उत्तर प्रदेश : रायबरेली में दलित की जमीन के बैनामे में धांधली, कोर्ट ने दिए जांच के आदेश

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जमीन की सहखातेदार हैं, ने जब देखा कि जमीन के बैनामे में धोखाधड़ी हुई है, तो उन्होंने क्रेता अलमदार हुसैन के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई।

 

Fraud with dalit in raibareli UP : रायबरेली जिले के ऊंचाहार इलाके में एक दलित व्यक्ति की जमीन को धोखाधड़ी से हड़पने का मामला सामने आया है। इसमें आरोप है कि कुछ लोगों ने फर्जी दस्तावेज तैयार करके दलित व्यक्ति की जमीन को अपने नाम करवा लिया। इस धोखाधड़ी का मामला जब दीवानी न्यायालय में पहुंचा, तो न्यायालय ने पुलिस को आदेश दिया कि वे इस मामले की फिर से जांच करें। इसके साथ ही न्यायालय ने पुलिस विवेचक को चेतावनी दी कि अगर जांच में लापरवाही पाई गई तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने न्यायालय के आदेश के बाद इस मामले की पुनः जांच शुरू कर दी है ताकि सही जानकारी सामने आ सके और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सके।

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रायबरेली जिले के ऊंचाहार क्षेत्र में पूरे गुलाब मजरे कंदरावां गांव के रहने वाले दलित महराजदीन ने 2008 में अपनी हिस्से की जमीन को शबनम बेगम और अलमदार हुसैन के नाम बैनामा कर दिया था। चूंकि जमीन अनुसूचित जाति के व्यक्ति की थी, इसलिए इसके बैनामा के लिए एडीएम प्रशासन से अनुमति पत्र लिया गया था। सब कुछ ठीक लग रहा था, लेकिन जब नगर के फड़ मोहल्ला के निवासी मीसम हैदर ने जनसूचना अधिकार के तहत इस मामले की जानकारी मांगी, तब सारा खेल उजागर हो गया। जनसूचना के तहत मिली जानकारी से पता चला कि जमीन के बैनामे में कुछ गड़बड़ियाँ थीं।

इस खुलासे के बाद मामला सार्वजनिक हो गया और अब पुलिस इस मामले की पुनः जांच कर रही है ताकि दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सके। रामकली, जो कि जमीन की सहखातेदार हैं, ने जब देखा कि जमीन के बैनामे में धोखाधड़ी हुई है, तो उन्होंने क्रेता अलमदार हुसैन के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। सीओ ने इसे गंभीरता से लेते हुए जालसाजी और अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया। बाद में एसडीएम आशुलिपिक ने एडीएम प्रशासन कार्यालय की डाक बही में अनुमति पत्र दर्ज करवा दिया और आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना दे दी, जिसके आधार पर विवेचक ने मामले में फाइनल रिपोर्ट पेश कर आरोपी को दोषमुक्त कर दिया।

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पीड़िता रामकली ने इसके बाद दीवानी न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने पाया कि पर्याप्त साक्ष्य होने के बावजूद विवेचक ने बिना सही जांच किए रिपोर्ट पेश कर दी है। इसलिए, कोर्ट ने ऊंचाहार पुलिस को मामले की दोबारा जांच करने का आदेश दिया है। अब इस मामले की जांच एसएसआई लोकेंद्र सिंह कर रहे हैं। कोतवाल अनिल कुमार सिंह ने बताया कि न्यायालय के आदेश के बाद मामले की पुनः जांच शुरू की गई है और जल्द ही जांच के बाद रिपोर्ट न्यायालय को सौंपी जाएगी।

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