पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिख आंदोलन कर रहे किसानों के साथ फिर से बातचीत शुरू करने का आग्रह किया था। इसपर बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस पार्टी पर किसानों को बदनाम कर राजनीति करने का आरोप लगाया है।
मायावती ने ट्विटर के माध्यम से लिखा “पंजाब के कांग्रेसी सीएम द्वारा किसानों के आन्दोलन को लेकर विभिन्न आशंकाएं व्यक्त करते हुए पीएम को लिखा गया पत्र नए कृषि कानूनों को रद्द कराने के लिए अपने प्राणों की आहुति भी दे रहे किसानों के आन्दोलन को बदनाम करने की साजिश व उसकी आड़ में चुनावी राजनीति करना घोर अनुचित।”
बसपा सुप्रीमो ने आगे लिखा “सीमावर्ती राज्य पंजाब की सरकार को जिन भी चुनौतियों का सामना है उसके प्रति गंभीर होकर केन्द्र का सहयोग लेना तो अनुचित नहीं, लेकिन इसकी आड़ में किसानों के आन्दोलन को बदनाम करना व चुनावी स्वार्थ की राजनीति को जनता खूब समझती है। कांग्रेस को ऐसा करके कोई लाभ मिलने वाला नहीं है।”
1. पंजाब के कांग्रेसी सीएम द्वारा किसानों के आन्दोलन को लेकर विभिन्न आशंकाएं व्यक्त करते हुए पीएम को लिखा गया पत्र नए कृषि कानूनों को रद्द कराने के लिए अपने प्राणों की आहुति भी दे रहे किसानों के आन्दोलन को बदनाम करने की साजिश व उसकी आड़ में चुनावी राजनीति करना घोर अनुचित।
— Mayawati (@Mayawati) July 17, 2021
अमरिंदर सिंह ने पीएम को लिखा पत्र
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने पत्र में आईएसआई समर्थित गुटों द्वारा सीमा पार से बढ़े ख़तरे और ड्रोन और अन्य आतंकवादी गतिविधियों में बढ़ोतरी का ज़िक्र किया। उन्होंने लिखा, “वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन मुझे डर है कि कुछ राजनीतिक दलों के भड़काऊ बयानों और आचरण और भावनात्मक प्रतिक्रिया से कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है और राज्य में कठिन परिश्रम से अर्जित शांति को अपरिवर्तनीय क्षति हो सकती है।”
कैप्टन ने लंबे समय से चल रहे किसान आंदोलन की समस्या का समाधान खोजने के लिए प्रधानमंत्री के साथ चर्चा और पंजाब से एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने का भी प्रस्ताव रखा है। अमरिंदर का मानना है कि यह राज्य के सामाजिक ताने-बाने के लिए खतरा है और इस से आर्थिक गतिविधियों पर भी असर पड़ रहा है।
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