जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ेगी बसपा, सरकारी मशीनरी का होता है दुरुपयोग : मायावती

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बसपा सुप्रीमो ने बीते दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह घोषणा की है कि बसपा इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ेगी। उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी का कोई भी प्रत्याशी जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के लिए नहीं उतारा जायेगा। जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव न लड़ने के पीछे मायावती ने तर्क देते हुए कहा है कि इस इलेक्शन में होने वाली अति-धांधली के चलते पार्टी ने यह इलेक्शन नहीं लड़ने का फैसला लिया है।

मायावती का कहना है कि यूपी में जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीतना अब पूरी तौर पर खरीद फरोख्त और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने पर ही आधारित रह गया है जो कि अति दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है।

मायावती ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी भी वही तौर तरीके और शैली अपना रही है जो सपा ने अपने कार्यकाल के दौरान अपनाती आयी है। यही कारण है कि बसपा को 1995 में सपा से अलग होना पड़ा था। इसलिए बसपा ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया है और पार्टी के कार्यकताओं को निर्देशित किया है कि वह अपना पूरा ध्यान विधानसभा चुनाव में लगाएं।

मायावती ने उत्तरप्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कहा है कि उनकी पार्टी अकेले ही चुनाव लड़ेगी। उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ता से अपील करते हुए कहा कि वह चुनाव की तैयारी में जी जान से जुट जाएं। इसी के साथ बीजेपी ने अपने कार्यकर्ताओं को नसीहत देते हुए कहा कि विपक्षी दल की चालाकियों से सावधान रहें।

मायावती ने मीडिया पर भी आरोप लगाए और कहा कि पार्टी को चुनाव की तैयारियों को लेकर जितना सक्रिय होना चाहिए वह उतनी नही है। यह सब सिर्फ इसलिए कहा जा रहा है ताकि विधानसभा चुनाव को लेकर कार्यकर्ताओं का उत्साह कम हो जाय।

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