शनिवार 16 मार्च को जहां चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनावों की तारीखों का एलान किया वहीं तेलंगाना में बहुजन समाज पार्टी को एक बड़ा झटका लगा। दरअसल, तेलंगाना में बहुजन समाज पार्टी के स्टेट प्रेसिडेंट डॉ. आर एस प्रवीण ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। हालंकि कुछ समय बाद ही मीडिया में इस बात की चर्चा होने लगी की आर.आस. प्रवीण ने BRS का दामन थामने वाले हैं। तो वहीं सोशल मीडिया पर ये भी कहा जाने लगा कि आर.एस. प्रवीण ने BSP से इस्तीफा इसलिए दिया है क्योंकि उन्हे BRS जॉइन करनी थी। बहरहाल क्या है पूरी घटना जानने के लिए यह लेख पढ़े…
मैं नहीं चाहता पार्टी की छवि को नुकसान हो : R.S प्रवीण
तेलंगाना में बहुजन समाज पार्टी के स्टेट प्रेसिडेंट रहे आर.एस प्रवीण ने शनिवार 16 मार्च को सोशल मीडिया X पर एक पोस्ट लिखकर कहा, “बहुजनों ‘मैं यह संदेश लिखने में असमर्थ हूं, लेकिन मुझे इसे लिखना ही होगा क्योंकि अब नया रास्ता अपनाने का समय आ गया है। कृपया मुझे इस पोस्ट के लिए क्षमा करें और मेरे पास कोई विकल्प नहीं बचा है। भारी मन से मैंने बहुजन समाज पार्टी छोड़ने का फैसला किया है।” इतना ही नहीं आर एस प्रवीण ने आगे लिखा कि , “मैं नहीं चाहता कि मेरे नेतृत्व में तेलंगाना में हाल के फैसलों (चाहे वे कितने भी जानकार क्यों न हों) के कारण इस महान पार्टी की छवि खराब हो। साथ ही मैं कुछ मूल सिद्धांतों और व्यक्तिगत चरित्र से भी समझौता नहीं करना चाहता। एक स्वैरो के रूप में मैं किसी को दोष नहीं दूँगा और मैं उन लोगों को भी धोखा नहीं देना चाहता जिन्होंने मुझ पर भरोसा किया।”
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BSP पर था BJP का दबाव : RS प्रवीण का आरोप
पार्टी से इस्तीफ़ा देने के बाद समाचर एजेंसी PTI (press trust of india) से बात करते हुए है आर एस प्रवीण ने कहा कि हाल ही में तेलंगाना में लोकसभा चुनावों के मद्देनजर BSP और BRS ने गठबंधन किया था लेकिन BJP की तरफ़ से दबाव के चलते BSP ने BRS ( Bharat Rashtra Samithi) से गठबंधन तोड़ा दिया। पार्टी से इस्तीफा देने के पीछे सबसे बड़ा कारण यही है कि बीजेपी के दबाव में BRS से गठबंधन तोड़ा गया। गौरतलब है कि 5 मार्च को तेलंगाना में बीएसपी और बीआरएस ने गठबंधन किया था। जिसके बाद तेलंगाना में लोकसभा चुनावों में बीएसपी दो सीटों पर चुनाव लड़ रही थी। ये दो सीटें थी नागरकुर्नूल और हैदराबाद। हालांकि अब बीआरएस और बीएसपी के गठबंधन के टूटने की ख़बर के साथ सोशल मीडिया पर इस बात ने भी ज़ोर पकड़ लिया है कि आर एस प्रवीण KCR की पार्टी BRS में शामिल होने वाले हैं।
R S प्रवीण ने जॉइन की BRS :
