उत्तरप्रदेश : दलितों पर हो रहे उत्पीड़न संबंधी हर दिन कई मामले सामने आ रहे हैं। सत्ता में बैठे लोग केवल झूठी सहानुभूति के साथ मामलों में प्रतिक्रिया देकर इतिश्री कर लेते हैं। ताजा मामला दिल्ली में काम करने गए एक दलित युवक की बेल्टों से पिटाई करने का है। उत्तरप्रदेश के उन्नाव जिले के पोटरिहा गांव के रहने वाले युवक को दिल्ली में बंधक बना युवकों ने लाठी व बेल्ट से पिटाई की है। जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। परिजनों ने बेटे की पिटाई का वीडियो देख अचलगंज पुलिस से न्याय की गुहार लगाई। मगर कार्रवाई न होने पर गुरुवार एसपी से कार्रवाई की मांग उठाई है। पीड़ित युवक के पिता के मुताबिक इसी थाना के घनश्यामखेड़ा गांव के दिल्ली में रह रहे युवकों ने नौकरी दिलवाने के नाम पर पचास हजार रुपये की मांग पूरी न होने पर बंधक बना पिटाई की जा रही है। मामले को लेकर पीड़ित पिता दर-दर की भटकता पुलिस की चौखट पर घूम रहा है।
नौकरी के लिए पांच महीने पहले दिल्ली गया था बेटा –
अचलगंज थाना क्षेत्र के पोटरिहा गांव के रहने वाले कमलेश ने पुलिस में तहरीर देकर बताया कि उसका बेटा सचिन पांच माह पहले दिल्ली में नौकरी के लिए गया था। दिल्ली के आजादनगर मोहल्ला में मेवा का कारोबार करने वाले बनिया की दुकान पर नौकरी कर रहा था। पिता कमलेश के मुताबिक पोटरिहा गांव के पड़ोसी गांव के कुछ युवक दिल्ली के मुगलपुर स्थित युवक की बच्चों के खिलौना बनाने की फैक्ट्री में काम करते हैं। इन युवकों ने सचिन को अच्छी पगार व रहने आदि की व्यवस्था बताकर नौकरी दिलवाने के नाम पर कमरे पर बुलवाया। बताया जा रहा है युवकों के सचिन को मुगलपुर स्थित फैक्ट्री में काम पर रखवाने का पचास हजार रुपये मांगा। सचिन से रुपये का बंदोस्त न कर पाने पर युवकों ने कमरे में बंधक बना लाठी व बेल्ट से पिटाई शुरू कर दी। तभी किसी ने पिटाई का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। पिटाई का वीडियो गांव में रह रहे सचिन के भाई कल्लू को मिला तो परिजन वीडियो देख बेहाल हो उठे।
मजबूरी में पिता ने बेटे के खाते में भेजे रुपए –
पीड़ित पिता ने बेटे के खाता में पांच हजार रुपये भेजने के बाद अचलगंज कोतवाली पहुंच 21 अगस्त को तहरीर दी। मगर पुलिस से कोई कार्रवाई न होने पर एसपी से गुहार लगाई है। एसपी दिनेश त्रिपाठी ने मामले को संज्ञान में लेते हुए अचलगंज इंस्पेक्टर से जांच कर कार्रवाई की बात कहीं हैं। बताया जा रहा है कि एसपी से मिलने के बाद जब परिजन थाने गए तो उनकी इंस्पेक्टर ने बात नहीं सुनी और वहां से चलता कर दिया।
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