चर्चित दलित लेखक कोटिगनहल्ली रमैया और उनके बेटे पर जातिवादियों ने किया जानलेवा हमला, मंदिर के लाउडस्पीकर की आवाज कम करने का किया था अनुरोध

11 अप्रैल गुरुवार की सुबह मेघवर्ष अपने पिता के साथ मंदिर गए थे और वहां के लोगों से मंदिर में लगे लाउडस्पीकर की आवाज कम […]

कौशल्या बैसंत्री ने आत्मकथा “दोहरा अभिशाप” के ज़रिये दलित महिलाओं के जीवन के बारे में क्या बताया है?

कौशल्या बैसंत्री का जन्म महाराष्ट्र में 8 सितंबर को 1927 में हुआ था और यह एक दलित लेखिका थीं। कौशल्या बैसंत्री की आत्मकथा “दोहरा अभिशाप” […]

पहली दलित महिला आत्मकथाकार “शांताबाई कांबले” जिन्होंने जाति उत्पीड़न का मुद्दा उठाया था

शांताबाई कांबले मराठी साहित्य का वो सुनहरा नाम है जिन्हें पहली दलित महिला आत्मकथाकार का सम्मान प्राप्त है। इनका जन्म 1 मार्च 1923 में हुआ […]