सभी कयासो और अटकलो पर मुहर लगाते हुए रविवार 17 मार्च को आरएस प्रवीण ने अपने सोशल मीडिया पर जानकारी दी की वह तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री केसीआर की पार्टी बीआरएस में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने पोस्ट में लिखा, “मैं जहां भी हूं, बहुजन महानी के सिद्धांतों को अपने दिल में गहराई से रखता हूं। मैं उनके सपनों को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ूंगा।” वहीं समाचार वेबसाइट दी हिंदु ने एक खबर प्रकाशित की जिसका शिर्षक उन्होंने रखा, “आरएस प्रवीण सोमवार को बीआरएस में शामिल होंगे” इस रिपोर्ट के मुताबिक बहुजन समाज पार्ट की तेलंगाना इकाई के पूर्व अध्यक्ष आरएस प्रवीण कुमार सोमवार यानी 18 मार्च को भारत राष्ट्र समिति (BRS) में शामिल होंगे। रिपोर्ट में आगे ये भी लिखा गया कि यह फैसला लेने से पहले आरएस प्रवीण ने अपने समर्थकों के साथ एक मीटिंग की और उनकी राय जानी। जहाँ उन्होंने तेलंगाना और दलित समुदाय के हित में लिए गए उनके फैसले का समर्थन करने के लिए अपने समर्थकों को धन्यवाद भी दिया।
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मायावती को मानते हैं अपना आदर्श :
बताते चलें कि बीते साल तेलंगाना में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान BSP सुप्रीमों मायावती ने तेलंगाना में पहुंचकर खुद इस बात को मंच से कहा था कि तेलंगाना में अगर बसपा जीत जाती है तो बहुजन समाज पार्टी की तरफ से तेलंगाना में आरएस प्रवीण मुख्यमंत्री बनेंगे। वहीं चुनाव प्रचार के दौरान आरएस प्रवीण ने इस बात को कहा था कि वह कुमारी मायावती को अपना आदर्श मानते हैं और वो चाहते हैं कि इस देश की हर बेटी मायावती जैसी सशक्त और आत्मनिर्भर बने..। बहरहाल आकाश आनंद के मुताबिक आरएस प्रवीण ने पार्टी के सिद्धांतों की अंदेखी करते हुए इस्तीफा दिया है।
वहीं सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि, आर एस प्रवीण को सिर्फ सासंद बनना है इसलिए उन्होंने बहुजन समाज और पार्टी दोनों को धोखा दिया है। बीएसपी छोड़ बीआरएस में वो सिर्फ इसलिए शामिल हुए क्योंकि उन्हें नागरकुर्नूल सीट से लोकसभा चुनाव लड़ाया जाएगा।
आकाश आनंद का बयान :
शनिवार को R S प्रवीण के इस्तीफ़े के बाद बहुजन समाज पार्टी के नेशनल कॉर्डिनेटर आकाश आनंद ने कहा, “मीडिया में आए R S प्रवीण के बयान को सुनकर काफी दुख हुआ। बीएसपी का कैडर और सभी पदाधिकारी भलीभांति जानते हैं कि गठबंधन का फैसला हो या उम्मीदवार का, सभी फैसले की सूचना बहन जी खुद मीडिया को देती हैं। लेकिन तेलंगाना के मामले में जिस तरह से प्रवीन जी ने अपरिपक्वता का परिचय दिया है वो पार्टी की नीतियों और कार्यशैली के खिलाफ है।
गठबंधन बाबा साहेब के मिशन के खिलाफ :
आकाश ने आगे लिखा, “संविधान बदलने की बात करने वाली पार्टी से बीएसपी का गठबंधन बाबा साहेब के मिशन के खिलाफ है। भाजपा के दबाव में गठबंधन तोड़ना तो दूर बीएसपी के लोग ऐसे लोगों से बातचीत भी करना पसंद नहीं करते हैं।
प्रवीण जी और यूपी के एक युवा साथी भी दलित राजनीति के विरोधियों की साजिश का शिकार हो गए और संविधान विरोधियों के झाँसे में आ गये। लेकिन बीएसपी के लोग बहुत समझदार है, वो इन संविधान विरोधी लोगों की साज़िशों को अच्छे से समझते है और कभी भी इनके झाँसे में आने वाले नहीं है।
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