हरियाणा में जातीय उत्पीड़न की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। कभी मारपीट, ऑनर किलिंग तो कभी सामाजिक बहिष्कार का रूप लेती ये घटनाए चली हैं और इसी क्रम में हाल ही में हरियाणा के भूड़, छातर व खापढ़ गांव से सामाजिक बहिष्कार की घटनाएं सामने आईं थीं। अब रोहतक (Rohtak) में महम उपमंडल के गांव भैणी मातो में 45 दलित परिवारों का कथित तौर पर सामाजिक बहिष्कार किया जा रहा है।
दरअसल भैणी मातों गांव में अनुसूचित जाति के एक युवक को लोगों पर एससीएसटी एक्ट लगवाना भारी पड़ गया। इसको लेकर गांव में पंचायत की गई और उस पंचायत में फैसला किया गया कि गांव का कोई भी व्यक्ति उस युवक व उनसे संबंध रखने वाले 45 परिवारों के साथ बोलचाल नहीं करेगा और न ही किसी तरह का संबंध रखेगा। गांव का कोई व्यक्ति इन परिवारों के सदस्यों को खेत, घर व दुकान में प्रवेश नहीं करने देगा। यदि कोई ऐसा करता पाया गया तो उससे 11 हजार रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा।
खबरों के मुताबिक भैणी मातो गांव निवासी एक युवक ने 7 दिसंबर को महम थाने में शिकायत दी थी। जिसमें उसने कहा था कि वह अनुसूचित जाति से संबंध रखता है। 7 दिसंबर की रात को कुलदीप उर्फ भोलू बुरी नीयत से उसके घर में घुस गया। कमरे में वह खुद, उसके माता पिता, उसका भतीजा व सत्रह साल की भतीजी सो रहे थे। कुलदीप उसकी भतीजी से छेड़छाड़ करने लगा। उसकी भतीजी ने शोर मचाया तो सभी की आंखें खुल गई। उसको मौके पर पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने कुलदीप को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ धारा 8, 354, 452, 506 व 3 एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया था।
महम थाना प्रबारी प्रहलाद सिंह ने कहा कि गांव में फिलहाल किसी तरह का तनाव नहीं है। आज भी पीड़ित पक्ष से उनकी मुलाकात हुई है। वे लगातार पीड़ित परिवार के संपर्क में हैं। यदि गांव में कोई व्यक्ति उनका सामाजिक बहिष्कार करता हुआ पाया गया तो ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कोई भी उनको सार्वजनिक स्थलों पर आने से नहीं रोक सकता।
*दलित टाइम्स उन करोड़ो लोगो की आवाज़ है जिन्हें हाशिए पर रखा गया है। *
महिला, दलित और आदिवासियों के मुद्दों पर केंद्रित पत्रकारिता करने और मुख्यधारा की मीडिया में इनका प्रतिनिधित्व करने के लिए हमें आर्थिक सहयोग करें।