दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर यमुना के पानी में जहर मिलाने का आरोप लगाया, जिसे दिल्ली जल बोर्ड ने “झूठा और आधारहीन” बताया। जल बोर्ड की सीईओ शिल्पा शिंदे ने कहा कि पानी की गुणवत्ता पर नियमित निगरानी होती है और अमोनिया बढ़ने की समस्या सर्दियों में सामान्य है। भाजपा ने केजरीवाल पर झूठ फैलाने और राजनीतिक लाभ उठाने का आरोप लगाया, जबकि जल संकट के समाधान पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उस बयान ने राजनीति में हलचल मचा दी जिसमें उन्होंने हरियाणा सरकार पर यमुना के पानी में “जहर” मिलाने का आरोप लगाया। केजरीवाल ने यह दावा किया कि यह हरकत जानबूझकर की गई ताकि इसका दोष उनकी सरकार पर मढ़ा जा सके। लेकिन, दिल्ली जल बोर्ड की सीईओ शिल्पा शिंदे ने इस बयान को “तथ्यहीन, आधारहीन और भ्रामक” करार देते हुए इसे पूरी तरह से खारिज कर दिया। उन्होंने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इस मामले को उपराज्यपाल के संज्ञान में लाने की सिफारिश की।
शिल्पा शिंदे ने अपने पत्र में कहा कि यमुना के पानी की गुणवत्ता पर दिल्ली जल बोर्ड नियमित रूप से निगरानी करता है। हर साल सर्दियों में यमुना के पानी में अमोनिया की मात्रा बढ़ जाती है, लेकिन इसे “जहर” कहकर जनता में भय पैदा करना उचित नहीं है। वर्तमान में वजीराबाद तालाब में अमोनिया का स्तर बढ़ा है, लेकिन इसे जल्द नियंत्रित कर लिया जाएगा।
सर्दियों में अमोनिया का बढ़ना सामान्य, झूठे आरोपों से बचें: दिल्ली जल बोर्ड
यमुना के पानी में अमोनिया का स्तर बढ़ने का मुद्दा नया नहीं है। यह हर साल सर्दियों के महीनों में होता है, जब नदी का प्रवाह धीमा हो जाता है। इसके बावजूद दिल्ली जल बोर्ड नियमित रूप से पानी की गुणवत्ता की जांच कर रहा है और इसे सुरक्षित बनाने के लिए कदम उठा रहा है।
दिल्ली जल बोर्ड का यह भी कहना है कि इस तरह के झूठे आरोप न केवल लोगों में अनावश्यक भय उत्पन्न करते हैं, बल्कि हरियाणा जैसे पड़ोसी राज्यों के साथ दिल्ली के संबंधों को भी खराब कर सकते हैं। केजरीवाल सरकार का यह आरोप “जल आतंकवाद” जैसे शब्दों तक पहुंच गया, जो अंतर-राज्यीय रिश्तों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
केजरीवाल की राजनीति: आरोप-प्रत्यारोप की रणनीति?
आरोप लगाना और फिर उनके पीछे खड़ा न रहना आम आदमी पार्टी की राजनीति का नया चेहरा बनता जा रहा है। विपक्षी दल, खासकर भाजपा और अब हरियाणा सरकार ने इसे “झूठ और डर की राजनीति” करार दिया है। भाजपा नेता नायब सैनी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “केजरीवाल को झूठ फैलाने और फिर अपने ही आरोपों पर पीछे हटने की आदत हो गई है। यह उनकी ‘थूक कर चाटने’ वाली मानसिकता को दर्शाता है।”
भाजपा का पलटवार: जल संकट पर राजनीति बंद करें AAP
भाजपा ने इसे आम आदमी पार्टी की चुनावी रणनीति का हिस्सा बताया। भाजपा नेताओं का कहना है कि केजरीवाल सरकार दिल्ली के पानी संकट के समाधान में विफल रही है और अब अपनी नाकामी छिपाने के लिए हरियाणा सरकार पर झूठे आरोप लगा रही है। भाजपा नेताओं ने दिल्ली जल बोर्ड की सीईओ शिल्पा शिंदे के पत्र का हवाला देते हुए कहा कि जब खुद सरकारी अधिकारी इन आरोपों को झूठा कह रहे हैं, तो यह साफ है कि केजरीवाल सिर्फ सियासी फायदे के लिए डर का माहौल बना रहे हैं।
केजरीवाल सरकार पर बढ़ता दबाव
केजरीवाल सरकार के इस दावे ने उन्हें सवालों के घेरे में ला दिया है। दिल्ली जल बोर्ड का साफ तौर पर कहना है कि यमुना के पानी की नियमित जांच हो रही है और हरियाणा सरकार पर लगाए गए आरोप पूरी तरह झूठे हैं। इसके बावजूद, केजरीवाल सरकार इस मुद्दे को उठाकर राजनीतिक लाभ लेना चाह रही है।
सियासी लड़ाई का नुकसान जनता को
इस पूरे विवाद में सबसे बड़ा नुकसान दिल्ली की जनता का हो रहा है। सियासी आरोप-प्रत्यारोप और झूठे दावों ने आम लोगों में भय पैदा किया है। जल संकट जैसे गंभीर मुद्दे पर राजनीति करने के बजाय सभी दलों को मिलकर समाधान की दिशा में काम करना चाहिए। केजरीवाल सरकार और भाजपा दोनों को चाहिए कि जनता के हित में झूठी बयानबाज़ी बंद करें और ठोस नीतियों पर ध्यान दें।
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