हरियाणा सरकार ने SC आरक्षण को दो हिस्सों में बाँटते हुए 20% कोटे में से 10% वंचित अनुसूचित जातियों (DSC) और 10% अन्य अनुसूचित जातियों (OSC) के लिए आरक्षित किया है। इसका उद्देश्य गरीब और पिछड़े दलित समुदायों को आरक्षण का लाभ देना है।
हरियाणा सरकार ने अनुसूचित जाति (SC) वर्ग के भीतर आरक्षण को दो हिस्सों में बांटने का निर्णय लिया है, ताकि राज्य के वंचित दलित समुदायों को अधिक लाभ मिल सके। इस नए व्यवस्था के अनुसार, राज्य में कुल 20% अनुसूचित जाति आरक्षण को दो बराबर हिस्सों में बांटा जाएगा। इसके तहत, 10% आरक्षण उन दलित समुदायों को मिलेगा जो अधिक वंचित माने जाते हैं, जिन्हें ‘वंचित अनुसूचित जाति’ (DSC) कहा गया है, जबकि बाकी 10% आरक्षण अन्य अनुसूचित जातियों (OSC) के लिए निर्धारित किया गया है। हरियाणा में इस वर्गीकरण का उद्देश्य उन जरूरतमंद जातियों को विशेष प्राथमिकता देना है जो अब तक आरक्षण के लाभ से वंचित रहे हैं और जिनकी सामाजिक स्थिति अत्यंत पिछड़ी है।
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आधारित फैसला
यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आधारित है, जिसमें विभिन्न स्तरों पर वंचित और पिछड़े समुदायों को उचित लाभ प्रदान करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने हाल ही में इस आरक्षण नीति के बारे में विधानसभा में बताया था, और इसके बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी जनता को इसके बारे में जानकारी दी। सैनी ने स्पष्ट किया कि इस बदलाव का सीधा लाभ उन गरीब दलितों को मिलेगा जो अब तक किसी न किसी कारणवश आरक्षण का लाभ नहीं उठा पाए थे। राज्य सरकार का मानना है कि इस कदम से ऐसे समुदायों में समानता का मार्ग प्रशस्त होगा और वे भी मुख्य धारा में शामिल हो सकेंगे।
नौकरियों, शिक्षा और स्थानीय निकायों में आरक्षण का प्रभाव
नई आरक्षण नीति का असर केवल सरकारी नौकरियों तक ही सीमित नहीं रहेगा; यह नीति हरियाणा के सभी स्थानीय निकायों, सरकारी शैक्षणिक संस्थानों और अन्य आरक्षित क्षेत्रों में भी लागू की जाएगी। इस वर्गीकरण का उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े समुदायों के बीच असमानता को कम करना है। इसके अलावा, सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि वंचित अनुसूचित जातियों के लिए निर्धारित कोटे की सीटें खाली रह जाती हैं, तो उन्हें अन्य अनुसूचित जातियों से भरा जाएगा। इसी तरह, यदि अन्य अनुसूचित जातियों के लिए निर्धारित कोटे की सीटें खाली रहती हैं, तो उन्हें वंचित जातियों के कैंडिडेट्स के लिए आवंटित किया जाएगा।
सीटों के असमान संख्या के मामले में विशेष नियम
सरकार ने इस बात का भी ख्याल रखा है कि यदि कुल आरक्षित सीटों की संख्या विषम हो (जैसे 9 सीटें), तो आरक्षण के आवंटन में कैसे संतुलन रखा जाए। ऐसे मामलों में, पहली बार में वंचित अनुसूचित जातियों को प्राथमिकता दी जाएगी, अर्थात् 5 सीटें DSC के लिए और 4 सीटें OSC के लिए आरक्षित होंगी। इसके बाद दूसरी बार ऐसी स्थिति में अन्य अनुसूचित जातियों को प्राथमिकता दी जाएगी। सरकारी आदेश में कहा गया है कि इस अधिसूचना के लागू होने के बाद पहली खाली पोस्ट में वंचित अनुसूचित जातियों को प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि वंचित दलितों को अधिकतम लाभ मिल सके।
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हरियाणा बना पहला राज्य जिसने SC कोटे का विभाजन किया
हरियाणा, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद अनुसूचित जातियों के भीतर आरक्षण वर्गीकरण लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है। राज्य सरकार का मानना है कि इस कदम से एक नई सामाजिक व्यवस्था स्थापित होगी जिसमें हर समुदाय को समान अवसर मिलेगा।
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