दलितों पर पुलिस उत्पीड़न: दलित महिलाओं और युवाओं पर पुलिस की बर्बरता के खिलाफ प्रदर्शन

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पांडु और पाटन थाना क्षेत्र में दलित महिलाओं और युवाओं पर पुलिस की बर्बर कार्रवाई के खिलाफ भाकपा माले और दिहाड़ी मजदूर यूनियन ने विरोध प्रदर्शन किया। अंबेडकर पार्क से शुरू हुए मार्च में बड़ी संख्या में दलित परिवार शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस अधिकारियों पर अत्याचार और झूठे मुकदमों का आरोप लगाते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। समाहरणालय पर ज्ञापन सौंपकर न्याय की अपील की गई।

पांडु और पाटन थाना क्षेत्र में दलितों पर हुए पुलिस उत्पीड़न की घटनाओं ने जिले में आक्रोश का माहौल पैदा कर दिया है। इन घटनाओं के विरोध में भाकपा माले और दिहाड़ी मजदूर यूनियन ने जोरदार प्रदर्शन किया। सोमवार को अंबेडकर पार्क से शुरू हुए इस विरोध मार्च में बड़ी संख्या में पांडु के कजरु कला और पाटन के सगुना गांव के दलित परिवार शामिल हुए। अंबेडकर पार्क से छहमुहान, महात्मा गांधी मार्ग और शहीद चौक होते हुए यह मार्च समाहरणालय के मुख्य द्वार तक पहुंचा। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की बर्बरता और अन्यायपूर्ण रवैये के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

दलित महिलाओं और युवाओं पर पुलिस की बर्बरता

भाकपा माले के कार्यकारी जिला सचिव रविंद्र भुईयां ने बताया कि 28 नवंबर को पाटन थाना क्षेत्र के सगुना गांव में दलित महिला फूला देवी का होंडा शोरूम के मालिक के साथ लेनदेन को लेकर विवाद हुआ था। इस मामले में पुलिस ने एकतरफा कार्रवाई करते हुए फूला देवी और अन्य महिलाओं की लाठी से बर्बर पिटाई की। इतना ही नहीं, दो दलित युवकों को झूठे मामले में जेल भी भेज दिया। इसी प्रकार, पांडु के कजरु कला गांव में जमीन विवाद के दौरान पुलिस ने सीओ की उपस्थिति में दलित परिवारों पर हमला किया। उनके घरों को ध्वस्त कर दिया गया और उन्हें डराने के लिए फर्जी मुकदमों में फंसा दिया गया।

प्रशासन के खिलाफ दलितों का संघर्ष

विरोध प्रदर्शन के दौरान एटक नेता राजीव कुमार ने कहा कि पुलिस प्रशासन की इस बर्बरतापूर्ण कार्रवाई ने उनके असली जनविरोधी चेहरे को उजागर कर दिया है। उन्होंने पाटन थाना प्रभारी, पांडु सीओ और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। पांकी जिप सदस्य खुशबू कुमारी और दिव्या भगत ने कहा कि दलितों पर अत्याचार की इन घटनाओं ने यह साबित कर दिया है कि पुलिस प्रशासन दलित समाज को न्याय देने में पूरी तरह विफल है।

न्याय के लिए दलितों का संकल्प

विरोध प्रदर्शन के बाद प्रदर्शनकारियों ने डीसी शशि रंजन को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई करने और झूठे मामलों में फंसे दलितों को रिहा करने की मांग की गई। प्रदर्शन के दौरान भाकपा माले और दिहाड़ी मजदूर यूनियन के नेता गौतम कुमार, रामराज पासवान, त्रिलोकी नाथ, पवन विश्वकर्मा, प्रदीप विश्वकर्मा और अन्य ने इस लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने का संकल्प लिया।

दलित संघर्ष का संदेश

यह विरोध प्रदर्शन न केवल पुलिस के अन्यायपूर्ण रवैये के खिलाफ था, बल्कि दलित समाज को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने और न्याय की लड़ाई में एकजुट होने का संदेश भी था। अंबेडकर पार्क से शुरू हुआ यह आंदोलन समाज में बराबरी और सम्मान की नई परिभाषा गढ़ने की ओर बढ़ रहा है।

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