दिल्ली में रेजिडेंट डॉक्टरों ने एनईईटी परीक्षा के बाद कॉलेज आवंटन में देरी के खिलाफ चिकित्सा सेवाओं को पूरी तरह से बंद कर सोमवार को जोरदार धरना प्रदर्शन किया। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) ने बुधवार से ही स्वास्थ्य सेवाओं को पूरी तरह से बंद करने के लिए इससे जुड़े सभी आरडीए के साथ-साथ भारत भर के अन्य डॉक्टरों के संघों का आह्वान किया है।
एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन फोर्डा के समर्थन में सामने आया है,उन्होंने कहा कि 24 घंटे के भीतर सरकार से पर्याप्त प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर वह बुधवार को सभी गैर-आपातकालीन सेवाओं को बंद कर देगा।फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने कहा कि उसके 4,000 सदस्यों ने सरोजिनी नगर पुलिस स्टेशन में सोमवार आधी रात को कोरोनोवायरस नाइट कर्फ्यू का पालन करने के लिए धरना समाप्त कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें दिन में पहले स्वास्थ्य मंत्रालय के कार्यालयों की ओर मार्च करने से रोक दिया गया था।
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— RDA_UCMS & GTBH (@RdaUcms) December 27, 2021
गौरतलब हैं कि कई महिला डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि दिन में उनके प्रदर्शन के दौरान उनके साथ हाथापाई की गई, समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि तीन प्रमुख सरकारी अस्पतालों – सफदरजंग, आरएमएल और लेडी हार्डिंग में मरीजों की देखभाल प्रभावित रही, जबकि जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि एनईईटी-पीजी काउंसलिंग में देरी ने मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश करने से एक पूरे समूह को रोक दिया हैं।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कि उनसे अधिक काम लिया जा रहा है और वो लोग “66 प्रतिशत क्षमता पर काम कर रहे हैं”, जिसके लिए वे सभी नए डॉक्टरों की तत्काल भर्ती की मांग कर रहे हैं, जो कि एक साल से भी अधिक समय से लंबित है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट मेडिकल प्रवेश में आरक्षण से जुड़े एक मामले की सुनवाई कर रहा है। जिसकी वजह से मामला आज साल भर बाद भी डॉक्टर की भर्ती रुकी हुई हैं।
FORDA के अध्यक्ष मनीष निगम ने कहा कि सोमवार को बड़ी संख्या में प्रमुख अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने “सेवाओं की अस्वीकृति जताने के लिए अपना एप्रन (लैब कोट) वापस कर दिया”।
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