दलित किशोरी के साथ छेड़छाड़ का मामलाः समाज में असुरक्षा और न्याय की पुकार

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एक 14 वर्षीय दलित किशोरी के साथ हुई अमानवीय घटना ने न केवल ग्रामीणों में बल्कि समूचे समाज में आक्रोश भर दिया है। घटना उस समय की है जब किशोरी शौच के लिए सरकारी हैंडपंप पर पानी भरने गई थी।

उत्तर प्रदेश के एक गांव में एक 14 वर्षीय दलित किशोरी के साथ हुई अमानवीय घटना ने न केवल ग्रामीणों में बल्कि समूचे समाज में आक्रोश भर दिया है। घटना उस समय की है जब किशोरी शौच के लिए सरकारी हैंडपंप पर पानी भरने गई थी। पीड़िता के पिता ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया कि उसकी बेटी शौच के लिए पानी भर रही थी तभी गांव के नन्हेंलाल के मकान में बैठे रिंकू नामक युवक ने गलत इरादे से उसे पीछे से दबोच लिया और जबरन घर के भीतर खींचने लगा।

चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे, लेकिन रिंकू ने भागते हुए जान से मार डालने की धमकी दी और फरार हो गया। पीड़िता के पिता ने इस घटना की सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए रिंकू समेत अन्य आरोपियों पर केस दर्ज कर लिया। इस मामले की जांच सीओ अरुण कुमार सिंह को सौंपी गई है, जिन्होंने निष्पक्षता से इस मामले को सुलझाने का आश्वासन दिया है।

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दलित समुदाय में असुरक्षा की भावना, न्याय की गुहार

यह घटना गांव में दलित समुदाय के भीतर डर और असुरक्षा की भावना को और गहरा कर गई है। समाज के इस वर्ग के कमजोर स्थिति का फायदा उठाकर उनकी बच्चियों को निशाना बनाया जाना, सामजिक असमानता और भेदभाव की विकट स्थिति को उजागर करता है। दलित परिवारों ने इस घटना को लेकर प्रशासन से कड़ी सजा की मांग की है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।

बचपन से ही असुरक्षा का शिकार, समाज में बदलाव की आवश्यकता

यह घटना यह भी दिखाती है कि कमजोर वर्ग की बच्चियों को समाज में किस प्रकार से असुरक्षा का सामना करना पड़ता है। समाज के विभिन्न वर्गों के प्रति समानता और न्याय का सिद्धांत तभी सार्थक हो सकता है जब हर वर्ग के लोगों, विशेषकर दलितों को भी सुरक्षा और सम्मान मिले। यह घटना न केवल एक परिवार पर हुए अत्याचार का प्रतीक है बल्कि समाज में कमजोर वर्गों के प्रति हो रहे अन्याय का भी चित्रण है।

गांव के लोग आक्रोशित, दलित समाज ने की सख्त सजा की मांग

इस घटना ने गांव में आक्रोश का माहौल पैदा कर दिया है। गांव के लोग इस घटना की घोर निंदा कर रहे हैं और दोषियों को सख्त सजा दिलाने के लिए प्रशासन से अपील कर रहे हैं। दलित समुदाय के लोग एकजुट होकर अपनी बच्चियों की सुरक्षा और न्याय की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि इस तरह के अपराधों को रोका न गया, तो समाज में असमानता और अन्याय का बढ़ना तय है।

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न्याय की मांग, कानून का सख्त पालन आवश्यक

यह घटना यह दिखाती है कि कानून के सख्त पालन की आवश्यकता है ताकि समाज में इस प्रकार की घटनाओं पर नियंत्रण हो सके। प्रशासन से यह अपील की गई है कि मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए ताकि पीड़िता और उसका परिवार न्याय पा सके और समाज में एक उदाहरण स्थापित हो।

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