देश के हर राज्य हर जिले से आए दिन दलितों के साथ उत्तपीड़न के मामले सामने आते रहते है लेकिन मध्यप्रदेश में यह सब आम हो चुका है। मध्यप्रदेश से रोज दलितों के साथ उत्तपिडन के नए नए मामले सामने आते रहते है। मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले के मोहन बड़ोदिया थाना क्षेत्र के ग्राम बिजाना से दलित समाज के वृद्ध दंपत्ति सिद्धनाथ (80), रेशम (75) और उनकी बहू के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। सवर्णों ने वृद्ध दंपत्ति और उनकी बहू के साथ मारपीट कर खेतों में पटक दिया साथ ही फसल भी खराब कर दी। इस घटना के बाद भीम आर्मी पीड़ित परिवार की मदद के लिए निकल पड़ी है और शिवराज सरकार को सवालों में लेकर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रही है।
मामला पुलिस तक पहुँच गया है लेकिन पुलिस प्रशासन ने अभी तक कोई कार्यवाही नहीं कि है। पीड़ितों का कहना है कि उनकी पट्टे की जमीन जिसे कर्ज चुकाने के लिए उन्होंने दो साल के लिए लीज पर दिया था उस जमीन की संबंधितों ने धोखाधड़ी करके बिक्री पत्र बनवा लिया।
दलित परिवार का कहना है कि जब दलित परिवार ने अपने पट्टे की जमीन पर फसल की बोवनी की तो दबंगों ने पूरे खेत में बक्खर चला कर फसल को बर्बाद कर दिया। इसका विरोध करने पर वृद्ध दंपत्ति और उनकी बहू के साथ चार लोगों ने मारपीट की और हाथ पैर बांध कर खेत में ही छोड़ दिया। मामले में मोहन बड़ोदिया पुलिस आवेदन के आधार पर जांच करने की बात कह रही है।
इस से पहले भी मध्यप्रदेश के देवास जिले से आदिवासी परिवार के 5 लोगों की हत्या का मामला सामने आया है। कुछ दिनों पहले मई महीने से लापता परिवार के कंकाल एक खेत से निकाले गए। परिवार के पांचों सदस्यों की हत्या गाला घोट कर की गई थी और हत्या के बाद 10 फुट गहरे गड्ढे में दफना दिया गया। इस मामले से जुड़े 6 लोगों को पुलिस प्रशासन ने गिरफ्तार कर लिया है। मध्यप्रदेश में दलितों के साथ उत्तपिडन की खबरें अब आम हो चुकी है। सरकार ऐसी घटनाओं को लेकर कोई कार्यवाही नहीं करती है जिससे आरोपियों के हौसले बुलंद होती है। सरकार की इसी लापरवाही का खामियाजा मध्यप्रदेश के लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
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