UP News: दलित परिवार पर दबंगों का कहर, भय और दहशत में जी रहा परिवार

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संत कबीर नगर के फेउसी गांव में दलित परिवार पर दबंगों ने हमला किया। 30 अक्तूबर की रात रामलौट को जातिसूचक गालियां देते हुए बेरहमी से पीटा गया और उनके पैर पर गाड़ी चढ़ा दी, जिससे उनका पैर टूट गया। अगले दिन दबंगों ने घर पर हमला कर महिलाओं और बच्चों को भी घायल कर दिया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, लेकिन परिवार को जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। पीड़ित परिवार न्याय और सुरक्षा की गुहार लगा रहा है।

UP News: उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले के फेउसी गांव में 30 अक्तूबर की रात हुई एक भयावह घटना ने दलित परिवार के जीवन को झकझोर कर रख दिया है। दिलीप कुमार, जो गांव में अपने परिवार के साथ रहते हैं, ने अपने जीवन में इतनी बड़ी त्रासदी की कल्पना भी नहीं की थी। उनके पिता रामलौट, जो खाना खाकर अपने दूसरे घर पर सोने जा रहे थे, रास्ते में कुछ दबंग व्यक्तियों की क्रूरता का शिकार हो गए।

रात का सन्नाटा और हमला: शुरू हुई भयावहता की कहानी

रात के करीब 11:00 बजे, जब रामलौट सड़क पर चल रहे थे, तभी पवन मिश्रा और प्रिंस पांडेय नामक दबंगों ने उनकी भतीजे परविंदर पर गाड़ी चढ़ा दी। यह घटना जानबूझकर की गई एक घिनौनी साजिश का हिस्सा थी। जब रामलौट ने इस कृत्य का विरोध किया, तो दबंगों ने उन्हें जातिसूचक गालियां देना शुरू कर दिया। बात यहीं नहीं रुकी। गुस्से और नफरत से भरे इन व्यक्तियों ने रामलौट को पटक कर बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया। लात-घूंसे और लाठियों की चोटों से रामलौट घायल हो गए।

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गाड़ी से कुचलने की कोशिश: इंसानियत शर्मसार

इतना ही नहीं, रामलौट को सड़क पर घसीटकर दबंगों ने उनके पैर पर चार पहिया वाहन चढ़ा दिया, जिससे उनका पैर दो जगहों से टूट गया। परिवार के सदस्य जब डायल-112 पर फोन कर एंबुलेंस बुलाकर रामलौट को अस्पताल ले गए, तब जाकर उनकी जान बच पाई।

अगले दिन का आतंक: घर पर हमला और महिलाओं पर हिंसा

31 अक्तूबर को, जब परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, तो यह दबंग अपने गुंडों के साथ उनके घर पर चढ़ आए। उन्होंने जातिसूचक गालियां देते हुए घर में घुसकर लाठी-डंडों से महिलाओं और बच्चों को पीटना शुरू कर दिया। इस क्रूर हमले में दिलीप की भाभी उर्मिला का सिर फट गया और उनकी बेटी पूजा बेहोश हो गई। वहीं, पत्नी सरिता और भाई की बेटी अंकिता को भी बुरी तरह मारा गया। इस हिंसा के बीच पूरे परिवार में दहशत और खौफ का माहौल बन गया।

पुलिस का हस्तक्षेप और धमकियां: सुरक्षा पर सवाल

पीड़ित परिवार की तहरीर पर पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। हालांकि, दबंगों ने खुलेआम परिवार को धमकी दी कि यदि उन्होंने पुलिस से संपर्क किया, तो उनके पूरे परिवार को जिंदा जला दिया जाएगा। इस धमकी ने परिवार के मन में सुरक्षा को लेकर गहरा सवाल खड़ा कर दिया है।

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न्याय की गुहार: प्रशासन से मदद की उम्मीद

दिलीप कुमार और उनका परिवार अब प्रशासन से न्याय की गुहार लगा रहा है। इस अमानवीय घटना ने गांव में दलितों के प्रति होने वाले अत्याचारों और पुलिस की निष्क्रियता को उजागर किया है। रामलौट और उनके परिवार का दर्द उन सभी लोगों के लिए एक चेतावनी है, जो आज भी जातिगत भेदभाव और अत्याचार का शिकार हो रहे हैं।

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