वाल्मीकि समाज के राष्ट्रीय संत शिरोमणि बालयोगी उमेशनाथ जी महाराज बने राज्यसभा सदस्य, जानिये इनके बारे में

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जिन उमेश नाथ महाराज वर्ष को भाजपा द्वारा राज्यसभा भेजा जा रहा है, वह बालयोगी हैं। उन्होंने 1964 में ही संन्यास ग्रहण कर लिया था। उनके बारे में कहा जाता है कि जब उनका जन्म हुआ तो उनके परिजनों ने उन्हें महायोगी गोरक्षनाथ के चरणों में अर्पित कर दिया था…

Saint of Valmiki Samaj Shiromani Balayogi Umeshnath Ji Maharaj : वाल्मीकि समाज के राष्ट्रीय संत शिरोमणि बालयोगी उमेशनाथ मीडिया की सुर्खियों में हैं। इसका कारण है भाजपा द्वारा उन्हें राज्यसभा भेजा जाना। वाल्मीकि धाम आश्रम के प्रमुख पीठाधीश्वर बाल योगी संत उमेश नाथ महाराज वाल्मीकि समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं।

भाजपा द्वारा उन्हें राज्यसभा सदस्य मनोनीत किये जाने की घोषणा के बाद से उनके पास लोगों का तांता लगा हुआ है। उनके पास पहुंचने वालों में कई वीवीआईपी से लेकर आरएसएस से जुड़ लोग भी शामिल हैं। गौरतलब है कि वाल्मीकि धाम आश्रम के प्रमुख पीठाधीश्वर बाल योगी संत उमेश नाथ महाराज तब भी चर्चा में आये थे, जब उनके साथ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सिंहस्थ में समरसता का स्नान किया था। माना जा रहा है कि वर्ग विशेष के वोटर्स को लुभाने के लिए भाजपा ने ये बड़ा दांव खेला है और अपनी दलित विरोधी छवि को सुधारने के लिए भी यह प्रयास किया गया है।

कौन हैं बालयोगी उमेशनाथ जी महाराज
जिन उमेश नाथ महाराज वर्ष को भाजपा द्वारा राज्यसभा भेजा जा रहा है, वह बालयोगी हैं। उन्होंने 1964 में ही संन्यास ग्रहण कर लिया था। उनके बारे में कहा जाता है कि जब उनका जन्म हुआ तो उनके परिजनों ने उन्हें महायोगी गोरक्षनाथ के चरणों में अर्पित कर दिया था और तभी से वह बतौर संन्यास जीवन यापन कर रहे हैं।

बालयोगी उमेशनाथ जी महाराज जब-तब अपने भाषणों में कहते हैं कि मानव समाज में अध्यात्म, संस्कृति, मर्यादा और सभ्यता अपने उच्चतम रूप में बनी यही उनके जीवन का ध्येय है। इंसानी कौम के बीच एकता और सामाजिक सद्भाव के लिए काम करने का दावा उनके द्वारा लगातार किया जाता है।

बालयोगी उमेशनाथ जी महाराज वही संत हैं जो वर्ष 1992 में 8 प्रांतों के राजकीय अतिथि रहे हैं। यही नहीं उनके नाम मध्य प्रदेश और राजस्थान के प्रथम राजकीय अतिथि का सम्मान दर्ज है। देश भ्रमण के अलावा वह अनगिनत विदेश यात्रायें कर चुके हैं, मगर उनका जीवन बहुत ही सादगीपूर्ण है।

धर्म और आध्यात्मिक से जुड़े होने के बावजूद बाल योगी उमेशनाथ जी महाराज का राजनीति से गहरा रिश्ता रहा है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की सरकार में उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त था और माना जाता है कि दिग्विजय सिंह उन्हें अपना गुरु मानते थे।

बाल योगी उमेशनाथ जितने कांग्रेस के नजदीकी रहे, उतना ही उन्हें भाजपा की भी करीबी माना जाता रहा है और अब उन्हें राज्यसभा भेजकर भाजपा ने इस बात पर मुहर भी लगा दी है। संघ प्रमुख मोहन भागवत के अलावा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह या फिर अन्य नेता जब भी धार्मिक नगरी उज्जैन आये, संतश्री से मिले बिना वापस नहीं लौटते हैं।

रामलला प्राण प्रतिष्ठा में भी हुए शामिल
बालयोगी उमेशनाथ जी महाराज को मध्य प्रदेश का एकमात्र ऐसे संत होने का सौभाग्य प्राप्त है जिन्हें अयोध्या राम मंदिर के भूमि पूजन का निमंत्रण मिला था। वह धूमधाम से इस समारोह में शामिल होने के लिए पहुंचे भी थे। इसके अलावा कुछ दिन पहले आयोजित रामलला के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में भी उन्हें निमंत्रण मिला और वह इस समारोह में भी उज्जैन के संतों के साथ शामिल हुए थे।

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