उत्तर प्रदेश के मथुरा से जातंकवाद की एक और घटना सामने आई है. यहां दलित दुल्हे को उसकी जाति का अहसास कराते हुए जाट समुदाय के लोगों ने कॉलर पकड़ कर बग्गी से नीचे गिराया. कहा कि तेरी हिम्मत कैसी हुई कि तु बग्गी पर बैठ कर बारात निकलेगी. फिर जातिसूचक गालियाँ देकर जमकर मारपीट की, डीजे बंद करवाया और धमकी भी दी की अगर दोबारा बग्गी पर बैठा तो गोली मार देंगे.
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ये पूरी घटना 20 मई को यूपी के मथुरा में घटी. जहाँ जाट बिरादरी के 3 युवक कृष्णा, मनीष और अंकुर ने अपने 20 से 25 साथियों के साथ मिलकर दलित दूल्हे के साथ बदसलूकी की. मीडिया के मुताबिक घटना की जानकारी पर पुलिस और चौकी प्रभारी मौके पर पहुंचे। इसके बाद पुलिस की निगरानी में बारात निकली। फेरे हुए, जयमाल पड़ा। शादी की रस्में जैसे-तैसे पूरी हुई। सुबह जब पुलिस लौट गई तो दबंग फिर दुल्हन के घर आ धमके। कपड़ों से चेहरा बांधे और हाथों में हथियार लिए वे दुल्हन के घर में जबरदस्ती घुस गए और महिलाओं के साथ अभद्रता शुरू कर दी। वहाँ जमकर तोड़फोड़ की. विरोध पर आरोपियों ने दुल्हन के चाचा पूरन सिंह, मनीष, प्रह्लाद, धीरज, सुरेश चंद और सूरजमुखी के साथ मारपीट की।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दुल्हन के परिवार ने घरों में ताला लगाकर रिश्तेदारों को बचाया. बता दें कि दुल्हन के पिता की मौत हो चुकी है। उसका कोई भाई भी नहीं है। मां ने मेहनत मजदूरी कर बेटी को पाला-पोसा व बस्ती के सहयोग से शादी की। जानकारी के मुताबिक पुलिस दुल्हा दुल्हन को विदाई के दौरान अलीगढ़ की सीमा तक छोड़ कर आई ताकि उनके साथ फिर दोबारा ऐसी घटना ना है. बता दें कि 20 मई को मथुरा के थाना नौहझील के एक गांव में दलित बेटी की शादी थी जिसकी बारात अलीगढ़ से आई थी. वहीं दलित दूल्हे पर हमला करने वाले जाट समुदाय के सभी आरोपी अलीगढ़ के रहने वाले हैं.
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घटना के बाद दुल्हन के चाचा पूरन सिंह ने मामले की तहरीर पुलिस को दी है। इसमें उन्होंने बताया कि उनकी भतीजी की शादी अलीगढ़ के गांव नगला पदम निवासी आकाश से तय हुई थी। 20 मई की रात बारात आई। रात लगभग 12:30 बजे बारात चढ़त की रस्म हो रही थी। इस दौरान जाट बिरादरी के कुछ युवक वहाँ पहुंचे और गाली-गलौज करने लगे। उन्होंने जातिसूचक शब्द कहते हुए डीजे बंद करा दिया। इस पूरे मामले में पुलिस ने अलीगढ़ के महारामगढ़ी के कृष्णा, नावली के मनीष और अंकुर सहित 20-25 अन्य लोगों के खिलाफ पर केस दर्ज किया है।