन्य मामलों में पुलिस हिरासत में थे उन्होंने बताया है कि गौरव को बुरी तरह पीटा गया और वह बेसुध हो गया था। अब पुलिस वाले बता रहे हैं कि गौरव ने मफलर से फांसी लगायी, जबकि उसके पास मफलर या ऐसी कोई चीज नहीं थी जिसके सहारे वह फांसी लगाता।
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