मायावती ने अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे को राजनीतिक पैंतरेबाजी बताया और सवाल उठाया कि दिल्ली की जनता की समस्याओं का समाधान कौन करेगा। उन्होंने कहा कि सत्ता और विपक्ष के बीच की लड़ाई को जनहित की कीमत पर नहीं होना चाहिए।
Politics: दिल्ली की राजनीति में हाल ही में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला जब अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया। उनकी इस्तीफे की घोषणा ने राजधानी की राजनीतिक धारा को बदल दिया और कई सवाल उठ गए। इस्तीफा देने के बाद, केजरीवाल ने अपनी पार्टी आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों को सूचित किया कि वे आतिशी को नए मुख्यमंत्री के रूप में नामित करना चाहते हैं। आतिशी, जो दिल्ली सरकार में मंत्री के रूप में वित्त, शिक्षा और लोक निर्माण विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभागों का कार्यभार संभाल रही थीं, को इस प्रस्ताव पर सर्वसम्मति से समर्थन मिला।
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मायावती ने केजरीवाल के इस्तीफे पर सवाल उठाए
अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद से विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की प्रतिक्रियाएँ सामने आनी शुरू हो गई हैं। इस बीच, बसपा की प्रमुख मायावती ने केजरीवाल के इस्तीफे पर सवाल उठाए हैं। मायावती ने इसे राजनीतिक पैंतरेबाजी और चुनावी चाल करार दिया है। मायावती ने सोशल मीडिया पर केजरीवाल के इस्तीफे को जनहित के बजाय चुनावी राजनीति का हिस्सा बताया। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह इस्तीफा वास्तव में जनता की समस्याओं के समाधान की दिशा में एक सच्ची पहल है, जबकि दिल्ली की जनता ने केजरीवाल की सरकार के दौरान कई कठिनाइयों का सामना किया।
मायावती का बयान:
मायावती ने अपने ट्वीट में कहा कि सत्ता और विपक्ष के बीच की लड़ाई इतनी कटु नहीं होनी चाहिए कि इससे देश और जनता को नुकसान पहुंचे। उन्होंने अपने अनुभवों का हवाला देते हुए बताया कि उनकी सरकार को भी केंद्रीय कांग्रेस सरकार द्वारा विकास योजनाओं में अड़चनें झेलनी पड़ी थीं, जो वर्तमान स्थिति के समान थीं। मायावती का यह बयान सत्ता संघर्ष के चलते जनता को होने वाली समस्याओं पर चिंता व्यक्त करता है और यह सुझाव देता है कि राजनीतिक लड़ाई को जनहित के दृष्टिकोण से संतुलित रखा जाना चाहिए।
मायावती के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि वे केजरीवाल के इस्तीफे को एक राजनीतिक चाल मानती हैं और यह सवाल उठाती हैं कि जनता की समस्याओं का समाधान कैसे किया जाएगा। उनका यह भी कहना है कि सत्ता के संघर्ष के चलते आम जनता की समस्याएं अनदेखी नहीं होनी चाहिए।
केजरीवाल ने CM पद से अपने इस्तीफे की घोषणा की
अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में इस्तीफा देने के बाद, अपनी जगह पर आतिशी को अगले मुख्यमंत्री के रूप में प्रस्तावित किया। यह प्रस्ताव आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों द्वारा सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया। केजरीवाल ने रविवार को मुख्यमंत्री पद से अपने इस्तीफे की घोषणा की और कहा कि वे तब तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं लौटेंगे जब तक जनता उन्हें ईमानदारी का प्रमाणपत्र नहीं देती।
आतिशी, जो पार्टी और सरकार की प्रमुख चेहरा हैं, ने वित्त, शिक्षा, और लोक निर्माण विभाग (PWD) जैसे महत्वपूर्ण विभागों का कार्यभार संभाला है। उनके नेतृत्व और कार्यक्षमता की वजह से ही उन्हें इस पद के लिए चुना गया है। उनके मुख्यमंत्री बनने से पार्टी की नीतियों और योजनाओं में निरंतरता की उम्मीद की जा रही है।
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