UP के गाजियाबाद में प्रधानाचार्य पर दलित शिक्षिका के साथ मारपीट का आरोप, पीड़िता बोली जातिसूचक शब्दों के साथ अपमानित भी किया

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उच्च अधिकारी की बात मानकर जब दलित शिक्षिका वापस कम्प्यूटर पढ़ाने गयी तो प्रधानाचार्य ने उनके साथ अभद्रता की। जातिसूचक शब्द बोले और पीटना शुरू कर दिया…

Ghaziabad news : मनुवादी मानसिकता इतनी खतरनाक होती है कि ये प्रताड़ित करने के लिए अपने नीचे एक जाति खोज ही लेती है। ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि गाजियाबाद में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहाँ एक स्कूल की प्रिंसिपल जो की OBC समुदाय से ताल्लुक रखती हैं, ने स्कूल की दलित शिक्षिका को उसकी कही हुई बात न मानने की सजा देते हुए जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया, साथ ही उसके साथ मारपीट भी की।

क्या था पूरा मामला

घटना उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के मसूरी के जयप्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालय की है, जहाँ स्कूल की महिला प्रधानाचार्य पूनम कुशवाहा ने दलित शिक्षिका के साथ जातिसूचक शब्दों के साथ पहले तो अभद्रता की और बाद में मारपीट भी की।

जानकारी के मुताबिक आरोपी प्रधानाचार्य ने दलित शिक्षिका को कंप्यूटर के साथ-साथ अन्य विषयों की भी क्लास लेने के लिए कहा था, लेकिन कंप्यूटर की शिक्षिका ने प्रधानाचार्य को इसके लिए मना कर दिया। दलित शिक्षिका द्वारा मना करने पर प्रधानाचार्य आग बबूला हो गयीं, और कथित रूप से उसने दलित शिक्षिका को अपमानित करते हुए पीटना शुरू कर दिया। ये घटना 4 मार्च की बताई जा रही है।

पीड़ित दलित शिक्षिका ने क्या कहा
घटना के सिलसिले में दलित शिक्षिका अंशिका ने पुलिस के पास तहरीर दी और बताया कि 4 मार्च को स्कूल की प्रधानाचार्य पूनम कुशवाहा ने उनके साथ अभद्रता की। बता दें कि दलित शिक्षिका निगरावठी गांव की रहने वाली है। पीड़िता के मुताबिक प्रधानाचार्य ने उन्हें कम्प्यूटर विषय पढ़ाने के बजाय दूसरे विषय पढ़ाने के लिए कहा, जिसके लिए उन्होंने मना कर दिया। पीड़िता ने आगे बताया कि यह बात उन्होंने उच्च अधिकारी को भी बतायी थी, जिन्होंने उन्हें सिर्फ कंप्यूटर पढ़ाने की हिदायत दी थी। हालांकि उच्च अधिकारी की बात मानकर जब दलित शिक्षिका वापस कम्प्यूटर पढ़ाने गयी तो प्रधानाचार्य ने उनके साथ अभद्रता की। जातिसूचक शब्द बोले और पीटना शुरू कर दिया।

पुलिस ने क्या कहा

मामले पर संज्ञान लेते हुए पुलिस ने दलित शिक्षिका की शिकायत के आधार पर FIR दर्ज कर ली है। मसूरी पुलिस के सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) ने बताया कि पीड़िता की तहरीर पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 323 (जान बूझकर चोट पहुंचाना), अनुसूचित जाति जनजाति निवारण अधिनियम (sc/st act 1989) और IPC की धारा 506 आपराधिक धमकी देने के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है। साथ ही मामले की जांच की जा रही है।

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