MP NEWS : पुलिस ने की हैवानियत की सारी हदें पार ! थाने में बंद कर दलित दादी-पोते की बेरहमी से पिटाई, पीड़ित ने खुद बताई आप बीती

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सोशल मीडिया पर हाल ही में एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ है , जिसमें थाना प्रभारी और उनके स्टाफ को एक बुजुर्ग महिला और उसके नाती को बेरहमी से पीटते हुए देखा जा सकता है। इस वीडियो के वायरल होने के बाद, राज्य में कई सवाल खड़े कर दिए हैं और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। कांग्रेस और अन्य दलों ने इसे लेकर राज्य सरकार पर कड़ी आलोचना की है।

Viral Video : सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ है , जिसमें थाना प्रभारी और उनके स्टाफ को एक बुजुर्ग महिला और उसके नाती को बेरहमी से पीट रहें हैं। कटनी GRP थाने के वीडियो ने मध्य प्रदेश की राजनीति में हड़कंप मचा दिया है। इस वीडियो ने राज्य में कई सवाल खड़े कर दिए हैं और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। कांग्रेस और अन्य दलों ने इसे लेकर राज्य सरकार पर कड़ी आलोचना की है।

राहुल गांधी पीड़ित परिवार से करेगें बात

मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कटनी GRP थाने के वीडियो को लेकर राज्य सरकार पर कड़ी टिप्पणी की है। और वही दूसरी ओर कहा कि आज राहुल गांधी शाम 4:00 बजे पीड़ित महिला से बात करेंगे। क्या इससे कांग्रेस के पक्ष को और मजबूत करने की कोशिश की जा रही है।

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घटना पर कांग्रेस भड़की

कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बीजेपी सरकार पर दलितों और आदिवासियों के प्रति अत्याचार के आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी के नेता खुद दलितों के खिलाफ घिनौनी हरकतें कर रहे हैं। पटवारी ने सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री और गृहमंत्री मोहन यादव की ज़िम्मेदारी एक ही व्यक्ति के पास होने के बावजूद, अब तक इस मामले में क्या कार्रवाई की गई है।

 

मामला क्या है ?

कटनी जीआरपी थाने के एक वीडियो में कुछ पुलिसकर्मियों द्वारा दलित महिला और उसके 15 साल के पोते की बेरहमी से पिटाई की गई है। वीडियो के वायरल होने के बाद मध्य प्रदेश पुलिस ने इसकी पुष्टि की कि यह घटना अक्टूबर 2023 की है। पुलिस ने थाने के प्रभारी को जबलपुर स्थानांतरित कर दिया है और डीआईजी स्तर के अधिकारी को घटना की जांच के आदेश दिए हैं। इस मामले ने राज्य में राजनीति और सामाजिक तकरार को जन्म दे दिया है।

पीड़ित महिला ने बताई आपबिती

पीड़ित महिला कुसुम बाई ने मीडिया को बताया कि पुलिस ने उन्हें थाने में बुलाकर उनके बेटे के बारे में पूछताछ की। जब उन्होंने जानकारी नहीं दी, तो पुलिसकर्मियों ने उन्हें प्लास्टिक के डंडों और लातों से बेरहमी से मारा। कुसुम बाई ने कहा कि पुलिस ने उन्हें पूरी रात पीटा, और जब उन्होंने पानी मांगा, तो उनके मुंह पर लात मारी। उनका पोता भी पुलिस द्वारा अलग से पीटा गया था। कुसुम बाई ने कलेक्टर ऑफिस और सिविल अस्पताल में शिकायत की, लेकिन उन्हें उचित इलाज और सहायता नहीं मिली।

Video: link:https://x.com/BhimArmyChief/status/1828859809522717160?t=nl_-_fiJHWmV8tcCtX6R2w&s=19

कटनी जीआरपी थाने में दलित महिला और उसके पोते के साथ मारपीट के मामले ने प्रदेश की राजनीति को गर्म कर दिया है। महिला और उसके पोते का दलित समाज से होना इस मामले को और संवेदनशील बना रहा है। राजनीति में उबाल आने के पीछे यह भी एक कारण है कि इस घटना ने सामाजिक और जातिगत असमानता के मुद्दों को फिर से उजागर किया है।

 चंद्रशेखर आजाद ने न्याय की लगाई गुहार

कटनी की इस घटना पर दलित नेता चंद्रशेखर आजाद ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने घटना की निंदा करते हुए कहा कि पुलिस का इस प्रकार का व्यवहार अत्यंत निंदनीय और अमानवीय है। चंद्रशेखर आजाद ने राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन से न्याय की मांग की है और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने की बात कही है।

दलितों को हिंदू मानती है या नहीं बीजेपी ?

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कटनी की घटना पर भाजपा पर तीखा हमला किया और सवाल उठाया कि भाजपा, जो हिन्दुओं के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाती है, क्या दलितों को हिंदू मानती है या नहीं? उन्होंने कहा कि अगर दलित हिंदू हैं, तो उनके साथ बांग्लादेश जैसी अमानवीय स्थितियां क्यों उत्पन्न हो रही हैं? मौर्य ने भाजपा पर दलितों के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए राज्य में दलितों के अधिकारों की रक्षा की मांग की।

कमलनाथ ने घटना की कड़ी निंदा

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कटनी की घटना की कड़ी निंदा की है और इस मुद्दे को सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर उठाया। उन्होंने लिखा, “मध्य प्रदेश के कटनी में जीआरपी पुलिस द्वारा एक दलित बच्चे और महिला को बेरहमी से पीटने की घटना बताती है कि राज्य में दलितों का जीवन सुरक्षित नहीं है। रक्षक ही उनके भक्षक बनते जा रहे हैं। सीएम साहब! कब रुकेगा दलितों पर अत्याचार?”

जीआरपी थाना प्रभारी अरुणा वाहने ने कहा:

जीआरपी थाना प्रभारी अरुणा वाहने ने कहा कि कुसुम वंशकार का बेटा और नाबालिग का पिता, दीपक वंशकार, एक शातिर अपराधी है जिसे पुलिस काफी समय से तलाश कर रही थी। दीपक वंशकार पर 17 मामले दर्ज हैं, और वह रेल पुलिस के लिए मोस्टवांटेड था, जिस पर दस हजार रुपये का इनाम भी घोषित था। प्रभारी के अनुसार, चोरी की वारदातों में दीपक का परिवार भी शामिल रहता था, इसलिए पुलिस ने पूछताछ के लिए कुसुम और उसके पोते को थाने बुलाया था। दीपक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है, जबकि कुसुम और उसका पोता अब अपने घर पर हैं।

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कब रुकेगा दलितों पर अत्याचार 

दलितों पर अत्याचार की घटनाएं राजनीतिक दलों के बदलने से भी पूरी तरह रुकती नहीं दिखती हैं। चाहे कांग्रेस का शासन हो या बीजेपी का, कई बार दलितों और अन्य कमजोर वर्गों के साथ अमानवीय घटनाएं होती रही हैं। राजनीतिक बयानबाजी से परे, ज़मीनी स्तर पर न्याय और समानता की जरूरत है, ताकि दलित समुदाय को वास्तविक सुरक्षा और सम्मान मिल सके। क्योंकि दलित भी इंसान हैं, और उन्हें संविधान द्वारा समान अधिकार दिए गए हैं। लेकिन वास्तविकता में यह अधिकार कई बार दबा दिए जाते हैं। यह ज़रूरी है कि समाज में जागरूकता बढ़े और कानून का सख्ती से पालन हो ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और दलितों को उनके हक और सम्मान मिले।

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