जीबी पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान इलाहाबाद में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट पदों पर ओबीसी अभ्यर्थियों की भर्ती को लेकर जो बवाल मचा हैं उसके बाद नए शिक्षकों की नियुक्ति रद्द कर दी गई और नई नियुक्ति के लिए विज्ञापन दिया गया हैं। जिस पर भीम आर्मी चीफ ने ट्वीट कर ख़ुशी जताते हुए कहा कि सामाजिक आंदोलन की गतिशीलता के कारण हमें जीत हासिल हुई है।
जीबी पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान इलाहाबाद में प्रोफेसर, एसोसिएशट प्रोफेसर और असिस्टेंट पदों पर ओबीसी अभ्यर्थियों को नाट फाउंटड सुटेबल किया गया था। सामाजिक आंदोलन की गतिशीलता के चलते नियुक्ति रद्द कर, नई नियुक्ति के लिए विज्ञापन हुआ है। यह हम सबकी साझा लड़ाई की जीत है। pic.twitter.com/vYw0u5F7ho
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) December 10, 2021
भीम आर्मी चीफ ने कहा,जीबी पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान इलाहाबाद में प्रोफेसर, एसोसिएशट प्रोफेसर और असिस्टेंट पदों पर ओबीसी अभ्यर्थियों को नाट फाउंटड सुटेबल किया गया था। सामाजिक आंदोलन की गतिशीलता के चलते नियुक्ति रद्द कर, नई नियुक्ति के लिए विज्ञापन हुआ है। यह हम सबकी साझा लड़ाई की जीत है। संस्थान में शिक्षकों के 23 पदों के सापेक्ष 16 पदों पर संस्थान को योग्य अभ्यर्थी ही नहीं मिले। हाल तो यह है कि ओबीसी वर्ग के सभी पद रिक्त रह गए। ऐसे में तमाम अभ्यर्थियों ने संस्थान और चयन समिति पर तमाम गंभीर आरोप लगाए हैं। मामले की शिकायत राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग से कर दी गई जिसके बाद अब आयोग ने मामले में संस्थान से जवाब तलब कर लिया है।
बता दे कि हाल ही में गोविंद बल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान में सात नए शिक्षकों को नियुक्ति मिली थी इनमें पांच असिस्टेंट प्रोफेसर और दो एसोसिएट प्रोफेसर थे। असिस्टेंट प्रोफसर पद पर अनराक्षित वर्ग में डॉ. अविरल पांडेय, डॉ. निहारिका तिवारी, ईडब्ल्यूएस में डॉ. मानिक कुमार, दिव्यांग में डॉ. अंबुज शर्मा, एसटी में डॉ. केई सैमसन का चयन हुआ था। हैरानी की बात ये थी की ओबीसी में कोई योग्य अभ्यर्थी ही नहीं मिले। एसोसिएट प्रोफेसर के लिए अनारक्षित वर्ग में डॉ. अर्चना सिंह, एससी में चंद्रैया गोपानी का चयन हुआ।जिसके बाद निदेशक प्रो. बद्रीनारायण ने बताया कि संस्थान ओबीसी वर्ग के चयन के लिए स्पेशल ड्राइव के तहत नया विज्ञापन जल्द जारी करेगा। देश के विभिन्न भागों से शिक्षाविद् चयनित हुए थे जो समाजिक विज्ञान की चुनौतियों पर शोध करेंगे।
अभ्यर्थियों ने चयन समिति पर तानाशाही रवैया लगाते हुए दो तिहाई पदों पर एनएफएस लगाना अनुचित ठहराया है। साथ ही इसे केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय एवं विश्वविद्यसलय अनुदान आयोग (यूजीसी) के उस आदेश का भी उलंघन बताया है, जिसमें कहा गया है कि किसी भी पद पर एनएफएस न लगाया जाए। बल्कि उच्चतम योग्य अभ्यर्थी का चयन किया जाए। अब इस प्रकरण में पिछड़ा वर्ग आयोग ने संस्थान से जवाब तलब कर लिया है।
हिन्दुत्व का मोहिनी मंत्र' लिखने वाले बद्रीनारायण तिवारी की लीला! देश की बहुसंख्यक आबादी में से कोई योग्य नहीं. जहां सिर्फ इंटरव्यू होगा वंचित NFS ही होंगे. इंटरव्यू में बैठे सवर्ण OBC-SC-ST की मेरिट नहीं, जाति देखते हैं।G.B PANT संस्थान की पूरी नियुक्ति प्रकिया तत्काल रद की जाए। pic.twitter.com/CkAPtkrRJY
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) December 7, 2021
जीबी पंत संस्थान के निदेशक प्रोफेसर बद्री नारायण तिवारी कहते हैं कि योग्य अभ्यर्थी नहीं मिलने पर चयन समिति ने एनएफएस लगाया है। भर्ती पारदर्शी तरीके से की गई है। आयोग को जल्द जवाब भेज दिया जाएगा। इसके अलावा बैकलाग (रिक्त पदों) पर स्पेशल ड्राइव मिशन मोड में विज्ञापन जारी कर फिर से आवेदन मांगे जाएंगे। इसके बाद नियुक्ति की जाएगी।
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