हरियाणा में दलित युवती के साथ सामूहिक बलात्कार व हत्या,आरोपियों ने हत्या से पहले निकाली युवती की दोनों आखें

Share News:

देश भर में महिलाओं के ऊपर हो रहे अत्याचार खत्म होने का नाम नहीं लेते और अगर बात दलित समाज से जुडी हो तो वहां प्रशासन भी लापरवाही बरतने से पीछे नहीं हटती, हाल ही में हरियाणा से अपराधियों के साथ साथ पुलिस की लापरवाही भी सामने आई है,फरीदाबाद (हरियाणा) से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया हैं जंहा एक 21 वर्षीय दलित लड़की का अपहरण कर सामूहिक बलात्कार किया गया और उसके बाद अपराधी यही नहीं रुके उन्होंने युवती की दोनों आंखें निकालकर बेरहमी से हत्या कर दी गई। यह मामला पिछले 5 दिनों से पुलिस के पास लटका हुआ हैं और पुलिस मृतक युवती का शव उसके ही परिजन को देने से इंकार कर रही थी।

गौरतलब हैं कि फरीदाबाद (हरियाणा) में एक 21 वर्षीय दलित लड़की का अपहरण कर सामूहिक बलात्कार किया गया और दोनों आंखें निकालकर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई। पिछले 5 दिनों से पुलिस युवती का शव को परिजनों को नहीं दे रही थी लेकिन आज जब भीम सेना ने जाकर उनपर दबाव बनाया और मामले की जाँच को लेकर पूछताछ की तो उन्होंने युवती का शव परिजन को सौपा।

फरीदाबाद के बीके अस्पताल में भीम सेना ने युवती का पोस्टमार्टम करवाया और पोस्टमार्टम की रिपोर्ट व एफआईआर की कॉपी हासिल की जिसके बाद आईपीसी की धारा 302 समेत कई गंभीर धाराओं सहित एससी/एसटी एक्ट में एफआईआर दर्ज की गई है।

अंबेडकरवादी सुशील शिंदे ने पुरे मामले पर चिंता व्यक्त करते हुए ट्वीट किया कि “जातिवादी दरिन्दो ने हरियाणा में हमारी दलित बहन का रेप कर दिया, हत्या कर दी और आंखे तक निकाल दी। इतना सब हो गया लेकिन किसी को कुछ फर्क नही पड़ा। ये देश दलितों के लिए नर्क है।”

वर्ष 2019 और 2020 को कवर करने वाले भारतीय अपराधिक आंकड़ों के अनुसार हर 16 मिनट में एक बलात्कार की रिपोर्ट की जाती है। हमारे देश में दैनिक आधार पर बलात्कार के 77 से 88 मामले सामने आते हैं। 2019 में, देश ने एक ही दिन में महिलाओं के खिलाफ बलात्कार के 88 मामले दर्ज किए थे। बलात्कार के कुल 32,033 मामलों में से 11 प्रतिशत दलित समुदाय के थे। ये आँकड़े निश्चित रूप से भयानक हैं और हमें अपने देश में महिलाओं की सुरक्षा के बारे में सोचने पर मजबूर करते हैं।हाल ही में, NFHS-5 की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह भारत के इतिहास में पहली बार है कि लिंगानुपात में महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक है। लेकिन महिलाओं की आबादी का अनुपात बढ़ने के बावजूद उनके खिलाफ अपराध में बमुश्किल कमी देखी गई है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

error: Content is protected !!