Haryana Vidhan Sabha Election: दलित वोटों पर बीजेपी की नजर, लुभाने के लिए आयोजित करने जा रही है दलित महासम्मेलन

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हरियाणा में दलित वोट बैंक 21 प्रतिशत है, जिस पर बीजेपी की विशेष नजर है। दलित वोट बैंक के खिसकने के कारण लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 5 सीटों का नुकसान हुआ था। इस नुकसान में प्रदेश की अंबाला और सिरसा जैसी रिजर्व सीटों पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था . इसलिए अब बीजेपी एक्टिव मोड में दलित वोटरों को लुभाने के प्रयास में जुट गई है और इसके लिए एक दलित महासम्मेलन आयोजित करने जा रही है.

Haryana Election: हरियाणा में विधानसभा चुनावों की घोषणा के बाद बीजेपी एक्टिव मोड में दलित वोटरों को लुभाने के प्रयास में जुट गई है और इसके लिए एक दलित महासम्मेलन आयोजित करने जा रही है, जिसमें केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर मुख्य भूमिका में होंगे। इस कार्यक्रम को लेकर मुख्यमंत्री नायब सैनी का कहना है कि यह एक राजनीतिक आयोजन नहीं है, बल्कि गुरु रविदास जी के सम्मान में आयोजित किया जा रहा है। इस तरह, जबकि बीजेपी इसे एक राजनीतिक रणनीति के रूप में देख रही है, मुख्यमंत्री इसे धार्मिक और सांस्कृतिक संदर्भ में पेश कर रहे हैं।

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26 अगस्त को दलित समारोह का आयोजन

हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी 26 अगस्त को एक महत्वपूर्ण दलित समारोह का आयोजन करने जा रही है। ये दलित samaroh कुरुक्षेत्र के पिपली में राज्य स्तरीय दलित सम्मान स्वाभिमान समारोह होगा। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर मुख्य अतिथि होंगे, जहां दलित महिलाएं उन्हें संकल्प का लोटा सौंपेंगी। विशिष्ट अतिथि के रूप में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल और बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत गौतम भी शामिल होंगे। बीजेपी का यह कदम दलित वोटरों को एकजुट करने और उनका समर्थन प्राप्त करने की रणनीति का हिस्सा है।

दलित वोटरों को लुभाने का प्रयास 

हरियाणा में बीजेपी की नजर 21 प्रतिशत दलित वोट बैंक पर है। लोकसभा चुनावों में दलित वोट बैंक के खिसकने के कारण बीजेपी को 5 सीटों का नुकसान हुआ था, और अंबाला तथा सिरसा की दोनों रिजर्व सीटों पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था। इसीलिए, विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी दलित वोटरों को साधने की पूरी कोशिश कर रही है, ताकि उनकी चुनावी स्थिति मजबूत की जा सके।

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लोकसभा चुनाव में दलितों वोटों का हुआ था नुकसान

लोकसभा चुनाव मे जाट वोट बैंक के साथ दलित वोट बैंक के जुड़ने से बीजेपी को कई सीटों पर नुकसान उठाना पड़ा था। यदि विधानसभा चुनाव में भी ऐसा ही हुआ, तो बीजेपी का हरियाणा में तीसरी बार जीतने का सपना अधूरा रह सकता है। इसलिए, पार्टी दलित और जाट वोटरों को साधने की पूरी कोशिश कर रही है ताकि चुनावी सफलता सुनिश्चित की जा सके।
हरियाणा में इस बार 17 विधानसभा सीटें रिजर्व की गई हैं, जो दलित बाहुल्य क्षेत्रों में हैं। बीजेपी ने इन सीटों पर ध्यान केंद्रित करते हुए जिला और विधानसभा स्तर पर सम्मेलन आयोजित किए हैं। इन सम्मेलनों में दलितों को केंद्र और राज्य की योजनाओं की जानकारी दी जा रही है और उनके सुझाव लेकर उन्हें नई राज्य सरकार द्वारा लागू कराने का आश्वासन दिया जा रहा है। यह रणनीति दलित वोटरों को आकर्षित करने और उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए अपनाई गई है।

दलित वोटर्स का 35 सीटों पर है प्रभाव

हरियाणा में 35 विधानसभा सीटों पर दलित वोटर्स का महत्वपूर्ण प्रभाव है। बीजेपी ने दलित समुदाय से सीधे संपर्क बनाने के लिए एक विशेष कार्यक्रम तैयार किया है, जिसमें महिलाएं संकल्प का लोटा लेकर आएंगी और इसे मुख्य अतिथि मनोहर लाल खट्टर को सौंपेंगी। इस मुहिम को ‘मनोहर लाल का परिवार’ नाम दिया गया है, जिसका उद्देश्य दलित समुदाय को जोड़ना और उनकी समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करना है।

बीजेपी का लक्ष्य 52 सीटों पर जीत

हरियाणा में 21 प्रतिशत दलित वोटर हैं, जो चुनाव के परिणाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। विधानसभा की 17 सीटें दलित बाहुल्य रिजर्व हैं और प्रदेश की 35 अन्य सीटों पर भी दलित वोटरों का प्रभाव है। बीजेपी का लक्ष्य इन 52 सीटों पर ध्यान केंद्रित कर जीत हासिल करना है, जिससे पार्टी हरियाणा में लगातार तीसरी बार जीत दर्ज करके इतिहास बना सके।

दलित वोटरों में बीजेपी के प्रति भय

हरियाणा में बीजेपी को लगता है कि लोकसभा चुनाव में विपक्ष द्वारा संविधान के मुद्दे को उठाने के कारण दलित वोटरों में पार्टी के प्रति एक प्रकार का भय उत्पन्न हुआ है। इस भय को दूर करने के लिए बीजेपी जी-जान से प्रयास कर रही है। पार्टी दलित समुदाय के साथ सीधे संपर्क बनाने, उनकी समस्याओं को समझने और उन्हें आश्वस्त करने की कोशिश कर रही है ताकि वे चुनाव में बीजेपी के पक्ष में वोट डाल सकें।

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दलित समारोह में लगेगा लोगों का जमावड़ा

दलित महासम्मेलन के जरिए बीजेपी का उद्देश्य दलित वोटरों से जुड़कर कांग्रेस द्वारा लोकसभा चुनाव में उठाए गए संविधान और आरक्षण को लेकर आरोपों को खारिज करना है। हरियाणा बीजेपी के नेताओं का मानना है कि कांग्रेस ने प्रचारित किया था कि बीजेपी सत्ता में आने पर संविधान और आरक्षण को समाप्त कर देगी, जिससे दलित वोट बैंक में बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ा। इसलिए, बीजेपी इस बार हरियाणा विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत से जुटेगी, कांग्रेस के आरोपों को झूठा साबित करने और दलित वोटरों को विश्वास दिलाने के लिए।

कांग्रेस और बीजेपी की दलित वोट पर नजर

हरियाणा में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दलित वोट बैंक पर नजर गड़ाए हुए हैं। दोनों पार्टियों को उम्मीद है कि अगर वे दलित वोटरों का समर्थन प्राप्त कर सकें, तो विधानसभा चुनाव में उनकी जीत सुनिश्चित हो सकती है। इस दृष्टिकोण से, दोनों ही पार्टियां दलित समुदाय को लुभाने के लिए विभिन्न रणनीतियों और कार्यक्रमों को लागू कर रही हैं।

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