बागपत में दलित परिवार पर दबंगई का कहर: जाटों ने बोला हमला, पुलिस की मौन भूमिका पर सवाल

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बागपत जिले के साकरोद गांव में जाट समुदाय के दबंगों ने धारदार हथियारों से लैस होकर एक दलित परिवार पर हमला कर दिया, जिसमें कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हमलावरों ने महिलाओं पर भी हमला किया, घर का सामान लूटा और गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया। पुलिस की मौजूदगी के बावजूद दबंगों ने बर्बरता जारी रखी। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया, लेकिन दलित समुदाय ने निष्पक्ष जांच और सख्त कार्रवाई की मांग की है।

UP: बागपत जिले के खेकड़ा कोतवाली क्षेत्र के साकरोद गांव में एक दलित परिवार पर जाट समुदाय के जातिवादियों द्वारा किया गया हमला मानवता को शर्मसार करने वाला है। मामूली कहासुनी के बाद दो दर्जन से अधिक जाट समुदाय के लोगों ने हथियारों से लैस होकर दलित परिवार के घर पर धावा बोल दिया। इस हमले में न केवल पुरुषों को निशाना बनाया गया, बल्कि महिलाओं और बच्चों को भी बर्बरता का शिकार होना पड़ा।

दलित परिवार की चीखें और दबंगों की हैवानियत

हमलावरों ने धारदार हथियारों के साथ घर में घुसकर जमकर उत्पात मचाया। पीड़ित परिवार ने जान बचाने के लिए कमरे में छिपकर अपनी रक्षा करने की कोशिश की, लेकिन दरवाजे और ताले तोड़कर दबंग घर में घुस गए। परिवार ने बार-बार दबंगों से रहम की भीख मांगी, लेकिन हमलावरों ने “चमार” कहकर गालियां दीं और पिटाई जारी रखी। पीड़ित परिवार का आरोप है कि हमलावरों ने उनकी कारों, मोटरसाइकिल और घर के सामान को भी नुकसान पहुंचाया। इसके अलावा, शादी के लिए इकट्ठा किया गया सामान भी लूट लिया गया।

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महिलाओं पर भी नहीं रहम, जानलेवा हमला और गालियों का शिकार

इस हमले में महिलाओं को भी नहीं छोड़ा गया। हमलावरों ने उन्हें बेरहमी से पीटा, जिससे कई महिलाओं की आंखें सूज गईं और गंभीर चोटें आईं। पीड़ित परिवार ने बताया कि गांव के लगभग सभी जाट समुदाय के लोग इस हमले में शामिल थे। यह हमला जातीय नफरत का नतीजा था, जहां दलित परिवार को उनकी जाति की सजा दी गई।

पुलिस की निष्क्रियता: दबंगों को खुली छूट

घटना का सबसे चौंकाने वाला पहलू यह है कि पुलिसकर्मी घटना स्थल पर मौजूद थे, लेकिन उन्होंने हमलावरों को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। पुलिस की मौन भूमिका ने सवाल खड़े कर दिए हैं। सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो वायरल हो चुका है, जिसमें पुलिसकर्मियों को मूकदर्शक बने देखा जा सकता है। यह साबित करता है कि पुलिस की निष्क्रियता ने दबंगों को और अधिक बढ़ावा दिया।

मुख्य आरोपी गिरफ्तार, लेकिन अन्य अब भी फरार

घटना के बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी दीपू पुत्र राकेश, शैलेन्द्र पुत्र हरपाल, ऐलान पुत्र रमेश और प्रशांत उर्फ भूरा पुत्र रामेश्वर समेत अन्य के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। हालांकि, पुलिस ने कुछ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन अन्य की गिरफ्तारी अब भी लंबित है।

सीओ खेकड़ा प्रीता सिंह ने बताया

बागपत के साकरोद गांव में हुए दलित परिवार पर हमले के मामले में सीओ खेकड़ा प्रीता सिंह ने बताया कि पुलिस ने सूचना मिलते ही तुरंत कार्रवाई की। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया और पीड़ितों की तहरीर पर उच्च धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। कुछ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि अन्य की तलाश जारी है। घटना के बाद क्षेत्र में तनाव का माहौल है, लेकिन पुलिस ने शांति व्यवस्था बनाए रखने का आश्वासन दिया है और दोषियों को अदालत में पेश करने की प्रक्रिया जारी है।

प्रशासन पर सवाल और दलित समुदाय का आक्रोश

यह घटना केवल एक परिवार पर हमला नहीं है, बल्कि यह पूरे दलित समाज पर हमला है। पीड़ित परिवार ने बताया कि जाट समुदाय ने संगठित तरीके से इस हमले को अंजाम दिया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि गांव में दलितों के खिलाफ जातीय हिंसा का माहौल पहले से बना हुआ है।

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न्याय की मांग: प्रशासन से सख्त कार्रवाई की उम्मीद

घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल बन गया है। दलित समुदाय ने घटना के खिलाफ प्रदर्शन किया और दोषियों को जल्द से जल्द सख्त सजा देने की मांग की। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि मामले में निष्पक्ष जांच होगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। हालांकि, यह देखना बाकी है कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है।

क्या दलितों को मिलेगा न्याय?

यह घटना समाज में व्याप्त जातीय भेदभाव और हिंसा की भयावह सच्चाई को उजागर करती है। दलितों को उनकी जाति की सजा कब तक मिलती रहेगी? क्या प्रशासन इस घटना से सबक लेगा और दलितों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा? यह सवाल अब पूरे देश के सामने है। जब तक दोषियों को सख्त सजा नहीं मिलती, तब तक इस घटना का दंश दलित परिवार और समाज झेलता रहेगा।

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