आकाश आनंद का आरोप: आतिशी को CM बनाने का फैसला दलित समाज के साथ धोखा और केजरीवाल का सवर्ण प्रेम उजागर

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मायावती के भतीजे आकाश आनंद ने आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाया कि उसने ‘झाड़ू’ प्रतीक के जरिए दिल्ली के दलितों को ठगा है। और आगामी चुनाव में दिल्ली के लोग इस ठगी का जवाब देंगे और दलितों की उपेक्षा करने वालों को सबक सिखाएंगे।

दिल्ली में राजनीति का परिदृश्य अचानक बदल गया था जब अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया। उनकी इस घोषणा ने दिल्ली की राजनीति में हलचल मचा दी। इस बीच, आकाश आनंद, मायावती के भतीजे और एक प्रमुख दलित नेता, ने एक विवादास्पद बयान दिया। उन्होंने कहा कि केजरीवाल का इस्तीफा और आतिशी सिंह को मुख्यमंत्री बनाए जाने का निर्णय दिल्ली के दलित समाज के साथ एक बड़ा धोखा है। उनका कहना था कि यह निर्णय एक बार फिर से केजरीवाल की सवर्ण जातियों के प्रति झुकाव को उजागर करता है।

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आकाश आनंद ने आरोप लगाया

आकाश आनंद ने आरोप लगाया कि केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी ने दलित समाज को हमेशा नजरअंदाज किया है। उनका कहना था कि दिल्ली के दलित समाज को उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री पद पर एक दलित नेता को चुना जाएगा, लेकिन केजरीवाल ने मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और अब आतिशी सिंह जैसे नेताओं पर भरोसा जताया। इससे यह साफ होता है कि पार्टी के दलित विधायकों पर उनका कोई विश्वास नहीं है।

जबकि इस राजनीतिक उठापटक के बीच, आतिशी सिंह ने अपने नए पद को लेकर आशावादी दृष्टिकोण अपनाया। आम आदमी पार्टी विधायक दल की बैठक में, केजरीवाल ने आतिशी सिंह के नाम को मुख्यमंत्री पद के लिए प्रस्तावित किया और सर्वसम्मति से उनका चयन कर लिया गया। आतिशी सिंह ने केजरीवाल की सराहना करते हुए कहा कि अगर वह किसी और पार्टी में होतीं, तो उन्हें चुनाव का टिकट भी नहीं मिल पाता। लेकिन केजरीवाल ने न केवल उन्हें विधायक बनाया बल्कि मंत्री और अब मुख्यमंत्री पद के लिए भी उनका नाम आगे किया।

दिल्ली की राजनीति को एक नई दिशा दी

इस घटनाक्रम ने दिल्ली की राजनीति को एक नई दिशा दी और यह दिखाया कि कैसे राजनीतिक निर्णय एक समाज के भविष्य को प्रभावित कर सकते हैं। दिल्ली के लोग अब इस बदलाव को लेकर उत्सुक थे और आने वाले चुनावों में इस निर्णय का असर देखने के लिए तैयार थे।

इससे पहले मायावाती का बयान आया था

मायावती ने अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे पर आलोचना की और इसे राजनीतिक चाल करार दिया। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि यह इस्तीफा जनहित के बजाय चुनावी राजनीति का हिस्सा है और दिल्ली की जनता ने केजरीवाल की सरकार के दौरान कई समस्याओं का सामना किया है। मायावती ने यह भी सवाल उठाया कि क्या इस इस्तीफे से वास्तव में जनता की समस्याओं का समाधान होगा। उन्होंने सत्ता और विपक्ष के बीच संघर्ष को जनता को नुकसान पहुंचाने वाला बताया और सुझाव दिया कि राजनीतिक लड़ाई को जनहित के दृष्टिकोण से संतुलित रखना चाहिए।

केजरीवाल ने CM पद से अपने इस्तीफे की घोषणा की

अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में इस्तीफा देने के बाद, अपनी जगह पर आतिशी को अगले मुख्यमंत्री के रूप में प्रस्तावित किया। यह प्रस्ताव आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों द्वारा सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया। केजरीवाल ने रविवार को मुख्यमंत्री पद से अपने इस्तीफे की घोषणा की और कहा कि वे तब तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं लौटेंगे जब तक जनता उन्हें ईमानदारी का प्रमाणपत्र नहीं देती।

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आतिशी, जो पार्टी और सरकार की प्रमुख चेहरा हैं, ने वित्त, शिक्षा, और लोक निर्माण विभाग (PWD) जैसे महत्वपूर्ण विभागों का कार्यभार संभाला है। उनके नेतृत्व और कार्यक्षमता की वजह से ही उन्हें इस पद के लिए चुना गया है। उनके मुख्यमंत्री बनने से पार्टी की नीतियों और योजनाओं में निरंतरता की उम्मीद की जा रही है।

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