सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल है. वायरल वीडियो में साफ दिख रहा है कि एक बुजुर्ग महिला के हाथ बंधे हुए हैं. और दूसरी महिला बुजुर्ग महिला को पानी पिला रही हैं. आसपास के लोग आपस में झगड़ रहे हैं. लेकिन कोई भी रस्सी से बंधे महिला के हाथ नहीं खोल रहा है. यही नहीं, एक दूसरा वीडियो भी सामने आया है. इसमें इस बुजुर्ग महिला को पीटा जा रहा है. चलिए बताते हैं कि पूरा मामला क्या है.
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आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक ये वीडियो मध्य प्रदेश के खरगोन जिले का है. यहां जिले के सनावद थाना क्षेत्र में शुक्रवार, 3 फरवरी को एक दलित बुजुर्ग महिला को पड़ोसियों ने हाथ बांधकर पीटा. बुजुर्ग महिला ने पड़ोसी गणेश यादव पर पिटाई और गाली-गलौच के साथ साथ घर और जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया
जानकारी के मुताबिक खरगोन, मध्य प्रदेश में SC महिला को तीन घंटे तक रस्सी से बांधकर पीटने वाले गणेश यादव एवं अन्य जातिवादियों को पुलिस ने अभी तक अरेस्ट नहीं किया है। शर्म करो सरकार! @ChouhanShivraj @DGP_MPpic.twitter.com/TwAVwOC7dV
— Suraj Kumar Bauddh (@SurajKrBauddh) February 6, 2023
महिला का कहना है कि दलित होने के कारण पड़ोसियों ने हाथ बांधकर उनकी पिटाई की. साथ ही जाति सूचक गालियां भी दीं. पीड़ित महिला ने बताया कि करीब 3 घंटे तक उनके हाथ बंधे रहे, फिर भी किसी ने मदद नहीं की. महिला का आरोप है कि घटना से पहले भी आरोपी कई बार उनके साथ गाली-गलौच कर चुका है.
बुजुर्ग महिला के मुताबिक उनकी बहन ने जब उनके हाथ खोलने की कोशिश की तो आरोपियों ने उसे भी धमकाया. बाद में महिला की बहन ने पुलिस को घटना की जानकारी दी. जिसके बाद शाम करीब 5 बजे पुलिस ने आकर महिला के हाथ खोले.
इस मामले पर खरगोन के ASP मनीष खत्री का बयान भी सामने आया है उनके अनुसार घटना की जानकारी मिलते ही आरोपियों के खिलाफ SC/ST एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया. पीड़ित महिला ने पुलिस को घटना के कुछ फोटो और वीडियो भी दिए हैं. इनका इस्तेमाल मामले की जांच में किया जाएगा.
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इस पूरी घटना से पीड़ित का परिवार काफी डर गया है. पीड़ित महिला के बेटे का कहना है कि वो शहर में काम करते हैं और उनकी मां गांव में अकेली रहती हैं. इस घटना के बाद उन्हें डर है कि आरोपी कभी भी उन पर जानलेवा हमला कर सकता है. इसलिए वे पुलिस से सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। एनसीआरबी ने अपनी क्राइम इन इंडिया 2021 की एक रिपोर्ट में आँकड़ो को शामिल करते हुए बताया है कि भारत में दलितों के खिलाफ सबसे अधिक अपराध दर्ज करने वाले राज्यों में मध्यप्रदेश भी शामिल है।
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