बयाना के अंबेडकर पार्क में असामाजिक तत्वों ने जातिसूचक अपशब्द लिख दिए, जिससे दलित समाज में आक्रोश फैल गया। विरोध में रैली निकालकर पुलिस को ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें सीसीटीवी, लाइट्स और सुरक्षा गार्ड की मांग की गई। समाज ने कार्रवाई न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
Rajsthan News: बयाना के अंबेडकर पार्क में शुक्रवार की शाम को असामाजिक तत्वों द्वारा डॉ. भीमराव अंबेडकर के स्मारक पर अपशब्द लिखे जाने से दलित समाज में गहरी नाराजगी है। स्मारक पर जातिसूचक अपशब्द और गाली-गलौज किए जाने की खबर मिलते ही पूरे दलित समाज में आक्रोश फैल गया। शनिवार सुबह दलित समाज के सैकड़ों लोग अंबेडकर पार्क में इकट्ठा हुए और नारेबाजी करते हुए विरोध जताया। इसके बाद दलित समाज के लोगों ने एक रैली निकाली जो अंबेडकर पार्क से शुरू होकर पुलिस थाने तक पहुंची। यहां समाज के प्रमुख लोगों ने एसएचओ बाबूलाल गुर्जर को ज्ञापन सौंपकर स्मारक की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की मांग की।
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पुलिस से मांग: सीसीटीवी, गार्ड और लाइट की व्यवस्था हो, 10 नवंबर तक कार्रवाई न होने पर आंदोलन
दलित समाज द्वारा दिए गए ज्ञापन में अंबेडकर पार्क की सुरक्षा को लेकर कई महत्वपूर्ण मांगें रखी गईं। उन्होंने अपशब्द लिखने वाले अज्ञात व्यक्ति की पहचान कर उसकी तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है। इसके साथ ही, अंबेडकर पार्क में सीसीटीवी कैमरे लगाने, पर्याप्त हेलोजन लाइट्स की व्यवस्था करने और सुरक्षा के लिए गार्ड की नियुक्ति करने का अनुरोध किया गया। दलित समाज ने पार्क की नियमित साफ-सफाई कराने की भी मांग की है ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर 10 नवंबर तक इन मांगों पर उचित कार्रवाई नहीं होती है, तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे।
दलित समाज की एकता और अंबेडकर के प्रति सम्मान, महापुरुषों का अपमान किसी विशेष जाति का नहीं, पूरे समाज का अपमान
दलित समाज ने इस घटना को केवल एक व्यक्ति या जाति का अपमान नहीं बल्कि देश के सम्मान और गौरव के प्रतीक, डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान माना है। अंबेडकर समाज के किसी एक वर्ग के नहीं, बल्कि पूरे भारत के महापुरुष हैं। दलित समाज ने कड़े शब्दों में इस घटना की निंदा की और जोर देकर कहा कि महापुरुषों के प्रति ऐसी दुर्भावना पूरे समाज की भावना को आहत करती है। समाज के सदस्यों ने मिलकर कहा कि आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाना चाहिए ताकि इस तरह की घटनाएं भविष्य में न हों।
पुलिस प्रशासन का आश्वासन: आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई का भरोसा
प्रदर्शनकारियों के रैली में पहुंचने के बाद एसएचओ बाबूलाल गुर्जर ने लोगों को आश्वासन दिया कि वे इस घटना को गंभीरता से ले रहे हैं और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने दलित समाज के साथ सहानुभूति जताई और पुलिस विभाग की ओर से जांच तेज कर आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का वादा किया। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने पहले से लिखे गए अपशब्दों को सफेद पेंट से ढक दिया है ताकि यह असामाजिक तत्वों के किसी नए विवाद का कारण न बने।
विरोध में जुटे समाज के प्रमुख लोग: एकता और सहयोग का संदेश
इस विरोध प्रदर्शन में दलित समाज के कई प्रमुख नेता और सदस्य मौजूद रहे। जाटव समाज के अध्यक्ष दानसिंह जाटव, महामंत्री किशनचंद वर्मा, पूर्व जिला परिषद सदस्य राकेश कुमार जाटव, भीम आर्मी के पूर्व जिला सचिव हिमांशु, राजकुमार चहल, पुष्पेंद्र टाइगर, खेमचंद, नवल सिंह, सीताराम, सोहन सिंह, अमित, योगेश, राकेश कुमार, और देवेंद्र जैसे प्रमुख व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित रहे। इन सभी ने समाज की एकता और डॉ. अंबेडकर के प्रति सम्मान का संदेश देते हुए कहा कि इस मामले में वे एकजुट होकर उचित कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।
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अंबेडकर स्मारक की सुरक्षा का मुद्दा: समाज की सुरक्षा और सम्मान की जरूरत
अंबेडकर पार्क में घटी इस घटना ने एक बार फिर समाज में फैली जातिगत असमानता और दलित समाज के प्रति असहिष्णुता को उजागर किया है। दलित समाज ने जोर देकर कहा कि ऐसे स्मारकों की सुरक्षा बेहद जरूरी है, क्योंकि ये केवल पत्थर या धातु नहीं बल्कि उनके महापुरुषों के प्रति आदर और सम्मान का प्रतीक हैं। समाज के सदस्यों ने प्रशासन से अपेक्षा की है कि वे स्मारक स्थलों की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाएं ताकि असामाजिक तत्वों को इस तरह की हरकतों से रोका जा सके।
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