गाजियाबाद में दलित नाबालिग से गैंगरेप के मामले में अदालत ने चार दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई इसी के साथ दो महिलाओं को आरोपियों का साथ देने के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई है.
क्या थी घटना?
क्या है परिवार का आरोप?
दलित लड़की के माता-पिता का आरोप है कि उनकी बेटी को काम दिलाने का झांसा देने वाली पिंकी और विमला ने लड़की को बहला-फुसलाकर बलात्कारियों के पास ले जाने के लिए एक हजार रुपये लिए थे.
15 साल बाद अदालत ने सुनाया फैसला
इसके अलावा पिंकी और विमला को बलात्कारियों की मदद करने का कसूरवार मानते हुए आजीवन कारावास और 10-10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. मामले की सुनवाई हापुड़ के न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में हुई. बाद में मामला विशेष अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अदालत गाजियाबाद में स्थानांतरित कर दिया गया था.
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