Haryana: दलित छात्रा की मौत पर सियासत तेज, कांग्रेस विधायक के परिवार पर गंभीर आरोप, साले और भांजे गिरफ्तार

Share News:

हरियाणा के भिवानी में दलित छात्रा ने फीस को लेकर कॉलेज प्रशासन के मानसिक उत्पीड़न और कांग्रेस विधायक राजबीर फरटिया के परिवार द्वारा शारीरिक संबंध बनाने के दबाव के बाद आत्महत्या कर ली। मामले में विधायक के साले और भांजे को गिरफ्तार किया गया है। घटना ने दलित समुदाय में आक्रोश बढ़ा दिया है, और प्रदर्शनकारी विधायक की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों पर निष्क्रियता और शोषण के आरोप लग रहे हैं। मामले में न्याय और सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर आंदोलन जारी है।

हरियाणा के भिवानी जिले के लौहारू कस्बे में 22 वर्षीय दलित छात्रा की आत्महत्या का मामला सियासी तूफान का केंद्र बन गया है। छात्रा ने फीस न दे पानेपर कॉलेज प्रशासन द्वारा मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए अपनी जान दे दी। मामले में कांग्रेस विधायक राजबीर फरटिया के साले हनुमान और भांजे राहुल को गिरफ्तार किया गया है। मृतका के पिता ने कॉलेज प्रबंधन और प्रिंसिपल पर बेटी को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है।

विरोध प्रदर्शन के बीच उठी कांग्रेस विधायक की गिरफ्तारी की मांग

इस घटना ने भिवानी और आसपास के क्षेत्रों में जबरदस्त गुस्सा पैदा कर दिया है। बहल कस्बे में प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस विधायक राजबीर फरटिया की गिरफ्तारी की मांग करते हुए कहा कि उन्होंने समाजसेवा के नाम पर लोगों को भ्रमित कर वोट बटोरने का काम किया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि राजबीर फरटिया और उनके परिवार ने कॉलेज में शिक्षा और अन्य सुविधाओं के नाम पर दलितों का शोषण किया।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: दलितों का बढ़ता प्रभाव और केजरीवाल सरकार की अनदेखी पर सवाल

कॉलेज प्रशासन पर गंभीर आरोप

छात्रा के परिवार का कहना है कि कॉलेज प्रशासन ने फीस के नाम पर छात्रा को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। साथ ही, आरोप लगाया गया कि विधायक के भांजे राहुल ने छात्रा को शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर करने की कोशिश की। छात्रा की मौत के बाद भी राहुल ने उसके फोन पर कई बार कॉल किया, जो मामले की गंभीरता को और बढ़ाता है।

सरकार की निष्क्रियता पर उठे सवाल

इस मामले में हरियाणा सरकार की भूमिका पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। विपक्षी दल कांग्रेस की सासंद कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा सरकार दलितों के अधिकारों की रक्षा करने में असफल रही है। वहीं, राज्य महिला आयोग और अनुसूचित जाति आयोग ने कॉलेज का दौरा करने का निर्णय लिया है, लेकिन प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह केवल दिखावा है।

दलित संगठनों ने किया जोरदार प्रदर्शन, न्याय की मांग

दलित संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए न्याय की मांग की है। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि सरकार और प्रशासन केवल दिखावटी कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि दलित समाज को निशाना बनाना अब आम हो गया है और इस पर सख्त कार्रवाई की जरूरत है।

कांग्रेस और भाजपा दोनों सवालों के घेरे में

जहां एक तरफ कांग्रेस विधायक के परिवार पर गंभीर आरोप हैं, वहीं भाजपा सरकार की निष्क्रियता ने दोनों दलों को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी ने मृतका के परिवार से मिलने की योजना बनाई है, लेकिन विपक्ष का कहना है कि यह केवल राजनीतिक फायदा उठाने का प्रयास है।

दिल्ली में जय भीम और जय मीम की सियासत: किसका बनेगा खेल, किसका बिगड़ेगा गेम?

दलित समाज की सुरक्षा और अधिकार पर बड़ा सवाल

यह घटना केवल एक दलित छात्रा की मौत का मामला नहीं, बल्कि पूरे दलित समाज के अधिकारों और सुरक्षा को लेकर बड़ा सवाल खड़ा करती है। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि मामले में निष्पक्ष जांच और सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन और तेज होगा।

दलित समाज के अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम जरूरी

भिवानी की इस घटना ने दलितों के प्रति प्रशासन और राजनीतिक दलों की उदासीनता को उजागर किया है। यह समय है कि सरकार और राजनीतिक दल दलित समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझें और ऐसे मामलों में सख्त और निष्पक्ष कार्रवाई करें।

*दलित टाइम्स उन करोड़ो लोगो की आवाज़ है जिन्हें हाशिए पर रखा गया है। *

महिला, दलित और आदिवासियों के मुद्दों पर केंद्रित पत्रकारिता करने और मुख्यधारा की मीडिया में इनका प्रतिनिधित्व करने के लिए हमें आर्थिक सहयोग करें।

  Donate

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *