‘रामविलास पासवान को काला बिलार और कर्पूरी ठाकुर को कपटी ठाकुर कहने वाले लालू हमेशा रहे दलित विरोधी’

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राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी का आरोप है कि लालू यादव कर्पूरी ठाकुर, राम सुंदर दास और रामविलास पासवान समेत तमाम दलित-पिछड़े जाति के नेताओं को जब-तब अपमानित करते रहे हैं….

कर्पूरी ठाकुर को देश का सर्वोच्च सम्मान मिलने के बाद से बिहार की राजनीति में भूचाल आ चुका है। जहां इंडिया गठबंधन टूटने की कगार पर है, वहीं लालू यादव भी निशाने पर हैं। सादगी और ईमानदारी के प्रतीक दलितों-पिछड़ों के असली जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती की पूर्व संध्या पर मोदी सरकार ने उन्हें सर्वोच्च भारत रत्न सम्मान दिये जाने की घोषणा की थी। इसी के साथ बिहार में राजद-जदयू यानी लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल यूनाइटेड और नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड में भी टूट साफ दिखायी देने लगी है। नीतीश ने इशारों-इशारों में यह स्पष्ट कर दिया है कि वह फिर से भाजपा का दामन थाम सकते हैं, वैसे भी नीतीश कुमार राजनीति के पलटूराम कहे जाते हैं।

 

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री रहे कर्पूरी ठाकुर को कभी कपटी ठाकुर कहने वाले लालू यादव ने भी खुद को उनका चेला बताना शुरू कर दिया है। राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद ने कहा कि कर्पूरी जी उनके गोद में ही बीमार होने के बाद पीएमसीएच पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उनके मौत की पुष्टि की। बांस घाट पर उनके अंतिम संस्कार के दौरान हम लोगों ने कहा था कर्पूरी तेरे अरमानों को दिल्ली तक पहुंचाएंगे। फिर उनके अरमान को पिछड़ों-अतिपिछड़ों की वीपी सिंह सरकार में मंडल कमीशन लागू करा कर पूरा कराया। उसी के बाद नीतीश और तेजस्वी ने मिलकर बिहार में जातीय गणना कराई और आंकड़ों के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था को 75 प्रतिशत किया। लालू यादव के मुताबिक बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने साल 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कर्पूरी ठाकुर को देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न देने की मांग भी की थी, जब वे विधानसभा भवन में शताब्दी स्मृति स्मृति स्तंभ के लोकार्पण के लिए आए थे।

लालू की इस बयानबानी पर पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान के भाई और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने काफी पहले स्टैंड ले लिया था। हालांकि आज लालू प्रसाद यादव की पार्टी इंडिया गठबंधन का हिस्सा यानी कांग्रेस का हिस्सा है, मगर कभी कांग्रेस नेता भक्त चरण दास को उन्होंने भक चोन्हर दास कहकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज कर दी थीं। श्रवण अग्रवाल ने लालू प्रसाद यादव को दलित विरोधी करार दिया थी। पार्टी की ओर से कहा गया कि लालू प्रसाद यादव दिवंगत रामविलास पासवान सहित दलित नेताओं का अपमान करते रहे हैं, इसलिए उन्हें दलितों से माफी मांगनी चाहिए। लालू यादव पर कांग्रेस नेता भक्त चरण दास का अपमान करने का भी आरोप उन्होंने लगाया।

राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने आरोप लगाया था कि लालू यादव ने हमेशा दलितों का अपमान किया। पटना आने से पहले लालू यादव ने कांग्रेस नेता भक्त चरण दास के लिए अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया, जिसकी वजह से बिहार का दलित समाज उनके खिलाफ आक्रोशित रहा है और हमेशा रहेगा। लालू यादव पर कर्पूरी ठाकुर, राम सुंदर दास और रामविलास पासवान समेत तमाम दलित-पिछड़े जाति के नेताओं का अपमान करने का आरोप भी उन्होंने लगाया।

श्रवण अग्रवाल ने कहा था, लालू प्रसाद यादव देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किये गये हमारे आदर्श रहे कर्पूरी ठाकुर को ‘कपटी ठाकुर’ कहकर बुलाते थे और उनका खूब मजाक उड़ाया करते थे। देश के दूसरे अंबेडकर माने जाने वाले स्वर्गीय रामविलास पासवान का भी लालू यादव ‘काला बिलार’ और ‘मौसम वैज्ञानिक’ कहकर मजाक उड़ाते थे।

श्रवण अग्रवाल की मानें तो जेल की लंबी सजा काटने के बावजूद लालू प्रसाद यादव की मानसिकता नहीं बदली है। उनके दलित विरोधी आचरण की वजह से ही लोकसभा चुनाव 2019 में राजद बहुत बुरे हाल में पहुंची थी। अग्रवाल आरोप लगाते हैं कि लालू यादव ने दलितों को कभी भी बंधुआ मजदूर से ज्यादा नहीं समझा और जहां-तहां उन्हें अपमानित करते रहे। अगर लालू यादव अपने दलित विरोधी आचरण को नहीं छोड़ेंगे और दलितों से माफी नहीं मांगेंगे तो उनकी पार्टी को करारी शिकस्त मिलती रहेगी। बिहार का दलित लालू यादव के अहंकार को चकनाचूर करके रख देगा।

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