आगरा में दबंगों ने दलित मजदूर सुमित को बंधक बनाकर जबरन मजदूरी कराई। विरोध करने पर सुमित और उसकी मां रीना देवी पर लाठी-डंडों और कुल्हाड़ी से हमला किया गया। जातिसूचक गालियां देकर बेटी सुनैना को भी पीटा गया। रीना देवी लहूलुहान हालत में थाने पहुंचीं, लेकिन पुलिस ने केवल एनसीआर दर्ज की। घटना से परिवार में भय और आक्रोश है। सामाजिक संगठनों ने प्रशासन पर दबाव बनाते हुए न्याय की मांग की है।
एक दलित परिवार पर दबंगों द्वारा किए गए अमानवीय अत्याचार की घटना ने इलाके को हिला कर रख दिया है। गांव की रहने वाली रीना देवी के परिवार पर जो गुजरी, वह न केवल इंसानियत बल्कि कानून-व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करती है। रीना देवी ने बताया कि शनिवार की सुबह गांव के ही कुछ दबंग लोग उनके 18 वर्षीय बेटे सुमित को जबरन खेतों में मजदूरी कराने के लिए ले गए। सुमित को आलू की खेती में काम करने के लिए मजबूर किया गया, जबकि उसका स्वास्थ्य ठीक नहीं था। काम के दौरान उसका हाथ आलू निकालने वाले औजार से कट गया, और खून बहने लगा। सुमित ने दर्द और चोट के कारण काम करने में असमर्थता जताई, लेकिन दबंगों ने उसकी हालत को नजरअंदाज करते हुए उसे काम करने के लिए मजबूर किया।
बंधक बनाकर मजदूरी कराने का आरोप
रीना देवी ने आरोप लगाया कि जब सुमित ने विरोध करने की कोशिश की, तो दबंगों ने उसके साथ मारपीट शुरू कर दी। लहूलुहान हालत में सुमित किसी तरह रात को अपने घर पहुंचा और रोते हुए परिवार को पूरी घटना की जानकारी दी। बेटे की हालत देखकर रीना देवी अपने आंसू नहीं रोक पाईं। मां ने जब अपने बेटे के साथ हुई ज्यादती का विरोध करने का साहस दिखाया, तो दबंगों ने उनके घर पर धावा बोल दिया।
विरोध करने पर जानलेवा हमला
रविवार को सुबह जब रीना देवी दबंगों के पास अपने बेटे के साथ हुए अन्याय की शिकायत करने पहुंचीं, तो उन्होंने रीना देवी पर लाठी-डंडों और कुल्हाड़ी से जानलेवा हमला कर दिया। रीना देवी को इतनी बेरहमी से पीटा गया कि वह खून से लथपथ हो गईं। उनकी चीख-पुकार सुनकर उनकी बेटी सुनैना दौड़कर मौके पर पहुंची, लेकिन दबंगों ने उस पर भी हमला कर दिया। जातिसूचक गालियां देते हुए दोनों महिलाओं के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। किसी तरह रीना देवी और सुनैना ने अपनी जान बचाई और गांववालों की मदद से थाने तक पहुंचीं।
पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल
लहूलुहान हालत में थाने पहुंचने के बावजूद, रीना देवी को न्याय मिलने में अड़चनें आईं। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केवल एनसीआर दर्ज की और अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। रीना देवी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अगला पिनाहट में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। परिवार को अब भी न्याय की उम्मीद है, लेकिन प्रशासन की सुस्ती ने उनकी परेशानियों को और बढ़ा दिया है।
दलित परिवार में भय का माहौल
इस घटना के बाद से पूरे परिवार में भय और आक्रोश का माहौल है। रीना देवी के पति दलवीर सिंह ने रोते हुए बताया कि उनकी पत्नी और बच्चों के साथ जो हुआ, वह किसी दु:स्वप्न से कम नहीं है। गांव में दबंगों का ऐसा आतंक है कि कोई भी उनके खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं कर रहा। दलवीर ने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाते हुए कहा, “अगर ऐसे मामलों में आरोपियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो गरीब और दलित परिवारों का जीना दूभर हो जाएगा।”
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न्याय की गुहार और इंसाफ की उम्मीद
रीना देवी और उनके परिवार ने इस मामले में जिला प्रशासन और उच्च अधिकारियों से मदद की अपील की है। उनका कहना है कि अगर दबंगों को कड़ी सजा नहीं दी गई, तो गांव में अन्य दलित परिवारों के साथ भी ऐसी घटनाएं हो सकती हैं। वहीं, सामाजिक संगठनों ने इस घटना की निंदा करते हुए पुलिस प्रशासन पर दबाव बनाने की बात कही है। दलित परिवार को न्याय दिलाने और आरोपियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए स्थानीय लोग भी एकजुट हो रहे हैं।
सवालों के घेरे में प्रशासन
इस घटना ने प्रशासन की निष्क्रियता को उजागर किया है। दलित परिवार पर हुए इस अत्याचार ने सामाजिक और प्रशासनिक व्यवस्था की खामियों को उजागर किया है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस घटना पर क्या कदम उठाता है और पीड़ित परिवार को न्याय मिल पाता है या नहीं।
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