हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बनी सरकार हेमंत सोरेन के लिए झारखंड जनादेश था। हेमंत ने हमेशा गरीबों , दलितों और आदिवासियों के हित में बात की है इसलिए झारखंड को लूटने वालों ने हेमंत को जेल भेज दिया।“
Jharkhand News : रविवार को हूल दिवस के मौके पर झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बीजेपी पर निशाना साधा और कड़े शब्दों में कहा कि हेमंत सोरेन को झूठे मुकदमे में फंसा कर जेल भेजा गया है। उन्होंने आगे ये भी कहा कि हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी अनूचित थी। बता दें कि झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन रविवार को राजनगर के करंडीह में गम देसाई मेला में पहुंचे थे जहाँ उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए यह बात कही।
झूठे आरोपों में फंसाया गया :
सभा को संबोधित करते हुए झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि हेमंत सोरेन को झूठे आरोपों में फंसाया गया है। पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को अनुचित बताते हुए उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधा और आगे कहा कि जिन्होंने झारखंड को पीछे धकेला था और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया था उन्होंने ही फिर एक बार चाल चली और हेमंत बाबू को जेल में डाल दिया।
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दलितों और गरीबों की सरकार :
कार्यक्रम में मंच से बोलते हुए सीएम चंपई ने दावा किया कि पूर्व की हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार से प्रदेश के गरीबों और दलित वर्ग की उम्मीदें जुड़ी थीं। इस वर्ग ने हेमंत सोरेन के सीएम बनने के लिए वोट किया था। वह आगे कहते हैं कि, “2019 में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बनी सरकार हेमंत सोरेन के लिए झारखंड जनादेश था। हेमंत ने हमेशा गरीबों , दलितों और आदिवासियों के हित में बात की है इसलिए झारखंड को लूटने वालों ने हेमंत को जेल भेज दिया।“
हेमंत सोरेन को मिली जमानत :
बताते चले कि हाल ही में 28 जून को झारखंड उच्च न्यायालय ने हेमंत सोरेन को जमानत दे दी है और 29 जून की ही देर रात हेमंत सोरेन जेल से बाहर आ गए थे। वो झारखंड की बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद थे। उन पर जमीन पर अवैध कब्जें और मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया है। उन्हें CBI ने 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था।
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क्या होता है हुल दिवस :
हूल दिवस पर रविवार को मुख्यमंत्री चंपई सोरेन राजनगर के कुमंडीह में गमदेसाई मेला पहुंचे। यहां उन्होंने कहा कि वीर सिदो कान्हू ने तीर कमान से अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ लड़ाई लड़कर हमारी जमीन की रक्षा की थी। 30 जून 1855 की क्रांति को हूल दिवस के रूप में पूरे भारत में मनाया जाता है। सिदो कान्हू चांद भैरव जैसे अमर शहीदों के नेतृत्व में 50 हजार से अधिक हमारे पूर्वजों ने बलिदान दिया था। उन्होंने वीर सिदो कान्हू को याद किया और कहा कि वीर सिदो कान्हू के आंदोलन के बदौलत संथाल परगना बना और सीएनटी-एसपीटी (CNT-SPT) एक्ट मिला। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह धरती हमारी पूर्वजों के बलिदान की देन है। इसके बाद कोल विद्रोह हुआ और विलकिंसन रूल बना।
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