बिहार में एक दलित मजदूर ने अपनी बकाया मजदूरी मांगी, तो पोल्ट्री फार्म के मालिक और उसके साथियों ने उसे जातिसूचक गालियां दीं, जमकर पिटाई की, और अपमानित किया। आरोप है कि पिटाई के बाद उसके चेहरे पर थूका गया और एक व्यक्ति ने उस पर पेशाब किया।
Bihar News: मुजफ्फरपुर के चौपर मदन गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जिसने समाज में व्याप्त जातिगत भेदभाव और अत्याचार की भयावह तस्वीर को उजागर किया। यह घटना 4 अक्टूबर की शाम को घटी, जब रिंकू मांझी नामक दलित मजदूर ने अपनी मेहनत की बकाया मजदूरी मांगने की हिम्मत दिखाई। कुछ दिनों से पोल्ट्री फार्म में दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम कर रहे रिंकू ने फार्म के मालिक रमेश पटेल से मजदूरी की मांग की, लेकिन यह साधारण सी मांग उसके लिए एक भयावह अनुभव में बदल गई।
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ये है मामला
रमेश पटेल, जो गांव के दबंगों में गिना जाता था, मजदूरी की मांग सुनते ही गुस्से से बौखला उठा। उसने तुरंत अपने बेटे और कुछ अन्य साथियों को बुला लिया, और मिलकर रिंकू मांझी को मारने-पीटने लगे। रिंकू को पहले सड़क पर धक्का देकर गिराया गया, फिर बेरहमी से लात-घूंसों से पीटा गया। मारपीट के दौरान पटेल और उसके साथियों ने रिंकू को जातिसूचक गालियां दीं और अपमानित किया। लेकिन यह क्रूरता यहीं नहीं रुकी। पीड़ित ने बताया कि पिटाई के बाद, उन लोगों ने उसके चेहरे पर थूका, और रमेश पटेल के बेटे ने उस पर पेशाब करने तक की हद पार कर दी। इस अमानवीय व्यवहार ने न केवल रिंकू को शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी गहरा आघात पहुंचाया।
वीडियो वायरल
इस पूरे घटनाक्रम का एक वीडियो, जिसे चुपके से किसी ने मोबाइल से शूट किया था, इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो गया। वीडियो में साफ दिखाई दे रहा था कि रिंकू मांझी को बुरी तरह पीटा जा रहा था और उसके साथ शर्मनाक व्यवहार किया जा रहा था। जब यह वीडियो वायरल हुआ, तो मामले ने तूल पकड़ा और पुलिस की नजरों में आया।
किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका
रिंकू मांझी ने 8 अक्टूबर को पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई, जिसमें उसने रमेश पटेल, उसके बेटे अरुण पटेल और गौरव पटेल सहित अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मारपीट और जातिगत अपमान का आरोप लगाया। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। पुलिस अधीक्षक विद्या सागर ने बताया कि घटना की जांच की जा रही है, और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। हालांकि, अब तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है, लेकिन पुलिस ने पीड़ित को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है।
इस घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है। स्थानीय लोग इस अमानवीय कृत्य की निंदा कर रहे हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। वहीं, पुलिस का कहना है कि पीड़ित द्वारा दिए गए वीडियो को भी जांच का हिस्सा बनाया गया है, ताकि दोषियों को उनके कृत्यों की सजा मिल सके।
समाज में जातिगत भेदभाव और अत्याचार
इस मामले का एक और गंभीर पहलू तब सामने आया जब रिंकू मांझी ने बताया कि मारपीट के बाद आरोपियों ने उसे धमकी दी थी कि अगर उसने पुलिस में शिकायत की तो उसे जान से मार दिया जाएगा। इस धमकी ने रिंकू और उसके परिवार को और भी ज्यादा डरा दिया, लेकिन अंततः उन्होंने हिम्मत जुटाई और पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। फिलहाल, रिंकू मांझी का इलाज स्थानीय अस्पताल में चल रहा है और पुलिस उसकी सुरक्षा के लिए भी कदम उठा रही है।
इस घटना ने एक बार फिर समाज में जातिगत भेदभाव और अत्याचार की पुरानी कुरीति को सामने ला दिया है। गरीब और कमजोर तबके के लोग आज भी अपने हक के लिए लड़ने पर इस तरह के अमानवीय व्यवहार का शिकार होते हैं। रिंकू मांझी की यह कहानी न केवल उनके व्यक्तिगत संघर्ष की गाथा है, बल्कि समाज के उस स्याह पक्ष को भी दिखाती है, जहां आज भी जाति के नाम पर अत्याचार होते हैं।
अब यह देखना होगा कि पुलिस इस मामले में कितनी जल्दी और प्रभावी कार्रवाई करती है, और क्या पीड़ित रिंकू मांझी को न्याय मिल पाएगा या फिर यह मामला भी अन्य जातिगत अत्याचार की तरह ही बनकर रह जाएगा।
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