दमोह जिले के पटेरा के कोटा गाँव में बाबा साहब अंबेडकर की मूर्ति खंडित होने की घटना से दलित समाज में आक्रोश है। आठ दिन […]
लेखक: Dalit Times
अंबेडकर सम्मान स्कॉलरशिप योजना: केजरीवाल का चुनावी दांव या दलितों के असल सशक्तिकरण का कदम?
केजरीवाल सरकार ने दलितों के लिए कई योजनाओं का ऐलान किया, जैसे ‘अंबेडकर सम्मान स्कॉलरशिप’ और आवास योजनाएं, लेकिन इनका जमीनी प्रभाव बहुत कम रहा। […]
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन: जिन्होंने भारतीय अर्थव्यवथा को पुनः जीवित किया
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे देश के पहले सिख प्रधानमंत्री और एक प्रख्यात अर्थशास्त्री थे। […]
मायावती ने BJP और कांग्रेस को घेरा: कहा, दलितों के वोट के लिए कर रही छलावा, पूंजीपतियों की पार्टियाँ हैं दोनों
बसपा प्रमुख मायावती ने भाजपा और कांग्रेस पर दलितों के वोट के लिए छलावा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ये पार्टियाँ पूंजीपतियों से […]
Towards an Equal Society: Social Justice in the Past and Present
● “Not a place within public view, calling caste names in staffroom not an offence under SC/ ST Act: Madhya Pradesh High Court.” ● “Two […]
दलित चेहरे पर दांव लगाएगी BJP! क्या दलित को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाएगी ?
बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले दलित विरोधी छवि को बदलने और कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खरगे को टक्कर देने के लिए दलित नेता को […]
80 दलित और महादलित बच्चियों को कमरे में किया बंद: मुख्यमंत्री के दौरे से पहले अधिकारियों की संवेदनहीनता उजागर, पूछने पर भड़के अधिकारी
बिहार के वैशाली में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यात्रा से पहले कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में 80 दलित और महादलित बच्चियों को उनके कमरों से […]
अंबेडकर स्मारकों पर राजनीति: दलित समुदाय की उम्मीदों पर पानी, यूपी सरकार का दिखावटी कदम
उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ और नोएडा के प्रमुख दलित स्मारकों की मरम्मत और सुंदरीकरण के लिए 115 करोड़ रुपये की योजना शुरू की है। […]
Diversity, Equity and Inclusion
When you Google diversity it says it is “the wide variety of something.” Now, Google has left us on the fence by not explicitly mentioning […]
मनुस्मृति दहन दिवस: समानता के पथ पर आंबेडकर का ऐतिहासिक कदम
सोचिये जिस देश में करोड़ों लोग जीवनभर अछूत रहते हुए अपना कर्तव्य करने पर बाध्य थे, उन्हें अचानक समान अधिकार मिल जाए तो वह कितने […]