समाजवादी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में जातीय जनगणना अभियान शुरु करने जा रही है जिसके तहत 24 व 25 फरवरी को वाराणसी, 26 व 27 फरवरी को सोनभद्र, 28 फरवरी और 1 मार्च को मिर्जापुर, 2 व ती 3 मार्च को भदोही और 4 व 5 मार्च को प्रयागराज में संगोष्ठी होगी। इसके तहत प्रदेश के लोगों को इसकी जरूरत को समझाया जाएगा।
समाजवादी पार्टी जातीय जनगणना को लेकर पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में ब्लॉकवार अभियान शुरू करेगी। जिसमें पहले चरण में 24 फरवरी से 5 मार्च तक विभिन्न जिलों में संगोष्ठी एवं कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
सपा की ओर से लगातार जातीय जनगणना का मुद्दा उठाया जाता आ रहा है। बीते विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में भी इसे शामिल किया था। लेकिन इस बार पार्टी ब्लॉकवार अभियान शुरू करने जा रही है। जिसमें प्रदेश के लोगों को समझाया जाएगा कि जातीय जनगणना की जरूरत क्यों है, और भाजपा इस मुद्दे से पीछे क्यों हट रही है?
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आपको बता दे कि इस अभियान के तहत 24 व 25 फरवरी को वाराणसी, 26 व 27 फरवरी को सोनभद्र, 28 फरवरी और एक मार्च को मिर्जापुर, दो व तीन मार्च को भदोही और चार व पांच मार्च को प्रयागराज में संगोष्ठी की जाएगी।
कार्यक्रम के संयोजक सपा पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजपाल कश्यप ने जानकारी दी कि पार्टी विभिन्न जातियों के संवैधानिक अधिकार सुरक्षित रखने के लिए हर स्तर पर संघर्ष करेगी। जल्द ही अगले चरण के कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी।
अखिलेश यादव का सरकार से महिला सुरक्षा पर सवाल
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सवाल किया है कि क्या हर दिन महिलाओं के साथ हो रहा दुर्व्यवहार ही मुख्यमंत्री के नारी सशक्तिकरण और नारी सुरक्षा का मॉडल है? प्रशासन तंत्र पूरी तरह असंवेनशील हो गया है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में महिलाएं असुरक्षित हैं। इसी के साथ ही उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर में मुक्तेश्वर नाथ मंदिर के बाहर फूल बेच रही महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार हुआ।
जौनपुर के बरसठी मे पुलिस ने आरएसएस कार्यकर्ता की पत्नी की साड़ी खींची और नाबालिग बच्चियों के साथ बदतमीजी की। ये घटनाएं बताती हैं कि भाजपा सरकार में किस तरह से अराजकता है। इस सरकार में कोई भी सुरक्षित नहीं है। सभी अन्याय और अत्याचार के शिकार हैं।
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