अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए डटकर खड़े रहे और संविधान लिखने वाले बाबा साहब अंबेडकर ने तो शायद इस दृश्य की कल्पना भी नहीं की होगी, जो आज हमारे देश में हो रहा है…
कल 26 जनवरी को हमारा देश अपना 75वां गणतंत्र दिवस मना चुका है। यानी हमारे संविधान को लागू हुए सात दशक से भी ज्यादा वक्त बीच चुका है। इस बीच काफी कुछ बदल चुका है, कई पार्टियां देश पर राज कर चुकी हैं। इस बीच देश में नफरत के बीज बोये जा रहे हैं, पुलिस सत्ता के इशारे में दमन पर उतारू है, किसानों के दमन का इतिहास लिखा जा चुका है, एक साथ बड़ी संख्या में सांसदों का संसद से निलंबन किया जा चुका है, और भी न जाने क्या-क्या हो चुका है।
मगर असल सवाल यह है कि क्या हमारे संविधान में इन सब चीजों के लिए कोई जगह थी, इसका जवाब होगा बिल्कुल भी नहीं। अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए डटकर खड़े रहे संविधान लिखने वाले बाबा साहब अंबेडकर ने तो शायद इस दृश्य की कल्पना भी नहीं की होगी, जैसा आज हमारे देश में है। हां, मगर उनके लिखे संविधान के कारण ही इस प्रजातांत्रिक देश में प्रजातंत्र बचा हुआ है। हम अपने अधिकारों और न्याय की बात कर पाते हैं। हालांकि यह भी सच है कि संविधान में जो कुछ लिखा और कहा गया आज उसके ठीक उलट हो रहा है। वो इसलिए की संविधान की दुहाई देने वाले ही इसकी धज्जियां उड़ा रहे हैं। खैर, यहां हम आपको संविधान की कुछ खास बातों से रू-ब-रू करवाते हैं,जिनके बारे में जानना दिलचस्प और जरूरी है।
भारतीय संविधान का अंतिम मसौदा जो दुनिया में सबसे लंबा है, 26 नवंबर 1949 को लगभग 2 साल, 11 महीने 17 दिन बाद अपनाया गया था। कानूनी रूप से इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। इसी दिन को हम ‘गणतंत्र दिवस’ के रूप में मनाते हैं।
1. भारतीय संविधान के जनक डॉ अंबेडकर अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा न होने की स्थिति में संविधान को जला देने के लिए भी थे तैयार।
2. हिंदी और इंग्लिश में लिखी गई थी संविधान की मूल कॉपी।
3. इंग्लिश वर्जन में कुल 117,369 शब्द।
4. दुनिया का सबसे बड़ा संविधान।
5. हाथ से लिखा गया है 448 धारा और 12 अनुच्छेद वाला संविधान।
6. प्रेम बिहारी रायजादा ने इसे खास शैली में लिखा है।
7. शांति निकेतन के कलाकारों ने इसके हर पन्ने को खास तरीके से सजाया।
8. संसद में रखी है संविधान की मूल कॉपी।
9. संविधान कहता है भारत है संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य।
10. संविधान में नागरिकों के न्याय स्वतंत्रता और समानता की तय की गई है।
11. 9 दिसंबर 1946 संविधान सभा की पहली बैठक।
12. संविधान बनाने में लगे 2 साल, 11 महीना और 17 दिन।
13. बहस के लिए आखिरी ड्राफ्ट के पहले किए गए 2000 संशोधन।
14. 26 नवंबर 1949 संविधान दिवस अंतिम ड्राफ्ट हुआ तैयार।
15. 24 जनवरी 1950 संविधान सभा के 284 मेंबर्स ने संविधान पर किया हस्ताक्षर।
16. 26 जनवरी 1950 भारत का संविधान देशभर में लागू।
17. 26 जनवरी 1950 इसी दिन चुना गया देश का प्रतीक चिह्न।
18. भारत का संविधान दुनिया के कई देशों से प्रेरित।
19. ब्रिटिश संसद के कई सारे अधिनियमों का संग्रह है हमारा संविधान।
20. स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व जैसे आदर्श फ्रांस के संविधान से लिए गए।
21. सोवियत संघ से ली गई है पंचवर्षीय योजनाएं।
22. जापान से लिए गए हैं सुप्रीम कोर्ट को चलाए जाने के नियम।
23. जर्मनी के संविधान से लिया गया है आपातकाल के दौरान मौलिक अधिकारों को खत्म कर देने से जुड़ा कानून।
24. अमेरिकी संविधान से ली गई है भारत के संविधान की प्रस्तावना।
25. भारत सरकार अधिनियम, 1935 पर आधारित है, देश के संविधान की संरचना।
26. पिछले 60 साल में सिर्फ 94 बार हुआ है संविधान में संशोधन हमारा संविधान समय के कसौटी पर खरा उतरा।
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