लखनऊ में सोमवार को 69,000 शिक्षक भर्ती मामले को लेकर प्रदर्शनकारियों ने यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के आवास के बाहर जमकर हंगामा किया और उनके आवास का घेराव करने की कोशिश की। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को डिप्टी सीएम के आवास तक पहुंचने से पहले ही रोक दिया, जिससे झड़पें हुईं।
UP News : आज सुबह लखनऊ में 69,000 शिक्षक भर्ती मामले को लेकर प्रदर्शनकारी डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के आवास के बाहर प्रदर्शन करने पहुंच गए । जैसे ही प्रदर्शनकारियों ने डिप्टी सीएम के आवास का घेराव करने की कोशिश की, पुलिस ने उन्हें पहले ही रोक दिया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने हंगामा शुरू कर दिया और केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
प्रदर्शनकारियों का सरकार पर आरोप
यह घटना शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और न्याय की मांग को लेकर हो रहे लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष का हिस्सा है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सरकार उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं ले रही है, और वे लगातार अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं।
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प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच टकराव
लखनऊ में शिक्षक भर्ती को लेकर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच टकराव की स्थिति बनी रही। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने की कोशिश की, लेकिन इसके बावजूद प्रदर्शनकारी अपने स्थान पर डटे रहे। कई प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने पकड़कर गाड़ियों में बैठा लिया।
प्रदर्शनकारियों का कहना है :
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे पिछले चार साल से अपनी मांगों को लेकर लगातार आवाज उठा रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है। उनकी मुख्य मांग यह है कि सरकार उनकी सभी मांगों को पूरा करे और भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाए। इस संघर्ष और विरोध प्रदर्शन से यह साफ होता है कि समस्या लंबे समय से चली आ रही है और समाधान की दिशा में ठोस कदमों की आवश्यकता है।
ये है मामला
69,000 शिक्षक भर्ती के मामले में प्रदर्शनकारी अपनी नियुक्ति की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। यह मामला उत्तर प्रदेश में काफी समय से चल रहा है। हाल ही में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने इस भर्ती प्रक्रिया की मेरिट लिस्ट को रद्द कर दिया था। कोर्ट ने आदेश दिया कि तीन महीने के भीतर नई मेरिट लिस्ट जारी की जाए।
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यह स्थिति उम्मीदवारों के लिए निराशाजनक है, क्योंकि भर्ती प्रक्रिया में देरी और अनिश्चितता बनी हुई है। इसी कारण से वे लगातार सरकार से अपनी नियुक्ति की मांग कर रहे हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं।
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