कर्नाटक में दलित छात्र की पिटाई के बाद जबरन जय श्रीराम के नारे लगवाने का आरोप, वीडियो वायरल

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17 वर्षीय दलित युवा का कसूर सिर्फ ये था कि उसने भगवान राम और हनुमान की तस्वीर के साथ एक पोस्ट शेयर की थी, जिसमें लिखा था कि ये दोनों भगवान नहीं हैं और इन तस्वीरों के साथ बाबा साहब अंबेडकर की तस्वीर लगा दी थी….

Karnataka news : दलित वर्ग पर अत्याचार की खबरें आये दिन मीडिया की सुर्खियों में रहती हैं। वैसे तो सभी हिंदू एक का दावा सत्तासीन केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है, मगर जहां पर राजनीतिक लाभ से इतर गिनती करनी होती है तो दलितों को हिंदुओं में नहीं गिना जाता और कई बार तो उनकी हालत अन्य संप्रदायों से भी बदतर हो जाती है। ऐसे उदाहरण अकसर हमारे समाज में नजर आते रहते हैं। दलितों की हत्यायें सवर्ण दबंग वर्ग द्वारा आम हैं, जहां कहीं पर पानी छू लेने, तो कहीं पर मंदिर जाने या फिर कहीं पर दलित दूल्हे द्वारा घोड़ी में बैठने पर भी उन्हें मौत के घाट उतार दिया जाता है।

दलित अत्याचार की एक घटना अब कर्नाटक के बीदर से सामने आयी है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक भगवान राम पर आपत्तिजनक पोस्ट करने के चलते 17 वर्षीय दलित स्कूली छात्र की दक्षिणपंथी संगठन के सदस्यों द्वारा बुरी तरह पिटायी की गयी थी। उसका कसूर ये था कि उसने भगवान राम और भगवान हनुमान की तस्वीर के साथ एक पोस्ट शेयर की थी, जिसमें लिखा था कि ये दोनों भगवान नहीं हैं। व्हाट्सऐप पर पीड़ित छात्र ने भीमराव अंबेडकर के साथ भगवान राम और हनुमान की तस्वीर लगायी थी।

इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दक्षिणपंथी संगठन से ताल्लुक रखने वाले चार युवाओं को गिरफ्तार किया है। पुलिस का कहना है कि भारतीय दंड संहिता और एससी/एसटी एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत आरोपियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। जो एफआईआर दर्ज की गयी है उसमें आरोपियों पर दलित छात्र को गलत तरीके से रोकने, जानबूझकर चोट पहुंचाने और धमकी देने का आरोप भी लगाया गया है। हुमनाबाद के पीयू कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र की शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी अभिषेक, रितेश रेड्डी, सुनील रेड्डी और अभिषेक तेलंग को गिरफ्तार किया।

एनडीटीवी में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस का दावा है कि यह घटना 22 जनवरी यानी जिस दिन अयोध्या में बने राम मंदिर में रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी, उस दिन की है। कर्नाटक के बीदर स्थित हुमनाबाद सर्कल क्षेत्र में दलित छात्र को उस समय दक्षिणपंथी संगठन से ताल्लुक रखने वाले युवाओं ने पीटा, जब अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित हो रहा था। इस घटना में सबसे बड़े दुस्साहस की बात यह है कि आरोपियों में न तो जेल जाने का खौफ था-न ही किसी सजा का, अगर किसी तरह का खौफ होता तो आखिर क्यों वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड किया जाता। यह एक तरह से दलित और अन्य संप्रदायों के युवाओं के लिए दक्षिणपंथी संगठनों की चेतावनी भी है।

जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल पर वायरल हो रहा है उसमें नजर आ रहा है कि दलित छात्र जैसे ही ऑटो-रिक्शा से उतरता है, वहीं पास में खड़े एक व्यक्ति ने उसे थप्पड़ मारा। दलित छात्र को कई लोगों ने घेरा हुआ है और इसके बाद आरोपी युवा उसे घसीटते हुए मंदिर तक ले जाते हैं।

अपनी शिकायत में दलित छात्र ने पुलिस के पास शिकायत दर्ज करायी कि कॉलेज से वापस लौटते समय कुछ लोगों ने उसे जबरन रोका और पूछा कि उसने राम और हनुमान का अपमान करने वाला स्टेटस क्यों लगाया है। उसके बाद आरोपी युवक को एक ऑटो में बैठाकर कुल्लूर पुल के पास हनुमान मंदिर में ले गए, जहां उससे माफी मंगवाई गयी और जबरन ‘जय श्रीराम’ के नारे लगवाने के बाद पीटा गया।

सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है उसमें नजर आ रहा है कि घसीटकर ले जाने के बाद पीड़ित दलित युवक मंदिर में हाथ जोड़कर खड़ा है और कई लोग उसे घेरकर खड़े हुए हैं। वहीं आरोपी नाबालिग दलित युवक का फोन भी चेक करते नजर आ रहे हैं। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने मंगलवार 23 जनवरी को मामला दर्ज किया।

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