रेलवे बोर्ड के पहले दलित CEO बनें सतीश कुमार, 119 साल के इतिहास में ऐसा हुआ पहली बार

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भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा (IRMS) के अधिकारी सतीश कुमार को रेलवे बोर्ड का अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नियुक्त किया गया है। वह रेलवे बोर्ड के इतिहास में अनुसूचित जाति से आने वाले पहले चेयरमैन और सीईओ हैं। सतीश कुमार की नियुक्ति 1 सितंबर से प्रभावी होगी .

Railway Board Dalit CEO : सतीश कुमार भारतीय रेलवे बोर्ड के पहले दलित चेयरमैन और CEO बने हैं। उनका नियुक्ति भारतीय रेलवे के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है यह 119 साल के इतिहास में पहली बार है जब किसी दलित अधिकारी को रेलवे बोर्ड का चेयरमैन बनाया गया है। सतीश कुमार की नियुक्ति 1 सितंबर से प्रभावी होगी, जबकि मौजूदा सीईओ पहली महिला जया वर्मा सिन्हा 31 अगस्त 2024 को रिटायर हो जाएंगी . बता दें सरकार ने कमिटी ऑफ कैबिनेट (ACC) के आदेश के तहत सतीश कुमार की नियुक्ति को मंजूरी दी है। आइए रेलवे बोर्ड के नए और पहले दलित सीईओ सतीश कुमार के बारे में जानते हैं.

कौन है सतीश कुमार?

सतीश कुमार भारतीय रेलवे के 1986 बैच के इंडियन रेलवे सर्विस ऑफ मैकेनिकल इंजीनियर्स (IRSME) के अधिकारी हैं और उनके पास भारतीय रेलवे में 34 साल का अनुभव है। उन्होंने 1988 में भारतीय रेलवे में अपनी सेवा शुरू की और तब से विभिन्न जोन और डिवीजनों में काम किया । इसके अलावा 2017 से 2019 तक उत्तर रेलवे के लखनऊ डिवीजन में मंडल रेलवे प्रबंधक (डीआरएम) के रूप में काम किया। इसके बाद, उन्होंने उत्तर पश्चिम रेलवे में जयपुर में वरिष्ठ उप महाप्रबंधक और मुख्य सतर्कता अधिकारी के रूप में भी सेवा दी। और हाल ही में, सतीश कुमार ने उत्तर मध्य रेलवे, प्रयागराज के जनरल मैनेजर का कार्यभार संभाला। अब उन्हें रेलवे बोर्ड का अध्यक्ष और सीईओ नियुक्त किया गया है

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सतीश कुमार ने MNIT से किया Btec

सतीश कुमार ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा में भी उत्कृष्टता का प्रदर्शन किया। उन्होंने मालवीय नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MNIT) जयपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया। वही दूसरी ओर इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (IGNOU) से ऑपरेशन मैनेजमेंट और साइबर लॉ में डिप्लोमा भी प्राप्त किया है।

फॉग सेफ डिवाइस की पहल

सतीश कुमार को रेलवे में कई महत्वपूर्ण सुधारों के लिए जाना जाता है। उन्होंने रेलवे सिस्टम में नई तकनीकों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। विशेष रूप से, उन्हें फॉग सेफ डिवाइस की पहल का क्रेडिट जाता है। इस डिवाइस के कारण, घने कोहरे के दौरान भी ट्रेनें सुरक्षित और निर्बाध रूप से चल सकती हैं, जिससे दुर्घटनाओं और जोखिमों को काफी हद तक कम किया गया है।

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दलित और पिछड़े समुदायों के लिए प्रेरणादायक उदाहरण

सतीश कुमार का रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ के रूप में नियुक्त होना दलित और पिछड़े समुदायों के लिए प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत करता है। उनकी सफलता यह दिखाती है कि कठिन परिश्रम और समर्पण से किसी भी समाज का व्यक्ति ऊँचाइयों को छू सकता है, और यह समुदायों को आत्म-विश्वास और प्रेरणा देती है कि वे भी अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।

 

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