मध्य प्रदेश में दलित महिला सरपंच उमा अहिरवार और उनके पति पर गांव के दबंग ने घर में घुसकर मारपीट की। आरोपी ने रास्ता ठीक न करवाने पर गाली-गलौज की और जान से मारने की धमकी दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।
MP News: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के अकौना गांव में दलित महिला सरपंच उमा अहिरवार और उनके पति पर गांव के दबंगों द्वारा घर में घुसकर की गई मारपीट ने पूरे इलाके में आक्रोश पैदा कर दिया है। इस घटना से इलाके में तनाव का माहौल बन गया है, वहीं पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस मामले ने राज्य में दलितों के खिलाफ हिंसा और उत्पीड़न के मुद्दे को एक बार फिर से उजागर कर दिया है।
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घटना की शुरुआत
पीड़ित उमा अहिरवार, जो ग्राम पंचायत अकौना की सरपंच हैं, अपने घर के किचन में खाना बना रही थीं, तभी गांव के ही दबंग व्यक्ति अमित सिंह परिहार ने उनके घर में जबरन प्रवेश किया। उमा अहिरवार के पति ने बताया कि अमित परिहार ने घर में घुसते ही सरपंच को अपमानित करने वाले शब्दों का इस्तेमाल किया और कहा, “तुम गांव की किस बात की सरपंच हो?” यह पूछते हुए उसने सरपंच को धमकी दी कि उनके दरवाजे के सामने से गुजरने वाले रास्ते की मरम्मत क्यों नहीं की गई। इसी बात पर दोनों के बीच बहस होने लगी और स्थिति तेजी से बिगड़ने लगी।
बच्चों ने बीच-बचाव कर छुड़ाया
मारपीट की आवाज सुनकर उमा अहिरवार के बच्चे दौड़े चले आए और उन्होंने बीच-बचाव करके अपनी मां और पिता को हमलावरों से छुड़ाने का प्रयास किया। बच्चों के हस्तक्षेप के बाद मामला थोड़ा शांत हुआ, लेकिन आरोपी अमित सिंह परिहार ने सरपंच और उनके पति को जान से मारने की धमकी दी। इस धमकी ने परिवार को और अधिक भयभीत कर दिया और उन्हें अपनी सुरक्षा की चिंता सताने लगी।
पुलिस ने मामला किया दर्ज
घटना के बाद सरपंच और उनके पति ने खजुराहो थाने में जाकर इस मामले की शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत पर संज्ञान लेते हुए पुलिस ने आरोपी अमित सिंह परिहार के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। खजुराहो के एसडीओपी सलिल शर्मा ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और तथ्यों की पुष्टि के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
दलित समुदाय में बढ़ता असुरक्षा का माहौल
इस घटना ने छतरपुर जिले में दलित समुदाय के लोगों के मन में असुरक्षा का माहौल उत्पन्न कर दिया है। पीड़ित परिवार का कहना है कि गांव के दबंग लोग उन्हें बार-बार धमकी देते रहते हैं और आए दिन उनके साथ अपमानजनक व्यवहार किया जाता है। घटना के बाद कई दलित परिवारों ने पुलिस और प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाई है। उमा अहिरवार का कहना है कि दलित होने की वजह से उन्हें अक्सर अपमानित किया जाता है, और अब इस घटना के बाद उनके परिवार की सुरक्षा को लेकर वे काफी चिंतित हैं।
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मामले ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में मचाई हलचल
यह मामला मीडिया में सामने आने के बाद राजनीतिक और सामाजिक हलकों में भी हलचल मचा रहा है। कई दलित संगठनों और नेताओं ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। दलित समुदाय के नेताओं ने कहा है कि इस प्रकार के हमले दलितों को दबाने और उनकी आवाज़ को कुचलने का प्रयास हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए ताकि दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिल सके और दलित समाज में सुरक्षा का माहौल बन सके।
पुलिस की अगली कार्रवाई का इंतजार
खजुराहो पुलिस का कहना है कि घटना की जांच की जा रही है और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। एसडीओपी सलिल शर्मा ने बताया कि पुलिस इस मामले में सभी पहलुओं पर ध्यान दे रही है और अगर आवश्यकता पड़ी तो अतिरिक्त सुरक्षा भी मुहैया कराई जाएगी।
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