उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले की करहल विधानसभा में मतदान के दौरान एक दलित युवती की हत्या ने सनसनी फैला दी। परिजनों ने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता प्रशांत यादव और उनके साथियों ने युवती को धमकी दी थी, क्योंकि उसने सपा को वोट न देकर बीजेपी को वोट देने की बात कही थी। एक दिन बाद युवती का शव नग्न अवस्था में कंजरा नदी पुल के पास मिला। मामला चुनावी माहौल को और गर्मा रहा है।
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के करहल विधानसभा क्षेत्र में मतदान के बीच एक दलित युवती की निर्मम हत्या ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। इस जघन्य अपराध का आरोप समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता प्रशांत यादव और उनके साथियों पर लगाया गया है। युवती के परिजनों का कहना है कि उसने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को वोट देने की बात कही थी, जिसके बाद उसे धमकियां मिलीं और आखिरकार उसकी हत्या कर दी गई।
परिजनों का आरोप: “बीजेपी को वोट देने के कारण हुई हत्या”
मृतका के पिता ने पुलिस और मीडिया को बताया कि कुछ दिन पहले, जब वह अपनी बेटी के साथ कहीं जा रहे थे, तब सपा नेता और उनके साथियों ने उन्हें धमकाया था। उन्होंने कहा, “उन्होंने हमें सपा को वोट देने को कहा। लेकिन मेरी बेटी ने साफ कह दिया कि हमारा वोट बीजेपी को जाएगा। इस पर उन्होंने हमें धमकी दी थी।” परिजनों के मुताबिक, घटना से एक दिन पहले कुछ लोग जबरन युवती को बाइक पर बैठाकर ले गए थे।
UP में दलित युवती के साथ छेड़छाड़ और मारपीट का मामला: न्याय की मांग तेज
नग्न अवस्था में मिला शव, परिजनों में शोक
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, युवती का शव थाना करहल क्षेत्र के कंजरा नदी पुल के पास नग्न अवस्था में मिला। यह देख परिवार और गांववालों में आक्रोश फैल गया। शव को देखकर यह साफ है कि घटना बेहद बर्बरता से अंजाम दी गई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
बीजेपी का सपा पर हमला: “लोकतंत्र को शर्मसार किया गया”
घटना के बाद बीजेपी ने सपा पर तीखा हमला किया है। करहल से बीजेपी प्रत्याशी अनुजेश प्रताप यादव ने कहा, “यह घटना लोकतंत्र को शर्मसार करती है। सपा के गुंडों ने एक निर्दोष दलित युवती की जान ले ली, सिर्फ इसलिए कि उसने बीजेपी को वोट देने की बात कही थी।” बीजेपी प्रदेश नेतृत्व ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है और दोषियों की जल्द गिरफ्तारी पर जोर दिया है।
सपा का बचाव: “हम पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं”
वहीं, समाजवादी पार्टी ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है। सपा के प्रवक्ता ने कहा, “यह घटना बेहद दुखद है, लेकिन इसे राजनीति का रंग देना गलत है। सपा कभी किसी जाति या धर्म के खिलाफ भेदभाव नहीं करती। बीजेपी इस मामले का इस्तेमाल कर चुनावी फायदा उठाना चाहती है।”
करहल उपचुनाव: कड़ी टक्कर के बीच हुई घटना
करहल विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है। यह सीट तब खाली हुई थी जब अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव जीतने के बाद इसे छोड़ दिया था। इस बार सपा ने तेज प्रताप यादव को मैदान में उतारा है, जबकि बीजेपी ने अनुजेश प्रताप यादव को प्रत्याशी बनाया है। मतदान के बीच इस हत्या ने चुनावी माहौल को पूरी तरह से बदल दिया है।
पुलिस की जांच और गिरफ्तारी की मांग
घटना के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि युवती के साथ हुई बर्बरता और हत्या के हर पहलू की जांच की जा रही है। आरोपी प्रशांत यादव और उनके साथियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
सामाजिक संगठनों का विरोध प्रदर्शन
घटना के बाद दलित संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने करहल में विरोध प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि यह हत्या केवल एक युवती की नहीं, बल्कि पूरे दलित समाज पर हमला है। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हमारे समाज को बार-बार निशाना बनाया जाता है। अब हमें न्याय चाहिए। दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।”
Inspirational: दलित किसान की अनोखी खोज, एचएमटी-सोना चावल ने रचा इतिहास, पढ़िए दिल छूने वाली स्टोरी
चुनाव प्रक्रिया पर उठे सवाल
इस घटना ने चुनावी प्रक्रिया पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या राजनीतिक विरोधियों को धमकाना और हिंसा का सहारा लेना लोकतंत्र का हिस्सा बन गया है? यह घटना न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि यह हमारे राजनीतिक और सामाजिक ताने-बाने पर एक गंभीर प्रश्नचिन्ह है।
आवश्यक कदम: सुरक्षा और न्याय
इस घटना ने दिखा दिया है कि चुनावी प्रक्रिया में सुरक्षा और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है। दलित और कमजोर वर्गों की सुरक्षा के बिना लोकतंत्र का वास्तविक उद्देश्य पूरा नहीं हो सकता।
आखिरी शब्द: न्याय की मांग
करहल में दलित युवती की हत्या ने देश भर में एक बार फिर जातीय और राजनीतिक संघर्षों की कड़वी सच्चाई को उजागर किया है। पीड़ित परिवार के साथ-साथ पूरा देश इस बात की उम्मीद कर रहा है कि न्याय होगा और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी।
*दलित टाइम्स उन करोड़ो लोगो की आवाज़ है जिन्हें हाशिए पर रखा गया है। *
महिला, दलित और आदिवासियों के मुद्दों पर केंद्रित पत्रकारिता करने और मुख्यधारा की मीडिया में इनका प्रतिनिधित्व करने के लिए हमें आर्थिक सहयोग करें।