मध्य प्रदेश में दलित युवक ने पुलिस पर प्राइवेट पार्ट में पेट्रोल डालने, करंट लगाने और पेशाब करने का आरोप लगाया। युवक ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर यह दावा किया। पुलिस ने आरोपों को झूठा बताते हुए सीसीटीवी फुटेज का हवाला दिया, जिसमें ऐसी कोई घटना नहीं दिखी। कांग्रेस ने मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधा और निष्पक्ष जांच की मांग की।
MP: मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के बोड़ा थाना क्षेत्र से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां अनुसूचित जाति वर्ग के दीपक मालवीय नामक युवक ने पुलिस पर अमानवीय अत्याचार का गंभीर आरोप लगाया है। दीपक ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर बताया कि उसे थाने में बुलाकर उसके साथ बेहद घिनौनी हरकतें की गईं। युवक के अनुसार, पुलिस ने उसे पानी की टंकी में डुबोया, करंट लगाया, और प्राइवेट पार्ट में पेट्रोल डालकर उसके साथ मारपीट की। इतना ही नहीं, उसने यह भी आरोप लगाया कि शिवराज मीणा नामक पुलिसकर्मी ने उसके मुंह पर पेशाब किया, जिससे उसके कपड़े भीग गए। युवक ने वीडियो में रोते हुए कहा कि वह सिर्फ सीएम हेल्पलाइन कंप्लेंट पर अपनी शिकायत क्लोज कराने गया था, लेकिन उसे इस तरह प्रताड़ित किया गया। इस वीडियो के सामने आने के बाद कांग्रेस ने सरकार पर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस ने कहा कि यह घटना दलितों पर हो रहे अत्याचारों की जमीनी हकीकत को उजागर करती है और प्रदेश सरकार के दलित विरोधी रवैये का प्रतीक है।
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पुलिस का खंडन: सीसीटीवी फुटेज का हवाला
दीपक के आरोपों पर राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ एसडीओपी उपेंद्र सिंह भाटी ने पलटवार करते हुए पूरे मामले को बेबुनियाद और झूठा बताया। उन्होंने कहा कि बोड़ा थाने में इस तरह की कोई घटना नहीं घटी है। उन्होंने यह भी कहा कि थाने में 12-13 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, जिनकी फुटेज की जांच की गई है। इन फुटेज में कहीं भी दीपक के साथ मारपीट या अमानवीय व्यवहार की पुष्टि नहीं होती। भाटी ने युवक के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह मामला पूरी तरह से मनगढ़ंत है। उन्होंने कहा, “हमारे पास सीसीटीवी फुटेज हैं, जो सच को साबित करते हैं। पूरे जिले में इस तरह की कोई घटना नहीं हुई है।”
युवक का बयान और वीडियो का वायरल होना
दीपक ने सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में कहा कि वह झाड़ पिपलिया गांव का निवासी है और उसे दोपहर 12:30 बजे से शाम तक थाने में बैठाया गया। शाम को पुलिसकर्मियों ने उसे अकेले एक कमरे में ले जाकर अमानवीय यातनाएं दीं। दीपक ने यह भी कहा कि उसने अपने भीगे हुए कपड़े संभाल कर रखे हैं, जो घटना के सबूत के तौर पर पेश किए जा सकते हैं। वीडियो में उसने जय भीम का नारा लगाते हुए दलित समुदाय से मदद की गुहार लगाई।
कांग्रेस का तीखा हमला
इस मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया है। कांग्रेस ने बीजेपी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए आरोप लगाया कि प्रदेश में दलितों के खिलाफ अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं और सरकार पूरी तरह से संवेदनहीन हो चुकी है। कांग्रेस ने यह भी कहा कि अगर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो यह सरकार की दलित विरोधी मानसिकता का प्रमाण होगा।
जनता में गुस्सा और सवाल
युवक के आरोपों के बाद इलाके में गुस्से की लहर है। लोग इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि क्या पुलिस वाकई इतनी क्रूर हो सकती है, या यह मामला किसी निजी रंजिश का नतीजा है। सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, और जनता ने सरकार से इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है।
सच या झूठ?
यह मामला अब सत्यता और झूठ के बीच उलझा हुआ है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अपनी सफाई दे रही है, जबकि युवक अपने बयान पर अडिग है। ऐसे में निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच की आवश्यकता है, ताकि सच को सामने लाया जा सके और दोषियों को सजा दी जा सके, चाहे वह पुलिस हो या झूठा आरोप लगाने वाला युवक।
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