AAP का पोस्टर वॉर: राहुल गांधी को बताया ‘बेईमान’, केजरीवाल को ‘एक अकेला ईमानदार’

Share News:

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में AAP ने पोस्टर वॉर छेड़ते हुए राहुल गांधी को “बेईमान” और अरविंद केजरीवाल को “एक अकेला ईमानदार” बताया है। यह कांग्रेस और AAP के बीच मुस्लिम और दलित वोट बैंक पर पकड़ बनाने की कोशिश का हिस्सा है। कांग्रेस ने केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर पलटवार किया है, जबकि CAG रिपोर्ट में AAP सरकार पर गंभीर सवाल उठे हैं। 2013 के फॉर्मूले को दोहराने की कोशिश में AAP खुद भ्रष्टाचार के आरोपों से जूझ रही है, जिससे दिल्ली की जनता के बीच उसकी ईमानदारी पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां तेज़ हैं, और सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP) ने कांग्रेस समेत विपक्षी दलों पर हमला तेज़ कर दिया है। शनिवार को AAP ने एक विवादित पोस्टर जारी किया, जिसमें राहुल गांधी को “बेईमानों” की सूची में तीसरे स्थान पर दिखाया गया। इस सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पहले से मौजूद थे। अरविंद केजरीवाल ने खुद को “एक अकेला ईमानदार” बताकर सभी राजनीतिक दलों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। यह कदम सीधे-सीधे कांग्रेस के खिलाफ AAP की रणनीति को दर्शाता है।

AAP की रणनीति: मुस्लिम और दलित वोटरों पर कब्जे की कोशिश

दिल्ली की सियासी हवा में बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। कांग्रेस के लगातार सक्रिय होते नेताओं ने AAP के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। खासकर मुस्लिम और दलित वोट बैंक को लेकर दोनों पार्टियों के बीच खींचतान तेज हो गई है। कांग्रेस ने बीते महीनों में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा और प्रियंका गांधी की सभाओं के जरिए इस वोट बैंक को साधने की कोशिश की है। AAP को डर है कि यदि राहुल गांधी की छवि को भाजपा नेताओं के साथ खड़ा नहीं किया गया, तो यह वोट बैंक कांग्रेस के पक्ष में जा सकता है।

“तुम पर लोग चप्पल बरसाएंगे, गलियों में 10 मिनट चलकर दिखाओ”, केजरीवाल भड़के ओवैसी 

AAP की ‘ईमानदारी’ पर सवाल: भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप

2013 में भ्रष्टाचार विरोधी एजेंडे के साथ दिल्ली की सत्ता में आई आम आदमी पार्टी आज खुद भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों का सामना कर रही है। दिल्ली शराब नीति घोटाला, फीडबैक यूनिट का मामला और शिक्षा घोटाले जैसे कई मामलों में अरविंद केजरीवाल सरकार पर सीधा आरोप है। हाल ही में आई नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट ने AAP के कामकाज पर और अधिक सवाल खड़े कर दिए हैं। रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि दिल्ली सरकार के कामकाज में पारदर्शिता की कमी रही है और कई योजनाओं में फर्जीवाड़ा हुआ है।

कांग्रेस का पलटवार: ‘AAP के झूठ का पर्दाफाश’

कांग्रेस ने AAP के पोस्टर वार का जवाब देने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, और मल्लिकार्जुन खड़गे की टीम लगातार अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार और फेल गवर्नेंस के आरोप लगा रही है। कांग्रेस नेताओं ने दावा किया है कि अरविंद केजरीवाल का “एक अकेला ईमानदार” वाला नारा केवल एक ढोंग है। वे खुद घोटालों और कुशासन के प्रतीक बन चुके हैं। कांग्रेस ने शीला दीक्षित के कार्यकाल की तुलना AAP सरकार से करते हुए दिल्ली के विकास को ठप होने की बात कही है।

क्या 2013 का फॉर्मूला काम करेगा?

2013 में AAP ने भ्रष्टाचार विरोधी छवि और आम आदमी की समस्याओं को मुद्दा बनाकर सत्ता हासिल की थी। लेकिन अब 2025 में हालात पूरी तरह बदल चुके हैं। अरविंद केजरीवाल पर खुद भ्रष्टाचार के कई मामलों में जांच चल रही है। उनके अपने नेता और मंत्री भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल जा चुके हैं। दिल्ली में स्कूलों और मोहल्ला क्लीनिकों की योजनाओं की असलियत सामने आ चुकी है। ऐसे में जनता के सामने खुद को “ईमानदार” साबित करना AAP के लिए चुनौती बन गया है।

आप सरकार का गिरता जनाधार: “जनता के सवालों से भाग रहे केजरीवाल”, चुनावी हार के डर से कर रहे सहानुभूति का नाटक” 

दिल्ली की जनता के सवाल: ‘कौन है असली ईमानदार?’

दिल्ली की राजनीति में इस समय सबसे बड़ा सवाल यही है कि कौन ईमानदार है और कौन नहीं। AAP के पोस्टर वार ने कांग्रेस और बीजेपी दोनों को जवाबी हमलों का मौका दे दिया है। कांग्रेस जहां AAP की नीतियों और घोटालों को उजागर कर रही है, वहीं बीजेपी ने दिल्ली के विकास कार्यों को लेकर AAP को कटघरे में खड़ा किया है। जनता के बीच यह चर्चा आम हो चुकी है कि क्या अरविंद केजरीवाल का दावा सिर्फ एक राजनीतिक हथकंडा है, या इसके पीछे कोई ठोस सच्चाई है।

दिल्ली की सत्ता का भविष्य अनिश्चित

दिल्ली की राजनीति में इस बार चुनावी मुकाबला केवल मुद्दों का नहीं, बल्कि छवि और भरोसे का भी है। AAP की रणनीति भले ही “एक अकेला ईमानदार” का दावा कर रही हो, लेकिन कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली की जनता इन आरोप-प्रत्यारोपों में किसका साथ देती है। क्या जनता AAP की कथित ईमानदारी पर भरोसा करेगी, या कांग्रेस और बीजेपी के आक्रामक प्रचार से प्रभावित होगी? यह तय करेगा कि दिल्ली की सियासी तस्वीर कैसी होगी।

*दलित टाइम्स उन करोड़ो लोगो की आवाज़ है जिन्हें हाशिए पर रखा गया है। *

महिला, दलित और आदिवासियों के मुद्दों पर केंद्रित पत्रकारिता करने और मुख्यधारा की मीडिया में इनका प्रतिनिधित्व करने के लिए हमें आर्थिक सहयोग करें।

  Donate

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *