गया जिले की बेलागंज सीट पर एनडीए की जीत का जश्न मनाते हुए लोजपा (आर) समर्थक दलित परिवार पर यादव समुदाय के लोगों ने हमला कर दिया। चिराग पासवान का गाना बजाने को लेकर विवाद हुआ, जिसमें परिवार के चार सदस्य घायल हो गए। पुलिस ने मामला दर्ज कर तीन आरोपियों को हिरासत में लिया है। घटना ने क्षेत्र में जातिगत तनाव को उजागर कर दिया है।
गया जिले की बेलागंज विधानसभा सीट पर उपचुनाव में एनडीए ने 35 साल बाद बड़ी जीत दर्ज की। जेडीयू की प्रत्याशी मनोरमा देवी ने आरजेडी के उम्मीदवार विश्वनाथ कुमार सिंह को 20,000 वोटों से हराकर इतिहास रच दिया। इस जीत से क्षेत्र में एनडीए समर्थकों के बीच जश्न का माहौल था। वहीं, लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान का गाना बजाकर जश्न मनाने वाले एक दलित परिवार पर हिंसक हमला होने की घटना ने इलाके को झकझोर कर रख दिया।
झारखंड विधानसभा चुनाव: JLKM ने कैसे बदला समीकरण? पलट दी सारी बाजी
जन्मदिन की खुशी में बदल गया खौफ
बेलागंज के एक गांव में मुरारी पासवान अपने परिवार के साथ छत पर जन्मदिन का जश्न मना रहे थे। इस दौरान जेडीयू प्रत्याशी की जीत के उत्साह में लोजपा (आर) के अध्यक्ष चिराग पासवान का एक गाना भी बजाया गया। परिवार का कहना है कि इस गाने ने कुछ स्थानीय यादव समुदाय के लोगों को उकसा दिया। शैलेश यादव और बब्लू यादव के नेतृत्व में सात-आठ लोग कथित तौर पर घर में घुस आए। वे गाना बजाने का विरोध करने लगे और देखते ही देखते बात हिंसा में बदल गई। मुरारी पासवान, मुरली पासवान, परिवार की एक महिला और 10 वर्षीय बच्ची पर पत्थरों और बांस के डंडों से हमला किया गया।
राजनीतिक रंजिश या आपसी झड़प?
स्थानीय लोगों का आरोप है कि हमलावर आरजेडी के समर्थक थे, जो एनडीए की जीत और लोजपा (आर) के गानों से नाराज थे। पुलिस ने हालांकि इस घटना को राजनीतिक रंग देने से इनकार किया है। चंदौती थाना प्रभारी अजय कुमार ने बताया कि घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और घायल व्यक्तियों को तुरंत इलाज के लिए एएनएमसीएच अस्पताल में भर्ती कराया गया। चारों को सिर, गर्दन और हाथ पर गंभीर चोटें आईं। पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है और तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है।
दहशत में परिवार, न्याय की गुहार
मुरारी पासवान ने पुलिस को बताया कि हमला योजनाबद्ध तरीके से किया गया। उनके घर पर पत्थरबाजी की गई, महिलाओं और बच्चों को भी नहीं बख्शा गया। परिवार इस घटना के बाद बेहद डरा हुआ है। वहीं, स्थानीय प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी। प्रत्यक्षदर्शियों की गवाही दर्ज की जा रही है, और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
सामाजिक ताने-बाने पर सवाल
यह घटना क्षेत्र में जातिगत तनाव को उजागर करती है। एनडीए की जीत के बाद दलित समुदाय का जश्न मनाना यादव समुदाय के कुछ लोगों को नागवार गुजरा। यह घटना न केवल सामाजिक बंटवारे को दर्शाती है, बल्कि बिहार की राजनीतिक और सामाजिक संरचना में जातिगत समीकरणों की गहरी जड़ों की ओर भी इशारा करती है।
बसपा प्रमुख मायावती का बड़ा ऐलान: उपचुनाव से दूरी, EVM पर उठाए गंभीर सवाल
प्रशासन की भूमिका और आगे की कार्रवाई
पुलिस ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए जांच तेज कर दी है। थानाध्यक्ष अजय कुमार ने बताया कि दोषियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। स्थानीय लोग अब प्रशासन से न्याय की उम्मीद कर रहे हैं, ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
बेलागंज की इस घटना ने एनडीए की जीत के जश्न में खलल डाल दिया है। यह राजनीतिक और सामाजिक तंत्र पर कई सवाल खड़े करती है, जहां जीत और खुशी भी जातिगत हिंसा का कारण बन जाती है।
*दलित टाइम्स उन करोड़ो लोगो की आवाज़ है जिन्हें हाशिए पर रखा गया है। *
महिला, दलित और आदिवासियों के मुद्दों पर केंद्रित पत्रकारिता करने और मुख्यधारा की मीडिया में इनका प्रतिनिधित्व करने के लिए हमें आर्थिक सहयोग करें।