Gujrat election: बीटीपी ने चुनावों से पहले क्यों तोड़ा “आप” के साथ गठबंधन

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अहमदाबाद: छोटू वसावा की भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) ने आम आदमी पार्टी (आप) के साथ अपना चार महिने पुराना गठबंधन चुनाव से पहले तोड़ दिया है। साथ ही बीटीपी ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बीटीपी को हराने के लिए यहां अरविंद केजरीवाल को भेजा है। मालूम हो कि आप और बीटीपी ने मई में एक रैली में चुनाव पूर्व गठबंधन की घोषणा की थी। 

दोनों दलों ने आगामी राज्य विधानसभा चुनाव साथ मिल कर लड़ने का फैसला किया था। वसावा ने सोमवार को भरुच जिले के चंदेरिया में संवाददाताओं से कहा कि हमने आप के साथ गठबंधन तोड़ दिया है। भाजपा ने हमें हराने के लिए (आप के राष्ट्रीय संयोजक) केजरीवाल को यहां भेजा है। भाजपा और अमित शाह जानते हैं कि वे सीधे चुनाव नहीं जीत सकते हैं इसलिए उन्होंने उन्हें (केजरीवाल को) भेजा है।

वसावा ने दावा किया कि शाह अपने दुश्मनों को खत्म कर देते हैं, लेकिन केजरीवाल के मामले में ऐसा नहीं है। गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा में बीटीपी के दो सदस्य हैं। राज्य के आदिवासियों के बीच पार्टी का अच्छा खासा प्रभाव है। वसावा ने आरोप लगाया कि केजरीवाल बीटीपी का आप में विलय करना चाहते हैं।

आदिवासी नेता ने यह भी दावा किया कि गठबंधन करने के समय, केजरीवाल ने हमसे अनुरोध किया था कि हमें अपनी पार्टी का विलय आप में कर देना चाहिए। लेकिन, मैंने उनसे कहा था कि विलय संभव नहीं है और हम एक स्वतंत्र राजनीतिक दल बने रहेंगे। गठबंधन टूटने का संकेत उस वक्त मिला था जब आप ने हाल में जनजातीय सीट के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की थी। आप ने बीटीपी के फैसले पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल अहमदाबाद की दो दिवसीय यात्रा पर हैं।

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